नालंदा में आई आंधी तूफान से हुआ भारी नुकसान।
गत सप्ताह 10 अप्रैल गुरुवार की शाम नालंदा जिले में आई प्रचंड आंधी-बारिश ने व्यापक तबाही मचाई है। इस प्राकृतिक आपदा में 22 लोगों की दुखद मृत्यु हो गई, जबकि सैकड़ों घरों को गंभीर नुकसान पहुंचा है। जिला प्रशासन ने पीड़ित परिवारों को राहत पहुंचाने के लिए
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आपदा विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, जिलेभर से गृह क्षति के एवज में मुआवजा के लिए कुल 500 आवेदन प्राप्त हुए थे। स्थलीय निरीक्षण और जांच के बाद इनमें से 477 आवेदनों को स्वीकृति दी गई है। प्रभावित परिवारों को आपदा राहत के तहत लगभग 29 लाख 79 हजार रुपए का मुआवजा वितरित किया जाएगा।
आंधी-पानी में जान गंवाने वाले सभी 22 मृतकों के आश्रितों को 4.24 लाख रुपए प्रति व्यक्ति के हिसाब से मुआवजा राशि पहले ही वितरित की जा चुकी है।
500 घरों के क्षतिग्रस्त होने का मिला आवेदन।
सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्र से मिला आवेदन
प्राकृतिक आपदा का सबसे अधिक प्रकोप बिहारशरीफ प्रखंड क्षेत्र में देखा गया। इस क्षेत्र से गृह क्षति के लिए सर्वाधिक 264 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इस क्षेत्र के प्रभावित लोगों को लगभग 12 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा।
घरों के नुकसान के मामले में गिरियक प्रखंड दूसरे स्थान पर है, जहां 84 घरों को तेज आंधी के कारण हानि पहुंची है। इनमें चार पशुशेड और पांच मुर्गी फार्म भी शामिल हैं। गिरियक के प्रभावित निवासियों को करीब तीन लाख 98 हजार रुपए का मुआवजा मिलेगा।
रहुई प्रखंड तीसरे स्थान पर है, जहां 58 घरों को आंधी-बारिश से क्षति हुई है। इसी प्रकार नूरसराय में 38 मकानों को तेज हवा से नुकसान पहुंचा है, जिसमें कई घरों की छतें भी क्षतिग्रस्त हो गईं।
अन्य प्रभावित क्षेत्रों में सिलाव और बिंद (छह-छह घर), इस्लामपुर और सरमेरा (पांच-पांच घर), अस्थावां और एकंगरसराय (तीन-तीन घर), परवलपुर, चंडी और करायपरसुराय (एक-एक घर) तथा कतरीसराय में दो घरों को तेज हवा-बारिश से क्षति पहुंची है।
कई जगहों से मिले आवेदन गलत
उल्लेखनीय है कि आपदा विभाग के आंकड़ों के अनुसार, जिले के छह प्रखंडों – हरनौत, अस्थावां, हिलसा, नगरनौसा, थरथरी और बेन में कोई गृह क्षति नहीं हुई है। अस्थावां के 14 लोगों ने क्षतिपूर्ति के लिए आवेदन किया था, परंतु जांच में किसी भी आवेदन को स्वीकृति नहीं मिली। बेन से केवल एक आवेदन प्राप्त हुआ था, जो जांच में अमान्य पाया गया।