प्रदेश के डीजीपी राजीव कृष्ण ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रदेश के सभी जोनल अपर पुलिस महानिदेशकों, पुलिस आयुक्तों, परिक्षेत्रीय पुलिस महानिरीक्षकों, पुलिस उप महानिरीक्षकों, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों और जिला प्रभारियों के साथ कानून-व्यवस्था और अपर
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डीजीपी ने अपने संबोधन में कहा कि पिछले आठ वर्षों में उत्तर प्रदेश ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दृढ़ इच्छाशक्ति के कारण न केवल देश बल्कि विश्व में बेहतर कानून-व्यवस्था का मानक स्थापित किया है। उन्होंने सभी अधिकारियों से इसी दृढ़ता के साथ काम करने और पुलिसिंग को जनता व पुलिस बल के बीच विश्वास का प्रतीक बनाने का आह्वान किया। डीजीपी ने जोर दिया कि पुलिस को प्रोफेशनल दृष्टिकोण अपनाते हुए बेस्ट प्रैक्टिसेस को अपनी कार्यशैली में शामिल करना होगा। उन्होंने कहा कि दृढ़ इच्छाशक्ति से आधी लड़ाई अपने आप जीती जा सकती है और इससे बड़ा बदलाव मुमकिन है।
हर जिलों में दस–दस अपराधियों को करें चिन्हित
डीजीपी ने कानून-व्यवस्था और अपराध नियंत्रण के लिए अफसरों के साथ 10 प्राथमिकताओं पर विस्तार से चर्चा की। डीजीपी ने कहा कि जीरो टॉलरेंस केवल नारा नहीं, बल्कि एक दृष्टिकोण है। प्रत्येक जिले के शीर्ष 10 अपराधियों की सूची तैयार कर उनकी गतिविधियों की निगरानी की जाए। इसी तरह महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए छेड़खानी जैसे अपराधों को गंभीरता से लेने और आगरा जोन के ऑपरेशन पहचान जैसे तकनीकी प्रयासों को अन्य क्षेत्रों में लागू करने का निर्देश दिया। महिला सुरक्षा के लिए ब्रोकन विंडो थ्योरी को अपनाने और उसके लिए एसओपी जारी करने की बात कही।
डीजीपी ने कहा कि जन शिकायतों का त्वरित और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। अधिकारियों की कार्यक्षमता का मूल्यांकन शिकायत निस्तारण के आधार पर होगा। इस संबंध में भी एक एसओपी जल्द जारी की जाएगी।
मेरिट पर हो थानेदारों की पोस्टिंग
कानून-व्यवस्था को लेकर कहा कि माइक्रो लेवल प्लानिंग, दूरदर्शिता, आकस्मिक योजना और नेतृत्व के जरिए इसे और मजबूत करना होगा। छोटी से छोटी सूचना को गंभीरता से लेने का निर्देश दिया गया।
डीजीपी ने अधिकारियों से एक अच्छी कार्य संस्कृति विकसित करने, फैसलों में ट्रांसपैरेंसी लाने और थाना प्रभारियों की नियुक्ति केवल मेरिट के आधार पर करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस को उत्कृष्टता की नई ऊंचाइयों तक ले जाना उनकी प्रतिबद्धता है।
साइबर क्राइम कंट्रोल में यूपी का बनाना है नंबर एक
डीजीपी ने कहा कि कोविड के बाद साइबर क्राइम में बढ़ोत्तरी हुई है। डीजीपी ने अगले एक साल में उत्तर प्रदेश पुलिस को साइबर क्राइम के खिलाफ देश में अग्रणी बनाने का लक्ष्य रखा। इसके लिए व्यापक प्रशिक्षण और जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए। उन्होंने पुलिस कर्मियों के कल्याण के लिए जोनल और रेंज स्तर पर प्रयास बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हर एक जवान को यह विश्वास दिलाना होगा कि विभाग हर मुश्किल में उनके साथ है।
राजीव कृष्ण ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस में 60,000 से अधिक नवचयनित आरक्षियों सहित कई प्रतिभाशाली अधिकारी हैं। डीजीपी ने इनके टैलेंट और दक्षता की मैपिंग की जाए।उन्होंने कहा कि यूपी पुलिस को जल्द ही एआई-आधारित पुलिसिंग में देश में अग्रणी बनाना है। विशेषज्ञों के सहयोग से इस दिशा में काम शुरू होगा। डीजीपी ने प्रशिक्षण में सुधार के लिए अफसरों से सुझाव भी मांगे हैं ताकि प्रशिक्षण से संगठन की गुणवत्ता में सुधार हो।
इस मौके पर डीजीपी ने जन शिकायतों के निस्तारण पर एक प्रजेंटेशन दिया, जिसमें शिकायतकर्ताओं के प्रति संवेदनशील रवैया अपनाने, उनकी समस्याओं का त्वरित और गुणवत्तापूर्ण समाधान के उपाय सुझाए गए हैं। उन्होंने कहा कि हर अधिकारी को शिकायतकर्ताओं के लिए हमेशा उपलब्ध रहना चाहिए, ताकि जनता में पुलिस के प्रति विश्वास बढ़े।
बैठक में एडीजी कानून व्यवस्था अमिताभ यश, एडीजी अपराध एसके भगत, एडीजी पीएसी सुजीत पांडेय, डीजीपी के जीएसओ एन रविंदर, एडीजी साइबर क्राइम विनोद कुमार सिंह और