मेला ग्राउंड से कलेक्ट्रेट तक निकाला मार्च।
ओबीसी महासभा ने मंगलवार को छतरपुर में अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। संगठन के सैकड़ों सदस्यों ने शहर के मेला ग्राउंड से कलेक्ट्रेट तक एक विशाल पैदल मार्च निकाला और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। महासभा के पदाधिकारियों ने क
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27% आरक्षण लागू करने की प्रमुख मांग
ओबीसी महासभा के इस प्रदर्शन का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए 27% आरक्षण को तत्काल प्रभाव से लागू करवाना और न्यायालय में लंबित 13% आरक्षण पर लगी रोक (होल्ड) को हटवाना है। इसके साथ ही, संगठन ने पिछड़ा वर्ग के जिन चयनित विद्यार्थियों की नियुक्तियां आरक्षण संबंधी कानूनी अड़चन के कारण रुकी हुई हैं, उन्हें तुरंत जॉइनिंग देने की भी पुरजोर मांग की।
संगठन ने मेला ग्राउंड से कलेक्ट्रेट तक विशाल पैदल मार्च निकाला।
जाति जनगणना और किसानों के लिए उचित मूल्य की गारंटी की मांग
प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार से देशव्यापी जाति जनगणना कराने और जनसंख्या के अनुपात में सभी वर्गों को हिस्सेदारी सुनिश्चित करने की मांग उठाई। इसके अतिरिक्त, किसानों के हितों की रक्षा करते हुए उनकी फसलों के उचित मूल्य की गारंटी देने की भी मांग ज्ञापन में शामिल की गई। महासभा ने मंदिरों में लगी पिछड़ा वर्ग, ओबीसी, एससी-एसटी समुदाय की जमीनों को मुक्त कराकर उन पर शैक्षणिक संस्थान और अस्पताल जैसे सार्वजनिक हित के कार्य करने की मांग रखी।
कथावाचक देवकी पटेल पर कार्रवाई की मांग
ओबीसी महासभा ने हाल ही में कथावाचक देवकी पटेल के खिलाफ दर्ज हुए मामले में त्वरित कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि जबलपुर के पनागर में एफआईआर दर्ज होने के बावजूद अभी तक उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई है, जो कि निराशाजनक है।
महासभा के पदाधिकारियों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा।
महासभा द्वारा उठाई गई अन्य प्रमुख मांगों में न्यायालयों में कॉलेजियम प्रणाली को समाप्त करना, सरकारी नौकरियों में इंटरव्यू प्रणाली में सुधार लाना, लाड़ली बहना योजना के क्रियान्वयन से पिछड़ा वर्ग के छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति पर किसी भी प्रकार का नकारात्मक प्रभाव न पड़ने देना और किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली उपलब्ध कराना शामिल है।
मांगें न मानने पर मुख्यमंत्री को चूड़ियां भेंट करने की चेतावनी
प्रदर्शन में शामिल महिला प्रदर्शनकारी रानी ने सरकार को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि यदि उनकी मांगों को जल्द ही पूरा नहीं किया गया तो महिला शक्ति सड़कों पर उतरेगी और मुख्यमंत्री को चूड़ियां भेंट की जाएंगी। उन्होंने कहा कि महिलाएं जब दो परिवारों को कुशलतापूर्वक संभाल सकती हैं, तो वे देश को भी चलाने की क्षमता रखती हैं।