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नारनौल में केवल जिला लाइब्रेरी कार्यालय का चलता है एसी: बच्चों के हॉल वाले एसी रहते बंद, पसीनें में भीगते हुए बच्चे कर रहे पढ़ाई – Narnaul News


नारनौल की जिला लाइब्रेरी में पढ़ती हुई छात्राएं

हरियाणा के नारनौल में बनी जिला लाइब्रेरी में आफिस के अलावा कहीं भी एसी नहीं चलता है। ऐसे में लाखों रुपए की लागत से लगाए गए एसी वहां पर पढ़ने के लिए आने वाले स्टूडेंट के काम नहीं आ रहे। जिसके कारण अब सीईटी की तैयारी के लिए आने वाले सैकड़ों बच्चों को भयं

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नारनौल शहर के बस अड्‌डा के पास रेवाड़ी रोड पर जिला लाइब्रेरी बनी हुई है। इस लाइब्रेरी में 3500 लोगों ने मेंबरशिप ले रखी है। यह मेंबरशिप लाइफ टाइम होती है, जो की 510 रुपए में मिलती है। ऐसे में ये 3500 लोग लाइब्रेरी में कभी भी आकर बैठकर पढ़ सकते हैं तथा अपनी किसी भी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर सकते हैं। यह लाइब्रेरी सातों दिन तथा 24 घंटे खुली रहती है।

बैठकर पढ़ने की 200 सीटें

इस लाइब्रेरी में बैठकर पढ़ने के लिए 200 सीटें बनी हुई हैं, जो दो अलग-अलग हाॅल में हैं। इनमें से ग्राउंड फ्लोर पर बना एक हॉल लड़कियों के लिए तथा पहली मंजिल पर बना हॉल लड़कों के पढ़ने के लिए है। यहां पर प्रत्येक हॉल में तीन-तीन एसी लगे हुए हैं, ये एसी कुछ ही दिन पहले लगाए गए थे। मगर यहां पर बिजली की कमी के कारण ये केवल शोपीस बनकर रह गए हैं तथा कार्यालय के एसी के अलावा अन्य कोई भी एसी काम नहीं कर रहा है।

तीन किलोवाट का ही कनेक्शन

यहां पर केवल तीन किलोवाट का ही कनेक्शन लगा हुआ है। लाइब्रेरी में पढ़ने वाले बच्चे जब एसी चला लेते हैं तो बिजली का मेन स्विच बंद हो जाता है तथा पैनल उड़ जाते हैं। ऐसे में यहां पर जब तक थ्री फेस का एएसी नहीं लगा हो, तब तक यहां पर एसी लगाने का कोई फायदा नहीं है।

नारनौल की जिला लाइब्रेरी

कार्यालय का एसी ही चलता मिला

जब जिला लाइब्रेरी का दौरा किया गया तो वहां पर केवल कार्यालय का एसी ही चलता मिला। उसके अलावा कहीं भी एसी नहीं चल रहे थे। जिसके कारण बच्चे पसीने में बैठकर पढ़ने को मजबूर हो रहे थे।

सीईटी के कारण बढ़ी भीड़

यहां पर बच्चों की भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है। 200 सीटों की क्षमता होने के कारण बच्चों को मीटिंग हॉल तथा कार्यालय के साथ लगते अन्य छोटे हॉल में बैठाया जा रहा है। लाइब्रेरी कर्मचारियों के अनुसार यहां पर रोजाना 300 से 400 बच्चें आते हैं।

डीसी से मिल चुके

इस बारे में लाइब्रेरियन मोहित कुमार ने बताया कि इस समस्या को उन्हाेंने कई बार मंत्री व डीसी के सामने रखा है, मगर उनकी समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ है।



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