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तेजस MK1 प्रोटोटाइप से अस्त्र मिसाइल का सफल परीक्षण: 100 किलोमीटर एयर-टू-एयर मारक क्षमता, पहले अमेरिका, रूस और फ्रांस के पास तकनीकी थी


नई दिल्ली9 मिनट पहले

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अस्त्र मिसाइल तेजस जैसे स्वदेशी लड़ाकू विमानों के साथ पूरी तरह से अनुकूल। (फाइल फोटो)

ओडिशा के चांदीपुर में भारतीय वायुसेना ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की। इसमें स्वदेशी अस्त्र एयर-टू-एयर मिसाइल का सफल टेस्ट किया गया। इस मिसाइल को LCA तेजस MK1 प्रोटोटाइप से लॉन्च किया गया।

दरअसल अस्त्र मिसाइल को पहले ही भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल किया जा चुका है। इस वजह से अस्त्र मिसाइल का स्वदेशी लड़ाकू विमानों के साथ सफलतापूर्वक जोड़ा जाना एक बड़ी उपलब्धि है।

अस्त्र मिसाइल को DRDO द्वारा बनाया गया है। यह मिसाइल 100 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तक दुश्मन के विमानों को मार गिराने में सक्षम है। यह पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक पर आधारित है, जिससे भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है, जो लंबी दूरी की एयर-टू-एयर मिसाइलों का निर्माण कर सकते हैं। इससे पहले इस तकनीक पर अमेरिका, रूस और फ्रांस जैसे देशों का वर्चस्व था।

मिसाइल की 3 खासियत:

  1. स्मोकलेस प्रोपल्शन टेक्नोलॉजी, जिससे दुश्मन को इसकी मौजूदगी का अंदाजा नहीं लगता।
  2. एडवांस्ड इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम, जो तेज गति से उड़ते लक्ष्यों को भी सटीक निशाना बना सकता है।
  3. तेजस जैसे स्वदेशी लड़ाकू विमानों के साथ पूरी तरह से अनुकूल।

तेजस के साथ पहली बार सफल ट्रायल, IAF की ताकत बढ़ेगी

इससे पहले, अस्त्र मिसाइल को सुखोई Su-30 MKI जैसे विमानों पर तैनात किया जा चुका था। लेकिन 12 मार्च 2025 को हुए इस टेस्ट ने साबित कर दिया कि यह LCA तेजस जैसे स्वदेशी फाइटर जेट्स के साथ भी पूरी तरह फिट बैठती है। इसका मतलब है कि आने वाले दिनों में भारतीय वायुसेना तेजस में अस्त्र मिसाइल को तैनात कर अपनी हवाई ताकत को और मजबूत करेगी।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस सफलता पर DRDO, IAF, ADA और HAL की पूरी टीम को बधाई दी और इसे ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में एक बड़ा कदम बताया।

सीमा पर भारत की रक्षा रणनीति को मिलेगी नई मजबूती

यह टेस्ट ऐसे समय पर हुआ है, जब भारत अपने रक्षा बेड़े को आधुनिक बनाने में जुटा है। अस्त्र मिसाइल की मारक क्षमता और तेजस से इसकी सफल लॉन्चिंग से भारत की डिफेंस डिटरेंस (रक्षा प्रतिरोधक क्षमता) को मजबूती मिलेगी। यह खासतौर पर सीमा पर बदलते हवाई युद्ध की रणनीति के लिहाज से अहम साबित होगा।

ASTRA से LCA तेजस MK1A की बढ़ेगी मारक क्षमता

इस टेस्ट के साथ ही LCA तेजस MK1A वेरिएंट के इंडक्शन की प्रक्रिया को तेज करेगा। तेजस का यह उन्नत वेरिएंट हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा विकसित किया जा रहा है। अस्त्र मिसाइल के साथ तेजस का इंटीग्रेशन होने से दुश्मन के विमानों को दूर से ही निशाना बनाया जा सकेगा।

स्वदेशी डिफेंस सेक्टर को बड़ा बढ़ावा

अस्त्र का सफल टेस्ट भारत के स्वदेशी रक्षा उत्पादन के लिए भी मील का पत्थर साबित होगा। इसमें ADA, DRDO, HAL, CEMILAC, DG-AQA और IAF जैसी कई संस्थाओं का योगदान रहा।

ASTRA एयर-टू-एयर मिसाइल सिस्टम में आत्मनिर्भरता की ओर कदम

  • आने वाले महीनों में अस्त्र मिसाइल के और टेस्ट होंगे, जिससे इसकी सटीकता और विश्वसनीयता को परखा जाएगा।
  • इसे LCA MK2 और AMCA (एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट) जैसे भविष्य के फाइटर जेट्स में भी शामिल करने की योजना है।
  • इससे भारत को एयर-टू-एयर मिसाइल सिस्टम में आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी, जिससे विदेशी हथियारों पर निर्भरता कम होगी।

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HAL बोला- जल्द होगी तेजस की डिलीवरी, तकनीकी दिक्कत थी, दूर हो गई

तेजस की डिलिवरी पर एयरफोर्स चीफ की चिंता के बाद हिंदुस्तान एयरोनॉटिकल लिमिटेड (HAL) ने बुधवार को जवाब दिया। HAL ने कहा कि हम जल्द ही वायुसेना को तेजस की डिलीवरी शुरू कर देंगे।

HAL के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर डीके सुनील ने कहा कि डिलिवरी में देरी के पीछे इंडस्ट्री को जिम्मेदार ठहराया जा रहा था, लेकिन यह देरी तकनीकी खामी की वजह से हुई है। अब इसे दूर कर लिया गया है। पूरी खबर पढ़ें…

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