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जयराम रमेश बोले- संविधान में धर्मनिरपेक्ष शब्द इंदिरा ने जुड़वाया: मोदी ने कहा था– पूर्व पीएम ने लोकतंत्र का गला घोंटने का काम किया


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नई दिल्ली5 मिनट पहले

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जयराम रमेश ने कहा- संशोधन के जरिए लाए कई प्रावधान आधी सदी तक बरकरार रहे।

कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने रविवार को प्रधानमंत्री मोदी के भाषण का पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि- संविधान के प्रस्तावना में समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष जैसे शब्द इंदिरा गांधी की वजह से जुड़े थे।

पीएम मोदी ने संसद के शीतकालीन सत्र में ये भाषण दिया था कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने लोकतंत्र का गला घोंटने का काम किया है।

रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर ट्वीट करते हुए लिखा – ‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके सहयोगियों ने 42वें संशोधन के लिए पूर्व पीएम इंदिरा गांधी पर तीखा हमला किया था, लेकिन उन्होंने इसका जिक्र नहीं किया कि पूर्व पीएम ने अन्य कांग्रेस सांसदों के साथ मिलकर 44वें संशोधन के पक्ष में मतदान किया था, जिसके तहत 42वें संशोधन के माध्यम से लाए गए कई प्रावधानों को हटा दिया गया था।’

रमेश ने कहा- प्रधानमंत्री और उनके सहयोगियों ने इस तथ्य का भी उल्लेख नहीं किया कि 42वें संशोधन के कई प्रावधानों के लागू होने के करीब आधी सदी बाद भी उन्हें बरकरार रखा गया था।

कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने रविवार को ये ट्वीट किया।

पीएम ने कहा था- इंदिरा गांधी ने सुप्रीम कोर्ट का फैसला पलटा शीतकालीन सत्र में संविधान पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात का जिक्र किया था कि 1971 में जब इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं, तो उन्होंने संविधान में संशोधन करके सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट दिया था।

पीएम ने कहा था कि उस संशोधन में ये प्रावधान था कि संसद न्यायिक समीक्षा के बिना संविधान के किसी भी अनुच्छेद को बदल सकती है, जिससे कोर्ट की शक्तियां समाप्त हो गईं और तत्कालीन सरकार को मौलिक अधिकारों में कटौती करने का साथ सुप्रीम कोर्ट को नियंत्रित करने का मौका मिला।

साथ ही प्रधानमंत्री ने इंदिरा गांधी और कांग्रेस पर इमरजेंसी के दौरान संविधान का दुरुपयोग करने और लोकतंत्र का गला घोंटने का भी आरोप लगाया था। पूरी खबर पढ़िए…

रक्षा मंत्री राजनाथ ने कहा था- नेहरू-इंदिरा ने संविधान बदला 13 दिसंबर को संसद के शीतकालीन सत्र के 14वें दिन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि कांग्रेस ने संविधान बदला था। ऐसा चुनी हुई सरकारों को गिराने, संविधान से ऊपर अपना स्वार्थ पूरा करने, इमरजेंसी के जरिए संविधान को नुकसान पहुंचाने के लिए किया गया था।

राजनाथ के बयान पर प्रियंका गांधी ने कहा था- रक्षा मंत्री संविधान निर्माताओं में नेहरू जी का नाम नहीं लेते। जहां जरूरत होती है, वहां जरूर लेते हैं। पहले क्या हुआ, उसे अब बताने का क्या मतलब है। अभी सरकार आपकी है, आपने क्या किया, जनता को ये बताइए। पूरी खबर पढ़ें…

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