प्रयागराज13 मिनट पहले
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प्रयागराज के पार्क में 250Kg वजन का गेट गिरने से छात्रा अमान्या गुप्ता की मौत हो गई। 4 दिन बाद भी परिवार हादसे से उबर नहीं सका है। नगर निगम और PDA अधिकारियों के खिलाफ FIR लिखवाई है। मगर परिवार ये नहीं समझ पा रहा है कि उनकी बेटी की मौत का असली जिम्मेदार कौन है?
नगर निगम या प्रयागराज विकास प्राधिकरण? इसको लेकर दैनिक भास्कर ने दोनों विभागों के अधिकारियों से एक ही सवाल पूछा- पार्क में गेट लगाने में लापरवाही क्यों बरती गई? जिससे एक छात्रा की मौत हो गई।
पढ़िए क्या जवाब मिला…
अब डिटेल में अफसरों के जवाब…
निगम के JE ने कहा- PDA बताए कि गेट कैसे गिरा, उन्होंने ही बनाया छात्रा के पिता उमेश चंद्र गुप्ता ने पुलिस को दी शिकायत में सबसे पहले नगर निगम के अफसर को जिम्मेदार बताया। हकीकत को समझने के लिए टीम चीफ इंजीनियर अनिल मौर्य के दफ्तर पहुंची। दफ्तर के बाहर किसी तरह की नेम, पोस्ट की प्लेट नहीं लगी थी।
दफ्तर के अंदर सन्नाटा पसरा था। बड़े इंजीनियर साहब अपनी कुर्सी पर नहीं थे। हमने दफ्तर के अन्य कर्मियों से पूछा तो पता चला कि बड़े साहब दफ्तर में कम फील्ड में ज्यादा रहते हैं। आज मीटिंग में गए है, सुबह से नहीं आए हैं।
इसके बाद छोटे साहब यानी सहायक इंजीनियर गिरीश कुमार के दफ्तर में पहुंचे। दफ्तर बाहर से ही बंद था। कुछ यही हाल अवर अभियंता यानी जेई राम सक्सेना के दफ्तर का भी रहा। जेई राम सक्सेना ने फोन पर बताया कि पार्क में गेट का गिरना और लड़की की मौत दुखद घटना है।
जिम्मेदारी के सवाल पर उन्होंने साफ कहा कि वह और उनका विभाग इसके लिए जिम्मेदार नहीं है। नगर निगम ने तो 26 अप्रैल, 2025 के शुभारंभ से पहले सिर्फ पार्क का जीर्णोद्धार, रंग रोगन और सुंदरी करण का काम कराया था। बाकी इसके पहले पार्क का निर्माण 2018 में प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने कराया था। गेट, ग्रिल और बाउंड्री का काम उनकी देखरेख में हुआ, अब वह बताए कि गेट कैसे गिरा?
भास्कर रिपोर्टर ने पार्क पर पहुंचकर समझा कि आखिर इतना भारी गेट गिरा कैसे, सामने आया कि वेल्डिंग करके कमजोर गेट को संभाला गया था।
प्रयागराज विकास प्राधिकरण के अधिकारी ने पल्ला झाड़ा
5 साल से पार्क की देखरेख निगम कर रहा, फिर जवाबदेह हम कैसे? नगर निगम के अफसर के बताने के मुताबिक हम प्रयागराज विकास प्राधिकरण के अफसरों से अमान्या की मौत का सवाल पूछने पहुंचे। यहां हमारी मुलाकात चीफ इंजीनियर कौशलेंद्र सिंह से हुई। चीफ इंजीनियर ने कहा- ये बात तो सही है कि कुंभ के दौरान प्रयागराज शहर को सुंदरता देने के लिए प्राधिकरण के पार्कों का निर्माण किया। इसमें यमुना बैंक रोड पार्क भी शामिल है।
उन्होंने कहा- मगर पार्क को 2018 में तैयार करके नगर निगम को हैंडओवर कर दिया था। इसमें रखरखाव एवं सुंदरता बनाए रखने की जिम्मेदारी नगर निगम की है। 5 साल से वही लोग कर रहे हैं। रही बात गेट के गिरने की तो उसका जवाब नगर निगम को देना चाहिए।
महापौर परिवार से मिले, बोले- कार्रवाई होगी 13 जून को प्रयागराज के महापौर उमेश चंद्र केसरवानी परिवार से मिलने पहुंचे। महापौर ने कहा- हम आपको इंसाफ दिलाएंगे। इस केस के विवेचक से भी फोन पर बात की। महापौर को अपने बीच पाकर परिवार के जख्म एक बार फिर हरे हो गए। छात्रा अमान्या के पिता ने भी 25 साल नगर निगम में ही जॉब की है।
अब ये जानिए कि 11 जून की सुबह हुआ क्या था…
मार्निंग वॉक के बाद गेट अमान्या पर गिरा घटना बुधवार सुबह करीब 6 बजे की यमुना बैंक रोड के पार्क की है। यहां से करीब 1 किलोमीटर दूर कीडगंज मोहल्ले के रहने वाले नगर निगम से रिटायर्ड फोर्थ क्लास कर्मी उमेश चंद्र गुप्ता का परिवार मॉर्निंग वॉक के लिए पार्क में गया। अमान्या रोज की तरह अपनी दो बड़ी बहनों, नेहा और नीलम के साथ सुबह टहलने पार्क गई थी। सैर के बाद जब तीनों बहनें बाहर निकल रही थीं, उसी वक्त पार्क का मुख्य गेट अचानक अमान्या के सिर पर गिर गया।
नेहा बताती हैं, ‘गेट बाहर की तरफ गिरा। अमान्या ने खुद को संभालने की कोशिश की, लेकिन लोहे का ढांचा इतना भारी था कि पूरी तरह उसी पर गिर पड़ा। जब तक हम लोग कुछ कर पाते, बहुत देर हो चुकी थी।’
इस हादसे में अमान्या का सिर फट गया, उसकी आंखें बाहर निकल आईं। लोग दौड़कर आए और गेट हटाया। अमान्या को एसआरएन लाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
घटना के बाद पिता उमेश चंद्र गुप्ता गहरे सदमे में हैं। उन्होंने कहा- जिसकी लापरवाही से मेरी बेटी अब इस दुनिया में नहीं है। उन्हें सजा मिलनी चाहिए। हमें पुलिस पर भरोसा है कि वह इस मामले के आरोपी को सामने लाएंगे।
पार्क में अमान्या ने रील बनाई थी। ये हादसे से ठीक पहले की है। यह रील परिवार को उसके मोबाइल में मिली।
पुलिस क्या कहती हैं-
इसमें कोई संदेह नहीं है कि ये लापरवाही का मामला है। हम प्रयागराज विकास प्राधिकरण और नगर निगम के अधिकारियों से संपर्क कर रहे हैं। जल्द हम आरोपी को सामने लाएंगे। – संजय कुमार सिंह, थाना प्रभारी, कीडगंज
परिवार ने FIR में इन्हें जिम्मेदार माना-
मुख्य अभियंता नगर निगम, नगर अभियंता नगर निगम, सहायक अभियंता नगर निगम, अवर अभियंता नगर निगम, ठेकेदार सुजान सिंह और पार्क का निर्माण कराने वाली संस्था के लोग।
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मां ने कहा- वो कहती थी कि डॉक्टर बनूंगी, पापा का सपना पूरा करूंगी। अब सब सपने टूट गए। पुलिस ने पिता की शिकायत पर नगर निगम के जिम्मेदार अफसर समेत पार्क का सौंदर्यीकरण करने वाले ठेकेदार के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पढ़िए पूरी खबर…