बिहार शरीफ में ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने देशभर में जातिगत जनगणना कराने के फैसले का स्वागत किया है। इस पहल के लिए प्रधानमंत्री को बधाई देते हुए इसे बहुप्रतीक्षित और आवश्यक कदम बताया है।
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नीतीश कुमार ने 1990 में उठाई थी मांग
मंत्री श्रवण कुमार ने एक पुराना वीडियो शेयर करते हुए कहा कि जातिगत जनगणना की पहल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 1990 में शुरू की थी। दिवंगत राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह से प्रेरणा लेकर इस मुद्दे को लगातार उठाया था। उन्होंने स्वंय नीतीश कुमार को फोन करके इस विषय पर चर्चा करना चाहा था। बाद में नीतीश कुमार ने उनके घर जाकर इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की थी। 1994 में लोकसभा में नीतीश कुमार ने इस मुद्दे को जोरदार तरीके से रखा था। उस समय देश में कांग्रेस की सरकार थी।
जब केंद्र सरकार ने तमिलनाडु में स्थानीय मुद्दों के समाधान के लिए एक विशेष विधेयक पेश किया था। तब नीतीश कुमार ने कहा था कि जातिगत जनगणना सिर्फ तमिलनाडु का मुद्दा नहीं, बल्कि पूरे देश का मुद्दा है। पूरे देश में जो वंचित लोग हैं। जिन्हें अभी तक मुख्यधारा में शामिल नहीं किया गया है। उनकी जाति के आधार पर जनगणना कराई जाए। उसी आधार पर योजनाएं बनाई जाए।
जातिगत जनगणना पर नीतीश कुमार के पुराने वीडियो को किया शेयर।
शराबबंदी से लोगों को फायदा
मंत्री श्रवण कुमार ने आगे कहा कि शराबबंदी से लोगों को बहुत फायदा हुआ है। इसमें अब किसी भी तरह का बदलाव नहीं होगा। बदलाव राज्य की महिलाएं स्वीकार नहीं करेंगी। इसके खिलाफ आंदोलन होगा। शराबबंदी के बाद बिहार में कारोबार बढ़ा है।
दूध की बिक्री में 11%, मिठाई में 16%, सिलाई मशीन कारोबार में 19%, रेडीमेड कपड़ों की बिक्री में 44% का इजाफा हुआ है। महिला हिंसा में 12% और सड़क दुर्घटनाओं में 55% की कमी आई है। शराबबंदी से गरीबों को बहुत फायदा हुआ है। पहले 300 रुपए कमाते थे और 250 रुपए शराब पर खर्च कर देते थे। 50 रुपए में दो समय का खाना नहीं मिलता। अब उनके घर में दूध जा रहा है।