पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
बुरहानपुर में एक साइबर फ्रॉड का भंडाफोड़ हुआ है। एक महिला और उसके मुंहबोले भाई ने मिलकर नौकरी दिलाने और अन्य लालच देकर शहर की पांच बैंकों में 30 फर्जी बैंक (म्यूल अकाउंट) खाते खुलवाए। इन खातों का उपयोग साइबर अपराधी ऑनलाइन ठगी की रकम के लेनदेन के लिए
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शुक्रवार को एसपी देवेंद्र पाटीदार ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि अब तक 18 खातों की जांच में करीब 16 करोड़ 23 लाख रुपए का ट्रांजैक्शन सामने आया है। पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि मुख्य आरोपी फरार है।
नौकरी दिलाने का झांसा देकर खाता खुलवाया
मामले का खुलासा तब हुआ जब एक महिला थाने पहुंची और बताया कि उसके बेटे के खाते में 2 करोड़ रुपए का ट्रांजैक्शन हुआ है। बीकॉम छात्र सूरज पिता गोपाल कार्ले को कामिनी मावले नाम की महिला ने जॉब दिलाने के बहाने खाता खुलवाया, लेकिन एटीएम और पासबुक नहीं दी।
शक होने पर जब मां ने बैंक में जांच कराई तो ट्रांजैक्शन की जानकारी मिली। पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि कामिनी और उसके सहयोगी राकेश तायड़े ने 30 फर्जी खाते खुलवाए और एटीएम-पासबुक राजस्थान के दो युवक प्रकाश और कन्हैया गेहलोद को भेजे।
एसपी देवेंद्र पाटीदार ने शुक्रवार को मामले का खुलासा किया।
18 खातों में 16 करोड़ का ट्रांजैक्शन, 12 की जांच बाकी
अब तक जांच में सामने आया है कि राजस्थान के अलग-अलग इलाकों से इन खातों में पैसा डाला और निकाला गया। पुलिस के मुताबिक 30 में से 18 खातों की जांच हो चुकी है और उनमें ₹16,23,44,963 का लेनदेन सामने आया है। शेष 11 खातों की जांच अभी बाकी है।
पुलिस यह भी जांच कर रही है कि बैंक कर्मचारियों की भूमिका कितनी संदिग्ध है, और इन खातों को खुलवाने के एवज में आरोपियों को कितनी रकम मिली।
बैंक ऑफ महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 24 खाते
एसपी पाटीदार ने बताया कि फर्जी खाते जिन बैंकों में खुलवाए गए उनमें 24 खाते बैंक ऑफ महाराष्ट्र, 2 खाते कैनरा बैंक, 2 खाते एचडीएफसी बैंक, एक खाता यूनियन बैंक और एक खाता बैंक ऑफ बड़ौदा का शामिल है।
सभी खातों में दूसरे व्यक्तियों के मोबाइल नंबर दर्ज किए गए थे ताकि असली खाता धारक को किसी लेन-देन की जानकारी न मिले।
मुख्य आरोपी फरार, अन्य तीन गिरफ्तार
मामले में पुलिस ने अब तक कामिनी मावले, राकेश तायड़े और कन्हैया गेहलोद को गिरफ्तार किया है। मुख्य मास्टरमाइंड प्रकाश गेहलोद फरार है जिसकी तलाश जारी है। सभी के खिलाफ आईटी एक्ट की धारा 66 डी सहित बीएनएस की अन्य धाराओं में केस दर्ज किया गया है।