बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने कहा कि ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल में बांग्लादेश जैसी स्थिति ला रही हैं। राज्य में हिंदुओं की हत्या की जा रही है। लोगों को बांग्लादेश की स्थिति पता है। बनर्जी ने पहले ही पश्चिम बंगाल को बांग्लादेश को लाइट वर्जन बना दिया है। वहीं, राज्य में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने मुर्शिदाबाद हिंसा की NIA जांच की मांग की। उन्होंने कहा हम अपनी संस्कृति और धर्म को जीवित रखने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। पश्चिम बंगाल में हिंदू खतरे में हैं। इस तरह की क्रूर हत्या के लिए राज्य पुलिस पूरी तरह जिम्मेदार है। उन्होंने हिंसा के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराने के लिए समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव की भी आलोचना की। अधिकारी ने कहा कि अखिलेश यादव का बयान राजनीति से प्रेरित है। इधर राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहटकर ने मालदा और मुर्शिदाबाद हिंसा पर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस से मुलाकात की। राहतकर ने कहा कि मैंने राज्यपाल को महिलाओं और बच्चों की स्थिति के बारे में बताया है। स्थिति बहुत गंभीर है। जो दर्द में हैं हम उनके साथ खड़ा होना चाहते रहटकर ने कहा- हम पीड़ितों के पुनर्वास के लिए सभी प्रयास करेंगे और पश्चिम बंगाल सरकार को सिफारिशें करेंगे। हम उन महिलाओं और परिवारों के साथ खड़े होना चाहते हैं जो दर्द में हैं। शांति स्थापित करने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है। उन्होंने कहा कि आयोग अपनी रिपोर्ट में उन सभी महिलाओं के बयान शामिल कर रहा है, जिन्होंने आपबीती सुनाई है। उन लोगों ने कहा कि बीएसएफ ने उनकी जान बचाई। उनके घर बचाए। रिपोर्ट केंद्र को सौंपी जाएगी और इसकी कॉपी पश्चिम बंगाल के डीजीपी और मुख्य सचिव को भेजी जाएंगी। मुर्शिदाबाद में पिता-पुत्र की हत्या मामले में 4 गिरफ्तार मुर्शिदाबाद में हिंसक प्रदर्शन के दौरान एक बाप-बेटे (हरगोबिंदो दास, चंदन दास) हत्या के आरोप में चौथी गिरफ्तारी हुई। आरोपी का नाम जियाउल शेख है। वो सुलिताला पुरबापारा गांव का रहने वाला है। शेख 12 अप्रैल को पिता-पुत्र की हत्या के बाद से फरार था। उसको पश्चिम बंगाल पुलिस के विशेष कार्य बल (STF) और विशेष जांच दल (STI) ने 19 अप्रैल को उसके ठिकाने से गिरफ्तार किया था। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और शेख के मोबाइल फोन लोकेशन से उसका पता लगाया। इससे पहले पुलिस ने दो भाइयों कालू नादर और दिलदार साथ ही एक अन्य आरोपी इंजामुल हक को गिरफ्तार किया था। पुलिस के मुताबिक शेख मुख्य आरोपियों में से एक है। उसने ही भीड़ को हरगोबिंदो के घर हमले के लिए उकसाया था। राज्यपाल ने पीड़ितों को फोन नंबर उपलब्ध कराया 17 अप्रैल को कलकत्ता हाईकोर्ट ने हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद जिले में केंद्रीय बलों की तैनाती जारी रखने के आदेश सुरक्षित रख लिया। हाईकोर्ट ने सुझाव दिया कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, पश्चिम बंगाल राज्य मानवाधिकार आयोग और राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण से एक-एक सदस्य वाला पैनल हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा करे। जिसके बाद पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने 19 अप्रैल को मुर्शिदाबाद का दौरा किया था। राज्यपाल हिंसा में जान गंवाने वाले लोगों के परिवार से भी मिले। उन्होंने पीड़ितों को फोन नंबर उपलब्ध कराया जिससे लोग उनसे सीधे बात करने के लिए स्वतंत्र महसूस करें। राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) की टीम भी मुर्शिदाबाद पहुंची। NCW की अध्यक्ष विजया रहाटकर गुरुवार को कोलकाता पहुंची थीं। 