उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में तेज़ी से आबादी बढ़ रही हैं। इसके चलते शहर में ट्रैफिक भार भी तेजी से बढ़ गया है। आलम ये है कि ऑफिस के समय प्रमुख चौराहों पर लोगों को जाम से जूझना पड़ता है। 20-25 मिनट उन्हें जाम में भी खड़े रहना पड़ता है। इसे देखते हुए लखनऊ
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दरअसल अवध बार असोसिएशन ने कमता तिराहे के पास लगने वाले ट्रैफिक जाम के मुद्दे पर 2017 हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। जस्टिस राजन रॉय और जस्टिस ओम प्रकाश शुक्ल की बेंच ने इस मामले में LDA नगर निगम और पीडब्ल्यूडी से जवाब मांगा था और सर्वे करवाने के निर्देश दिए थे। वही इस मामले में गठित कमेटी की थी।
कमेटी ने दिए मोबिलिटी प्लान तैयार के निर्देश कमेटी मे प्रमुख सचिव पी गुरु प्रसाद ने LDA और नगर निगम को ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर एक सिटी मोबिलिटी प्लान तैयार करने का निर्देश दिए है। प्लान के तहत दोनों विभाग हाईकोर्ट के सामने लगने वाले जाम, किसान पथ और शहीद पथ के पास ट्रैफिक की व्यवस्था को दुरुस्त करने की योजना बनाएंगे। अफसरों का कहना है प्लान के तहत कई ब्रिज बनाने का प्रस्ताव भी शामिल किया जाएगा। जिससे शहर के अंदर पुलों का जाल बन जाएंगे।
ब्रिज बनाने में मेट्रो का रोड़ा LDA पॉलिटैक्निक चौराहे से किसान पथ तक एक एलिवेटेड ब्रिज बनाने की योजना बना रहा है। इसका सर्वे भी हुआ। प्रस्ताव बना कर शासन भी भेजा गया था, लेकिन दौरान मेट्रो ने अपने तीसरे फेज के तहत बनाने वाली लाइन का हवाला देते हुए आपत्ति लगी थी। मेट्रो प्रशासन का कहना है कि वो भविष्य में पॉलिटेक्निक चौराहे से किसान पथ मेट्रो चलाएंगे। जिसका प्रस्ताव सरकार को भेज दिया है। हालांकि अभी इसके बनने में 10 साल का समय लगेगा। कमेटी इन सब बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए प्लान तैयार करेगी।