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धार्मिक आयोजनों की आड़ में नहीं छिप सकेंगे अपराधी: डीजीपी बोले- कार्यक्रमों में बाहरी व्यक्तियों के आने-जाने की निगरानी करेगी पुलिस, दिखानी होगी आईडी – Uttar Pradesh News


उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार ने कहा है कि प्रदेश में होने वाले धार्मिक आयोजनों पर कड़ी नजर रखी जाए।

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डीजीपी ने इसके निर्देश सभी जिलों के पुलिस कप्तानों, पुलिस कमिश्नर और सभी जोन व रेंज के अधिकारियों को भेजे हैं। उन्होंने कहा है कि पिछले अनुभवों और जांच के आधार पर यह निर्देश जारी किए गए हैं। कुछ शातिर अपराधी अपराध करने के बाद धार्मिक आयोजनों की आड़ में अपनी गिरफ्तारी से बचने की कोशिश करते हैं।

शामली मुठभेड़ का दिया हवाला

डीजीपी ने शामली में मुस्तफा उर्फ कग्गा गैंग के सदस्य अरशद के साथ हुई मुठभेड़ का जिक्र किया, जिसमें निरीक्षक सुनील कुमार शहीद हो गए थे। इस घटना की जांच में सामने आया था कि अपराधियों ने वारदात को अंजाम देने के बाद धार्मिक आयोजनों का सहारा लेकर अपनी पहचान छिपाने और गिरफ्तारी से बचने की कोशिश की थी।

इस घटना को आधार बनाते हुए डीजीपी ने सभी पुलिस अधिकारियों को धार्मिक कार्यक्रमों के दौरान सतर्कता बरतने के लिए कहा है।

यह तस्वीर एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार की है। वह 1990 बैच के अधिकारी हैं।

धार्मिक आयोजनों में शामिल होने वालों को दिखानी होगी आईडी

डीजीपी ने निर्देश दिए हैं कि अपराधी अपराध करने के बाद धार्मिक आयोजनों की आड़ में छिप न सके, इसके लिए धार्मिक आयोजनों में शामिल होने के लिए आने जाने वाले व्यक्तियों के पूरे विवरण का एक रजिस्टर बना लिया जाए। आने-जाने वालों का फोटो पहचान-पत्र और आधार कार्ड भी चेक किया जाए। गजटेड आफिसर हर महीने अपने-अपने सर्किल के थाना क्षेत्रों में आने वाले व्यक्तियों से संबंधित रजिस्टर काे चेक करेंगे। संदिग्ध व्यक्ति के मिलने पर कार्रवाई करेंगे।

डीजीपी के निर्देश के टॉप पॉइंट

  • प्रदेश के सभी कमिश्नरेट और जिलों में होने वाले धार्मिक आयोजनों में बाहरी व्यक्तियों के आने-जाने पर कड़ी निगरानी रखी जाए।
  • खुफिया तंत्र और सोशल मीडिया सेल को सक्रिय कर संदिग्ध गतिविधियों पर पैनी नजर रखी जाए।
  • वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को आयोजकों से संपर्क स्थापित करना चाहिए।
  • यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि कार्यक्रम में शामिल होने वाले सभी व्यक्तियों का विवरण दर्ज हो।
  • आयोजकों को निर्देश दिया गया है कि वे यह जानकारी पुलिस और इंटेलिजेंस को मांगने पर उपलब्ध कराएं।
  • धार्मिक आयोजनों में शामिल होने वाले व्यक्तियों का पूरा ब्योरा रजिस्टर में दर्ज करने, उनके फोटो पहचान-पत्र और आधार कार्ड की जांच करने के साथ-साथ उनके मूल निवास स्थान से सत्यापन किया जाए।

अपराधियों पर कसेगा शिकंजा

डीजीपी ने स्पष्ट किया कि धार्मिक आयोजनों का दुरुपयोग कर अपराधी अपनी पहचान छिपाने में सफल न हो सकें, इसके लिए यह कदम उठाया गया है। प्रदेश में विभिन्न धर्मों के कार्यक्रमों में बड़ी संख्या में लोग शामिल होते हैं, जिसमें दूसरे जिलों और राज्यों से भी आवागमन होता है। ऐसे में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने और अपराधियों पर नकेल कसने के लिए यह निर्देश महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं।



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