जबलपुर में 16 अगस्त 2022 की एक खुशनुमा सुबह थी। सुपर मार्केट में रोज की तरह चहल-पहल शुरू हो रही थी। इंडियन कॉफी हाउस के सामने स्थित “पायल वाला गोल्ड शोरूम’ की तरफ किसी ने नजर भी नहीं डाली थी, लेकिन कुछ ही घंटों में शहर की पुलिस और व्यापार जगत में खल
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इस नकबजनी की घटना से पुलिस भी सन्न रह गई। इस वारदात का मास्टर माइंड गुलाम मुस्तफा उर्फ गोपी (42) था। लॉकडाउन के बाद व्यापार में हुए नुकसान और बढ़ते कर्ज ने उसे अपराध की दुनिया में उतरने पर मजबूर कर दिया। उसके साथ बैजू उर्फ बैजुद्दीन (32) और आरिफ उर्फ रज्जब (28) थे। इन तीनों ने मिलकर शोरूम को निशाना बनाया, लेकिन इसके पीछे एक महीना लंबी प्लानिंग और रैकी की थी।
15 अगस्त की रात, जब पूरा देश आजादी का जश्न मना रहा था, तभी ये तीनों चुपचाप अपने इरादों को अंजाम देने निकल पड़े। शोरूम के पीछे स्थित चैनल गेट से प्रवेश कर, 10 मजबूत ताले काटकर भीतर पहुंचे और सीसीटीवी की डीवीआर निकाल ली ताकि कोई सबूत न बचे और फिर शो रूम में मिली एक बोरी में कीमती सोने के जेवर समेटकर निकल भागे। वे करीब दो घंटे तक शोरूम के अंदर रहे थे।
तीन घंटे तक कार को घुमाया
वारदात के दौरान इनोवा कार की नंबर प्लेट कपड़े से ढंकी गई थी, ताकि पहचान न हो सके। यही कार गोलबाजार के दत्त मंदिर के पास एक गली में खड़ी की गई। आरोपी पैदल-पैदल गलियों से होते हुए शोरूम के पीछे पहुंचे। वारदात के बाद भी उन्होंने पुलिस को भ्रमित करने की हर मुमकिन कोशिश की। मुख्य सड़कों के साथ-साथ गलियों में तीन घंटे तक इनोवा को घुमाया गया और फिर कोसमघाट के सुनसान इलाके में चुराए जेवर, औजार, कपड़े छिपा दिए। डीवीआर को बहते नाले में फेंक दिया और इनोवा को भेड़ाघाट में छोड़ दिया।
जेवर आपस में बांट लिए
कुछ घंटे बाद आरोपी मोटर साइकिल से कोसमघाट वापस लौटे और जेवर की बोरी लेकर गुलाम मुस्तफा उर्फ गोपी के घर ले गए, जहां सोने को बराबरी से आपस में बांट लिया। लेकिन लालच यहीं नहीं रुका। जब आरिफ ने अखबार में वारदात की खबर पढ़ी, तो उसने मुस्तफा पर दबाव बनाया कि अगर उसे वाजिब हिस्सा न मिला तो वह पुलिस को सब कुछ बता देगा। मुस्तफा ने उसे चुप कराने के लिए 50 ग्राम सोनाअ दे दिया।
दो एंगल पर पुलिस ने फोकस किया
इस हाई-प्रोफाइल चोरी ने जबलपुर पुलिस की नींद उड़ा दी थी, लेकिन पुलिस ने भी हार नहीं मानी। दो बिंदुओं पर जांच केंद्रित की गई- एक, वारदात में प्रयुक्त गाड़ी और दूसरा, आरोपियों की पहचान। 300 किलोमीटर तक सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए, जिससे इनोवा और मोटर साइकिल की पहचान हुई। इसके आधार पर तीनों को वारदात के 15 दिन बाद गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने आरोपियों के पास से 10 किलो सोने के जेवर बरामद किए। साथ ही वारदात में प्रयुक्त कटर, इनोवा कार और मोटर साइकिल भी जब्त की थीं।