डॉ. हरीश कुमार वशिष्ठ, डीसी पलवल।
हरियाणा के पलवल जिले में मौसम में बदलाव से बढ़ती ठंड के कारण पशुओं में भी ठंड से होने वाली बीमारियों की संभावना बढ़ जाती हैं। ठंड के तनाव के कारण दुधारू पशुओं में दुग्ध क्षमता घटने लगती है। इसलिए सर्दी के मौसम में इंसानों के साथ-साथ पशुओं को भी ठंड स
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प्रतीकात्मक फोटो।
गुड़-चारे की बढ़ाए मात्रा
उन्होंने कहा कि पशुओं को ठंड की मार से बचाने के लिए पशुपालन विभाग की ओर से पशुपालन के संबंध में एडवाइजरी जारी की गई है। जिसके अनुसार पशुपालक विशेष सावधानियां बरतकर अपने पशुओं को ठंड के कारण बीमार होने से बचाव कर सकते हैं। पशुपालन विभाग के उप निदेशक डॉ. वीरेंद्र सहरावत ने कहा कि ठंड की चपेट से पशुओं को बचाने के लिए पशुपालक संतुलित चारे की मात्रा बढ़ाए।
गुड़ की मात्रा भी बढ़ाए। पशुओं को रात का रुका हुआ पानी ना दे, हो सके तो ताजा पानी या गुनगुना पानी ही पिलाएं।
घर-द्वार मुफ्त टीकाकरण किया जा चुका
उन्होंने बताया कि पशुओं को मुंह खुर और गल घोटू की बीमारियों से बचाव के लिए पशुपालन विभाग द्वारा पशुपालकों के घर-द्वार मुफ्त टीकाकरण किया जा चुका है, जिसमें पलवल जिला के लगभग 2 लाख पशुओं (गाय व भैंस) का मुफ्त टीकाकरण किया है। उन्होंने पशुगणना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि 21वीं पशुगणना 2024 का शुभारंभ हो चुका है।
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प्रत्येक 5 साल बाद पशुगणना
उन्होंने पशुपालकों को इस कार्य में पूरा सहयोग करने का आग्रह किया हैं। पशुगणना प्रत्येक 5 साल बाद करवाई जाती है। जिसमें गाय, भैंस, भेंड़, बकरी, ऊंट, गधा, घोड़ा व पोल्ट्री आदि के साथ-साथ बेसहारा गाय और कुत्तों की गणना ऑनलाइन मोबाइल ऐप्लिकेशन के माध्यम से घर-घर जाकर 72 प्रगणकों द्वारा 16 पशु डॉक्टरों के मार्गदर्शन में की जाएगी।
पशुपालक पशुओं की जानकारी मोबाइल नंबर सहित सही दें, ताकि पशुगणना से संबंधित सही आंकड़ा सरकार तक पहुंचाया जा सके और सरकार अत्यधिक लाभदायक योजनाओं को बनाकर पशुपालकों को लाभ पहुंचा सके।