देश की सबसे अमीर महिला और कुरुक्षेत्र से भाजपा सांसद नवीन जिंदल की मां सावित्री जिंदल हिसार से निर्दलीय चुनाव लड़ रहीं हैं। वह भाजपा से टिकट मांग रहीं थीं, लेकिन भाजपा ने डॉ. कमल गुप्ता को दोबारा उम्मीदवार बनाया। इसके बाद सावित्री जिंदल के कांग्रेस मे
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पार्टी सूत्रों के मुताबिक 11 सितंबर की रात दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में टिकटों को लेकर मंथन चल रहा था। उसी दौरान नवीन जिंदल ने वहां मौजूद एक सीनियर लीडर को कॉल की और मां सावित्री के हिसार से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ाने की बात कही। वहां से नवीन को कांग्रेस जॉइनिंग के बाद ही टिकट मिलने की बात कही गई।
इस पर नवीन ने कहा कि मां कांग्रेस में है, उन्होंने भाजपा की सदस्यता नहीं ले रखी। इसके बाद अचानक कांग्रेस की लिस्ट रोक दी गई। इसके बाद सीनियर लीडर ने हिसार से सावित्री जिंदल के नाम का प्रस्ताव रखा। यह सुनकर बैठक में मौजूद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा और सांसद कुमारी सैलजा चौंक गईं। सावित्री का नाम हाईकमान की तरफ से आया, इसलिए किसी ने विरोध नहीं किया।
हरियाणा कांग्रेस उम्मीदवारों के टिकटों को लेकर दिल्ली में कई दौर की बैठकें हुई थीं।
दिल्ली के लिए निकलीं सावित्री कांग्रेस हाईकमान से बात होने के बाद 11 सितंबर की रात 8 बजे नवीन जिंदल को फोन आया और कहा कि आप दिल्ली चले जाओ, कांग्रेस की टिकट मिल जाएगी। सावित्री जिंदल हिसार से दिल्ली के लिए निकल पड़ीं। जिंदल हाउस में सबको कहा गया कि यह खबर बाहर नहीं जानी चाहिए कि माता जी दिल्ली जा रही हैं। जब तक सब ठीक न हो जाए, तब तक किसी को भनक नहीं लगनी चाहिए।
कमल गुप्ता को सावित्री के प्लान की भनक लगी पार्टी सूत्रों के मुताबिक 11 सितंबर को हरियाणा सरकार ने चंडीगढ़ में मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई हुई थी। हिसार से पूर्व विधायक डॉ. कमल गुप्ता इसी बैठक में मौजूद थे। गुप्ता को पहले ही पता चल गया था कि सावित्री जिंदल कांग्रेस में जा सकती हैं। कमल गुप्ता को लगा कि अगर सावित्री कांग्रेस जॉइन करके चुनाव लड़ेंगी तो उनका मामला फंस सकता है।
गुप्ता ने भाजपा के बड़े नेता को जानकारी दी गुप्ता ने वहां बैठक में मौजूद एक बड़े नेता को इसकी जानकारी दी। बड़े नेता ने तभी हाईकमान को इसकी सूचना दी। इसके बाद हाईकमान की तरफ से नवीन जिंदल को फोन आया कि आपकी माता निर्दलीय चुनाव लड़ रही हैं इससे भाजपा को कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन कांग्रेस जॉइन करके चुनाव लड़ा तो दिक्कत हो जाएगी।
इसके बाद सावित्री वापस हिसार आ गईं। इसके बाद नवीन ने कांग्रेस के नेता को कहा कि हिसार का टिकट व्यापारी नेता बजरंग दास गर्ग को न दिया जाए। जिंदल हाउस नहीं चाहता था कि कांग्रेस का टिकट वैश्य समाज के बड़े नेता को मिले। इससे भविष्य की राजनीति में उनको नुकसान होगा।
रामनिवास राड़ा को मिला टिकट जिंदल हाउस के करीबी सूत्र बताते हैं कि भाजपा से टिकट नहीं मिलने के बाद जिंदल हाउस की तरफ से एक सर्वे करवाया गया। सर्वे में यह पाया कि कांग्रेस से बजरंग दास गर्ग को टिकट मिलता है। जिंदल हाउस ने कांग्रेस के टिकट के लिए भाग दौड़ शुरू की तो भाजपा को इसकी भनक लग चुकी थी। इसलिए जिंदल हाउस ने कांग्रेस हाईकमान से बजरंग दास गर्ग का टिकट कटवा दिया।
वहीं हिसार सीट से कांग्रेस के लिए 2019 में विधानसभा चुनाव लड़ चुके रामनिवास राड़ा भी टिकट मांग रहे थे। उन्हें सूचना थी कि कांग्रेस उनका टिकट काटकर बजरंग दास गर्ग को उम्मीदवार बना सकती है। इसके बाद राड़ा ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का मन बना लिया था। उनके द्वारा बनाए गए पोस्टरों पर कांग्रेस नेताओं की फोटो भी गायब हो गई थी। हालांकि जब कांग्रेस उम्मीदवारों की लिस्ट आई तो उसमें हिसार से रामनिवास राड़ा का नाम था।
रामनिवास राड़ा के बनवाए हुए पोस्टर
बजरंग दास गर्ग का टिकट कटवाने के 3 बड़े कारण…
जिंदल हाउस को वोट बैंक में सेंध का खतरा : अगर कमल गुप्ता के खिलाफ किसी दूसरे वैश्य समाज के व्यक्ति को टिकट मिलता तो जिंदल हाउस के वोट बैंक में सेंध लग सकती थी। भाजपा के खिलाफत वाला वोट भी गर्ग को जाएगा।
वैश्य समाज के नाराज वोटर साथ आएंगे : जिंदल हाउस का मानना है कि अगर बजरंग दास गर्ग को टिकट नहीं मिला तो जो वैश्य समाज का वोट कमल गुप्ता से नाराज है, वो उन्हें मिल जाएगा।
गर्ग ने आंदोलन से बनाई थी छवि : बजरंग दास गर्ग ने सरकार विरोधी आंदोलनों में शहर में भाग लेकर अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई थी। इससे गर्ग का कद हिसार में बढ़ रहा था। जिंदल हाउस नहीं चाहता था कि किसी और नेता का कद बढ़े। जिंदल परिवार कमल गुप्ता से खुद की राजनीति को खतरा नहीं मानते।