11 अप्रैल को हुई हिंसा के दौरान मारे गए बाप-बेटे के परिवार से मिलने के बाद, विजया रहाटकर ने कहा था, ‘ये लोग इतने दर्द में हैं कि मैं अभी बोल नहीं पा रही हूं। मेरे पास उनके दर्द को बयां करने के लिए शब्द नहीं हैं।’ BJP की मांग- NIA जांच करें पश्चिम बंगाल BJP विधायक अग्निमित्र पॉल ने कहा- मुर्शिदाबाद में जो हुआ वह आंखें खोलने वाला था। जिहादी सनातनी लोगों के घर, दुकानें और मंदिर जला रहे हैं। क्या यह सीरिया, अफगानिस्तान या पाकिस्तान है? पॉल ने जांच के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी की मांग की। उन्होंने कहा- लोगों को पता होना चाहिए कि वास्तव में क्या हुआ था और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की इसमें क्या भूमिका थी ममता ने राज्यपाल से दौरा नहीं करने का अनुरोध किया, कहा- सब नियंत्रण में 17 अप्रैल को CM ममता बनर्जी ने राज्यपाल से दौरा स्थगित करने का अनुरोध किया था। ममता ने कहा- ‘मैं गैर-स्थानीय लोगों से अनुरोध करूंगी कि वे अभी मुर्शिदाबाद का दौरा न करें। राज्यपाल से कुछ और दिन प्रतीक्षा करने की अपील करूंगी। 17 अप्रैल को ही जस्टिस सौमेन सेन और जस्टिस राजा बसु चौधरी की बेंच ने नेता विपक्ष सुवेंदु अधिकारी की याचिका पर सुनवाई की थी। केंद्र की ओर से पेश हुए वकील ने संवेदनशीलता को देखते हुए मुर्शिदाबाद में CAPF (केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल) की तैनाती बढ़ाने की मांग रखी थी। वहीं, ममता सरकार ने एक रिपोर्ट पेश की। इसमें ममता सरकार ने दावा किया कि हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद जिले में स्थिति अब नियंत्रण में हैं। कोर्ट ने भारतीय जनता पार्टी (BJP), तृणमूल कांग्रेस (TMC) और अन्य सभी पक्षों को चेतावनी दी कि कोई भी भड़काऊ बयानबाजी न करे। कोर्ट ने कहा, “कृपया कोई भी भड़काऊ भाषण न दें। यह निर्देश सिर्फ किसी एक व्यक्ति के लिए नहीं, बल्कि सभी के लिए है।” राज्य पुलिस ने मुर्शिदाबाद के डीआईजी सैयद वकार रजा के नेतृत्व में 11 सदस्यों वाली SIT भी बनाई थी। जो जिले में इस और अन्य हिंसा के मामलों की जांच करेगी। दंगों के सिलसिले में अब तक जिले भर में 278 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। 16 अप्रैल को ममता ने इमामों की बैठक की पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इमामों की बैठक की। इस दौरान उन्होंने कहा- मुर्शिदाबाद में हुआ दंगा प्री प्लांड था। इसमें भाजपा, BSF और सेंट्रल एजेंसीज की मिलीभगत थी। बांग्लादेशी घुसपैठियों को देश में बुलाकर ये दंगे करवाए गए। वक्फ बिल को लेकर मुर्शिदाबाद में हिंसा भड़की थी 8 अप्रैल को वक्फ बिल को लेकर मुर्शिदाबाद में हिंसा भड़क गई थी। कई वाहनों को प्रदर्शनकारियों ने आग लगा दी। इसमें पुलिस की गाड़ियां भी शामिल थीं। प्रदर्शनकारियों से झड़प में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की। इसी दौरान प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पत्थर फेंके। पुलिस ने उन्हें खदेड़ने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया पश्चिम बंगाल हिंसा की 3 तस्वीरें… ——————————— बंगाल से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… पश्चिम बंगाल के राज्यपाल मुर्शिदाबाद पहुंचे:बोले- पीड़ितों को फोन नंबर दिया है, केंद्र को रिपोर्ट भेजेंगे; BJP की मांग- NIA जांच करे पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस शनिवार को हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद पहुंचे। राज्यपाल हिंसा में जान गंवाने वाले लोगों के परिवार से भी मिले। उन्होंने कहा कि पीड़ितों को फोन नंबर उपलब्ध कराया गया है, जिससे लोग मुझसे सीधे बात करने के लिए स्वतंत्र महसूस करें। पूरी खबर पढ़ें…
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