नोएडा में कलेक्ट्रेट सभागार में आरडब्ल्यू और एओए के साथ बैठक करते डीएम मनीष वर्मा।
उत्तर प्रदेश लिफ्ट एवं एसकेलेटर अधिनियम-2024 को प्रभावी रूप से लागू किया जाए। इसको लेकर एक बैठक डीएम ने की। बैठक में जनपद के विभिन्न रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (RWA) और हाउसिंग सोसाइटी के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने निर्देशित कि
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डीएम ने कहा कि यह अधिनियम जनहित और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लागू किया गया है। लिफ्टों के सुचारु एवं सुरक्षित संचालन के लिए सभी स्वामियों को उत्तर प्रदेश लिफ्ट एवं एसकेलेटर नियमावली-2024 के अंतर्गत रजिस्ट्रेशन कराना सुनिश्चित करना होगा। उन्होंने आरडब्ल्यूए प्रतिनिधियों से अपील की कि वे अधिनियम की जानकारी अपने परिसर में रहने वाले नागरिकों को दे और लिफ्टों की नियमित जांच एवं रखरखाव पर भी विशेष ध्यान दें। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व ने भी उपस्थित प्रतिनिधियों को अधिनियम के प्रमुख प्रावधानों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि रजिस्ट्रेशन से संबंधित आवश्यक दस्तावेज, प्रक्रिया और तकनीकी मानकों के अनुपालन को लेकर सभी संचालकों को जागरूक किया गया है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि जिन लिफ्ट संचालकों द्वारा अभी तक रजिस्ट्रेशन नहीं कराया गया है, उनके विरुद्ध प्रशासनिक एवं विधिक कार्रवाई जल्द शुरू की जाएगी।
जुर्माना का नियम विलंब के साथ बढेगा
- सहायक निदेशक विद्युत सुरक्षा ने बताया कि उत्तर प्रदेश लिफ्ट और एसकेलेटर अधिनियम 2024 व उत्तर प्रदेश लिफ्ट और एसकेलेटर नियमावली 2024 के प्रावधानों के तहत नियमों का किसी भी समय सीमा का उल्लंघन करने पर स्वामी के विरूद्ध विलंब शुल्क लगाया जाएगा। यदि रजिस्ट्रेशन कराने में विलंब 07 दिन या उससे कम है, तो 100 रुपए प्रतिदिन का विलंब शुल्क लगाया जाएगा।
- यदि विलंब 07 दिन से अधिक और 15 दिन तक होता है, तो संपूर्ण अवधि के लिए 200 रुपए प्रति दिन का विलंब शुल्क लगेगा।
- यदि विलंब 15 दिन से अधिक और 30 दिन तक है, तो सम्पूर्ण अवधि के लिए 500 रुपए प्रति दिन का विलंब शुल्क लगेगा।
- यदि विलंब 30 दिन से अधिक है, तो लिफ्ट या एसकेलेटर का संचालन तत्काल बंद कर दिया जायेगा और 10000 रुपए के विलंब शुल्क लगाया जाएगा।