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ड्रिंक में निर्धारित मानकों से ज्यादा मिला फॉस्फेट: जेयू के शोध में खुलासा-डायबिटीज सहित अन्य रोगों का कारण बन सकता है सॉफ्टड्रिंक का ज्यादा पीना – Gwalior News



फॉस्फेट ऐसा तत्व है जो शरीर के लिए आवश्यक है। यह बॉडी में हड्डियों को मजबूती देने का काम करता है, लेकिन यदि फॉस्फेट अधिक मात्रा में शरीर में पहुंच जाए तो शरीर के लिए काफी नुकसानदायक भी है। यह खुलासा जेयू के पर्यावरण रसायन की एमएससी फाइनल ईयर की छात्र

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जांच: 0.3 मिग्रा होनी चाहिए, मिला 20 शोध के लिए बाजार में मिलने वाली सॉफ्टड्रिंक के नमूनों की जांच करवाई गई। इनमें से कुछ ड्रिंक्स में फॉस्फेट की मात्रा 0.3 से लेकर 20 मिली ग्राम प्रति लीटर तक पाई गई। इनका पीएच भी 2 से 3.5 के बीच पाया गया, जो कि अधिक अम्लीयता को दशार्ता है। रासायनिक पैरामीटर में इस तरह की बढ़ी मात्रा और उसका अधिक सेवन स्वास्थ्य के लिए काफी नुकसानदायक हो सकता है।

परिणाम: हड्डियां भी हो जाती हैं कमजोर सॉफ्टड्रिंक में फॉस्फेट की अधिक मात्रा होने से यह हड्डियों के लिए नुकसानदायक है। इससे हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। दांतों कमजोर होकर गिर जाते हैं। {एसिड की अधिक मात्रा होने पर पेट में जलन, दर्द, गैस आदि की समस्याएं होने लगती हैं। {फॉस्फेट की बॉडी में ज्यादा मात्रा मेंं पहुंचने से टाइप टू डायबिटीज होने की संभावना अधिक हो जाती है। {बच्चों में भी डायबिटीज सहित अन्य रोग सॉफ्टड्रिंक के ज्यादा सेवन से हो सकते हैं।

मानक से ज्यादा घातक

विभाग समन्वयक डॉ. निमिषा जादौन ने बताया कि वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की रिपोर्ट के अनुसार पानी में 0.1 मिली ग्राम प्रति लीटर फॉस्फेट होना चाहिए। इससे अधिक मात्रा में फॉस्फेट बॉडी में जाती है तो वह नुकसानदायक है। सॉफ्टड्रिंक में यह मात्रा 0.3 से लेकर 20 मिली ग्राम प्रति लीटर तक पाई गई, जो मानक से काफी ज्यादा है।



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