लुधियाना जिले के जगराओं में एशिया की दूसरी सबसे बड़ी अनाज मंडी समेत आस पास की मंडियों में फसलों की लिफ्टिंग ना होने से भड़के किसानों ने शुक्रवार को सिधवां बेट में जालंधर-बरनाला हाईवे पर बने पुल पर धरना लगा कर चक्का जाम दिया। इस दौरान किसानों ने जमकर
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जाम लगाकर धरना दे रहे किसानों ने कहा कि सरकार मंडियों को खाली करेगी तो ही किसान मंडी में फसल उतारेगा। सरकारें जानबूझ कर किसानों को परेशान कर रही है। ताकि किसान थक हार कर प्राइवेट कॉर्पोरेट घरानों को अपनी फसलें बेचने को मजबूर हो जाए।
मंडी में फसल उतारने के लिए नहीं है जगह
इस दौरान भारतीय किसान यूनियन पंजाब की अगुआई में धरना दे रहे किसान नेता हरनेक सिंह गुरमीत सिंह सहित आदि किसानों ने कहा कि पिछले काफी समय से किसान मांग कर रहे है कि मंडियों में धान की बोरियों के अंबार लगे हुए है। सरकार इसे जल्द से जल्द उठाए। लेकिन सरकार द्वारा लिफ्टिंग ना करवाने के कारण आज मंडियों में हालात बद से बदतर बन चुके है। किसानों को अपनी ही फसल उतारने के लिए किसी भी मंडी में जगह नहीं मिल रही है। जिसके कारण अकेले जगराओं शहर की मंडी में पौने दो लाख के करीब बोरी खुले आसमान के नीचे पड़ी है। जबकि सिधवां बेट समेत छोटी मंडियों में फसल उतारने के लिए जगह नहीं बची है।
सरकार पर लगाए परेशान करने के आरोप
किसानों ने कहा कि फसल की कटाई के बाद किसान अपनी फसल को कहा रखे, मंडियों में खरीद ना होने के कारण किसानों की फसल खराब हो रही है। ऐसे में अगर बारिश आ जाए तो किसानों की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगी। किसान नेताओं ने कहा कि सरकार जानबूझ कर किसानों को परेशान कर रही है। ताकि किसान मंडियों की जगह प्राइवेट घरानों को अपनी फसल बेच सके। ताकि आने वाले समय में सरकार यह दावा पेश कर सके कि मंडियों में फसल नहीं आ रही, इसलिए सरकारी मंडियों को बंद किया जाए। लेकिन किसान सरकार की इस चाल को कभी कामयाब नहीं होने देंगे।
बैरिकेड लगाकर किया रास्ता बंद
अपनी मांग को लेकर सड़कों पर उतरे किसानों ने जालंधर बरनाला हाईवे पर धरना लगा कर सड़क पर बैरिकेड लगा कर रास्ता बंद कर दिया। जिससे हाईवे पर ट्रैफिक जाम हो गया। इस दौरान आने जाने वाले लोगो को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। वहीं किसानों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर अपना गुस्सा निकाल कर धरने पर सतनाम वाहेगुरु का पाठ शुरू कर दिया।