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June Sankashti Chaturthi 2025 Date: जून की संकष्टी चतुर्थी आषाढ़ कृष्ण चतुर्थी तिथि के दिन है. यह कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी कहलाती है. इस बार जून संकष्टी चतुर्थी पर 3 शुभ योग बनेंगे और पाताल की भद्रा रहेगी. द…और पढ़ें
जून संकष्टी चतुर्थी 2025 तारीख और मुहूर्त
हाइलाइट्स
- जून की संकष्टी चतुर्थी आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को है.
- इसे कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी कहते हैं.
- चतुर्थी के दिन 3 शुभ योग बन रहे हैं. उस दिन भद्रा भी रहेगी.
जून की संकष्टी चतुर्थी आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को है, इसे कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी कहते हैं. इस बार कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी के दिन 3 शुभ योग बन रहे हैं. उस दिन भद्रा भी रहेगी. संकष्टी चतुर्थी की पूजा दिन में होती है और रात के समय में चंद्रमा की पूजा करके अर्घ्य देते हैं. इस व्रत में उपवास करने वाले लोगों की चांद के निकलने की प्रतीक्षा होती हैं क्योंकि कृष्ण पक्ष का चंद्रमा देर से निकलता है, जो व्रती की व्याकुलता को बढ़ा देता है. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं कि जून संकष्टी चतुर्थी कब है? संकष्टी चतुर्थी मुहूर्त, शुभ योग और चांद निकलने का समय क्या है?
जून संकष्टी चतुर्थी 2025 तारीख
जून संकष्टी चतुर्थी 2025 मुहूर्त
संकष्टी चतुर्थी के दिन ब्रह्म मुहूर्त 04:02 ए एम से 04:43 ए एम तक है. उस दिन का शुभ समय यानि अभिजीत मुहूर्त 11 बजकर 54 मिनट से दोपहर 12 बजकर 49 मिनट तक है. इस दिन का निशिता मुहूर्त 12:01 ए एम से 12:42 ए एम तक है. शुभ-उत्तम मुहूर्त 07:07 ए एम से 08:52 ए एम तक है.
3 शुभ योग में जून संकष्टी चतुर्थी 2025
इस बार की संकष्टी चतुर्थी पर 3 शुभ योग बन रहे हैं. व्रत के दिन ब्रह्म योग प्रात:काल से लेकर दोपहर 01 बजकर 13 मिनट तक है. वहीं इंद्र योग दोपहर 01 बजकर 13 मिनट से रात तक है. चतुर्थी को सर्वार्थ सिद्धि योग देर रात 12:22 ए एम से 15 जून को 05:23 ए एम तक है. चतुर्थी पर उत्तराषाढा नक्षत्र प्रात:काल से लेकर 15 जून को 12:22 ए एम तक है. उसके बाद श्रवण नक्षत्र है.
14 जून को संकष्टी चतुर्थी के दिन चांद निकलने का समय रात 10 बजकर 07 मिनट है. इस समय में व्रती को चंद्रमा की पूजा करनी चाहिए. उसके बाद कच्चे दूध, सफेद फूल, अक्षत् और पानी से अर्घ्य दें. फिर अगले दिन सूर्योदय बाद पारण करके व्रत को पूरा करें.
संकष्टी चतुर्थी का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार संकष्टी चतुर्थी का व्रत और गणेश जी की पूजा करने से संकटों का नाश होता है. गणेश जी के आशीर्वाद से विघ्न और बाधाएं दूर होती हैं. जीवन में शुभता आती है और मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इस दिन पूजा में गणेश जी को दूर्वा, सिंदूर, मोदक, फल आदि का भोग लगाना चाहिए.
कार्तिकेय तिवारी Hindi News18 Digital में Deputy News Editor के पद पर कार्यरत हैं. वर्तमान में धर्म, ज्योतिष, वास्तु और फेंगशुई से जुड़ी खबरों पर काम करते हैं. पत्रकारिता में 12 वर्षों का अनुभव है. डिजिटल पत्रक…और पढ़ें
कार्तिकेय तिवारी Hindi News18 Digital में Deputy News Editor के पद पर कार्यरत हैं. वर्तमान में धर्म, ज्योतिष, वास्तु और फेंगशुई से जुड़ी खबरों पर काम करते हैं. पत्रकारिता में 12 वर्षों का अनुभव है. डिजिटल पत्रक… और पढ़ें