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झारखंड में 24 घंटे से लगातार हो रही बारिश: रांची, लोहरदगा, गुमला, सिमडेगा और खूंटी जिले में रेड अलर्ट; 8 जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी – Ranchi News


झारखंड में मानसून की एंट्री के बाद मंगलवार से पूरे राज्य में लगातार बारिश हो रही है। पूरा राज्य पानी-पानी हो गया है। नदी-नाले उफना गए हैं। दरअसल बंगाल की खाड़ी में बना निम्न दबाव का क्षेत्र उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर बढ़ रहा है, जिससे झारखंड में मानसून

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मौसम विज्ञान केंद्र रांची के वैज्ञानिक अभिषेक आनंद ने बताया कि आज रांची, लोहरदगा, सिमडेगा, खूंटी और गुमला जिलों में भारी बारिश की आशंका है। इसे देखते हुए मौसम विभाग ने इन जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है।

प्रदेश के छोटे-बड़े हर नदी-नाले का जलस्तर बढ़ गया है।

वहीं, रामगढ़, हजारीबाग, कोडरमा, चतरा, पलामू और गढ़वा जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। विभाग ने लोगों को सतर्क रहने की अपील की है।

30 से 40 km/h की रफ्तार से चल सकती है हवा

मौसम विभाग ने 20 जून को भी राज्य के कई इलाकों में भारी बारिश होने की संभावना जताई है। कुछ स्थानों पर 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की भी उम्मीद है।

विभाग के मुताबिक, 24 जून तक झारखंड के विभिन्न हिस्सों में वज्रपात के साथ बारिश जारी रह सकती है। इस दौरान लोगों से खुले में न निकलने और सावधानी बरतने की अपील की गई है।

पलामू के कोयल नदी में भी जलस्तर काफी बढ़ा हुआ है।

बारिश से जनजीवन प्रभावित, गर्मी से राहत

लगातार हो रही बारिश से राज्य में जनजीवन प्रभावित हो गया है, लेकिन लोगों को भीषण गर्मी से राहत मिली है। बुधवार को राज्य में सबसे अधिक तापमान बोकारो में 30.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। चाईबासा में तापमान 5 डिग्री गिरकर 27 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया।

निचले इलाके के घरों में बारिश का पानी घुस गया।

पलामू में अधिकतम तापमान 29.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, हालांकि यहां केवल तीन मिनट ही बारिश हुई। राजधानी रांची में अधिकतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जो 24 घंटे में 3.3 डिग्री कम हुआ है।

भारी बारिश के दौरान रखें जरूरी सावधानियां

मौसम विभाग की ओर से जरूरी सावधानियां बरतने को कहा गया है। जारी सलाह में बताया गया है कि घर के अंदर रहें और खिड़कियों-दरवाजों से दूर रहें, खासकर जब तेज हवाएं चल रही हों। संवेदनशील इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को बिजली के झटकों से बचाने के लिए उनका प्लग निकाल दें।

ऐसे समय में निचले इलाकों, नालों, अंडरपास और जहां पानी भरने की संभावना हो, वहां जाने से बचें। बाढ़ का पानी कब बहाव में बदल जाए, कहा नहीं जा सकता। सड़क पर जलजमाव हो तो उस रास्ते से न गुजरें, क्योंकि उसमें छिपे गड्ढे या खुले तार जानलेवा हो सकते हैं।

बाढ़ वाले इलाकों से रहें दूर

भारी बारिश में दृश्यता कम हो जाती है, ऐसे में वाहन चलाने से बचें। यदि संभव हो तो गाड़ी किनारे रोककर बारिश थमने का इंतजार करें। कभी भी बहते पानी में गाड़ी लेकर न उतरें, सिर्फ कुछ इंच पानी भी वाहन को बहा सकता है।

बाढ़ के पानी में तैरना या किसी भी तरह की गतिविधि करना खतरनाक हो सकता है, क्योंकि यह दूषित होता है और इसमें मलबा या बिजली के तार हो सकते हैं।

बिजली की गिरी हुई लाइनों से दूर रहें और किसी तार के टूटे होने पर तुरंत प्रशासन को सूचना दें। मौसम विभाग की चेतावनियों और अलर्ट पर लगातार नजर रखें, ताकि किसी भी आपात स्थिति के लिए पहले से तैयार रह सकें।



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