आंधी-तेज हवा से केले की फसल खेतों में बिछ गई है।
बड़वानी में तेज आंधी ने किसानों की केले की फसल को भारी नुकसान पहुंचाया है। नर्मदा किनारे स्थित ग्राम बगूद क्षेत्र में महज 5-7 मिनट के बवंडर ने केले के खड़े पौधों को जमींदोज कर दिया।
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आंधी से करीब 50 एकड़ में लगी केले की फसल को नुकसान पहुंचा है। इसके साथ ही 10 से अधिक बिजली के खंभे और कई ट्रांसफॉर्मर भी गिर गए हैं। इस वजह से पिछले तीन दिनों से क्षेत्र में अंधेरा है।
कई किसानों की फसल को नुकसान
रमेश यादव, चेतन जाट, मनोज रामेड़ा, राजेंद्र जाट, भागीरथ कुमावत और श्याम जाट समेत 10-12 किसानों को लाखों रुपए का नुकसान हुआ है। किसानों के अनुसार एक एकड़ में केले की खेती की लागत 1 लाख रुपए है। प्रति एकड़ में 1600 से अधिक पौधे लगाए जाते हैं।
तेज हवा की वजह से ट्रांसफार्मर और बिजली पोल खेत में गिरे।
चेतन जाट ने बताया कि उन्होंने पिछले साल सितंबर में फसल लगाई थी। अगस्त तक फसल पकने वाली थी। उनके 10 एकड़ खेत में करीब 90 प्रतिशत नुकसान हुआ है। अन्य किसानों के खेतों में 50 से 80 प्रतिशत तक का नुकसान हुआ है।
किसान ने खेत में बना पतरो का टीन शेड आंधी में उड़ा।
पटवारी ने बनाया पंचनामा
राजस्व विभाग के पटवारी और उद्यानिकी विभाग के कर्मचारी मौके पर पहुंचे और पंचनामा बनाया। यहां की उपज दिल्ली और मुंबई तक भेजी जाती है। पहले फसल का बीमा होता था, लेकिन अब यह सुविधा नहीं मिल रही है।
आंधी से चेतन जाट के डेयरी फार्म की छत उड़ गई और दीवारें गिर गईं। टीनशेड 500 मीटर दूर तक उड़कर खेतों में जा गिरा। एक बड़ा पेड़ जड़ से उखड़ने से एक पशु की मौत भी हो गई।
आंधी की वजह से नीम का पेड़ उखड़ गया।