कुलपति प्रो. सत प्रकाश बंसल ने जानकारी दी।
धर्मशाला में इसरो अब मॉडर्न टेलिस्कोप लगाने की तैयारी में है। इसके लिए सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ हिमाचल प्रदेश (सीयू) को यह बड़ा प्रोजेक्ट सौंपा गया है। धर्मशाला के समीप जदरांगल क्षेत्र में दो एकड़ भूमि चयनित की जा चुकी है और जमीन को यूनिवर्सिटी के नाम
.
कुलपति प्रो. सत प्रकाश बंसल ने बताया कि यह प्रोजेक्ट इसरो के ‘नेत्रा’ अभियान का हिस्सा है, जिस पर करीब 41 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च किए जाएंगे। इसरो और सीयू के बीच एमओयू साइन हो चुका है और यह विश्वविद्यालय देश का पहला ऐसा संस्थान बन गया है जिसे इस प्रकार का सुरक्षा-संवेदनशील प्रोजेक्ट मिला है।
सैटेलाइट की सुरक्षा में निभाएगा बड़ी भूमिका प्रो. बंसल ने बताया कि धर्मशाला में लगने वाला यह टेलिस्कोप न केवल चांद-तारों को दिखाएगा, बल्कि इसका मुख्य उद्देश्य अंतरिक्ष में घूम रहे भारतीय सैटेलाइट्स की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। यह देखा जाएगा कि किसी सैटेलाइट के आसपास कोई खतरा तो नहीं मंडरा रहा है। ऐसे में धर्मशाला का यह केंद्र राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से भी अहम साबित होगा।
स्थानीय स्टूडेंट्स और आम नागरिकों के लिए भी यह ऑब्जर्वेटरी वरदान साबित होगी। यहां देश-दुनिया से आए लोग अंतरिक्ष, चांद, ग्रह-नक्षत्रों का अध्ययन कर सकेंगे।
स्पेस साइंस स्टूडेंट्स के लिए सुनहरा मौका इस प्रोजेक्ट के धरातल पर उतरने के बाद धर्मशाला उत्तर भारत के स्पेस साइंस का एक बड़ा केंद्र बनेगा। इससे न केवल स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे, बल्कि स्पेस साइंस के क्षेत्र में पढ़ रहे स्टूडेंट्स को अनुसंधान का व्यापक प्लेटफार्म मिलेगा।
प्रारंभिक स्तर पर यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक पर्यावरणीय अध्ययन कर रहे हैं। जल्द ही ऑब्जर्वेटरी की स्थापना के बाद वैज्ञानिक गतिविधियां तेज होंगी।