नई दिल्ली15 मिनट पहले
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टाटा मोटर्स ने हाल ही में अपनी सबसे पॉपुलर इलेक्ट्रिक कार नेक्सॉन ईवी का 45kWh बैटरी पैक वाला लॉन्ग रेंज वैरिएंट लॉन्च किया था। इस वैरिएंट को भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (BNCAP या भारत NCAP) से क्रैश टेस्ट में 5-स्टार सेफ्टी स्कोर मिला है।
क्रैश टेस्ट में कार ने एडल्ट सेफ्टी के लिए 32 में से 29.86 और चाइल्ड सेफ्टी के लिए 49 में से 44.95 पॉइंट हासिल किए। जून-2024 में भी नेक्सॉन ईवी को भारत-NCAP में हुए क्रैश टेस्ट में यही स्कोर मिला था।
क्रैश टेस्ट की प्रोसेस
1. टेस्ट के लिए इंसान जैसी 4 से 5 डमी को कार में बैठाया जाता है। बैक सीट पर बच्चे की डमी होती है, जो चाइल्ड ISOFIX एंकर सीट पर फिक्स की जाती है।2. गाड़ी को फिक्स्ड स्पीड पर ऑफसेट डिफॉर्मेबल बैरियर (हार्ड ऑब्जेक्ट) से टकराकर देखा जाता है कि गाड़ी और डमी को कितना नुकसान पहुंचा है। ये तीन तरीके से किया जाता है।
- फ्रंटल इम्पैक्ट टेस्ट में कार को 64 kmph की रफ्तार पर बैरियर से टकराया जाता है।
- साइड इम्पैक्ट टेस्ट में गाड़ी को 50 kmph की स्पीड पर बैरियर से टकराया जाता है।
- पोल साइड इम्पैक्ट टेस्ट में कार को फिक्स स्पीड पर पोल से टकराकर देखा जाएगा। पहले दो टेस्ट में कार के 3 स्टार रेटिंग हासिल करने पर तीसरा टेस्ट किया जाता है।
2. टेस्ट में देखा जाता है कि इम्पैक्ट के बाद डमी कितनी डैमेज हुई, एयरबैग और सेफ्टी फीचर्स ने काम किया या नहीं। इन सभी के आधार पर रेटिंग दी जाती है।