पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में इंदौर के नथानियेल परिवार ने अपने घर के वरिष्ठ सदस्य सुशील नथानियल को खो दिया है। सुशील नथानियल के भाई विकास ने बताया कि आतंकवादियों ने पहले सुशील को घुटनों पर बैठाया, फिर उन्हें कलमा पढ़ने के लिए मजबूर किया। जब उन्हों
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जानकारी के अनुसार, सुशील की बेटी को भी गोली लगी, जो उनके पैर में जाकर धंसी। घटना से पहले सुशील ने अपनी पत्नी को छुपा दिया और स्वयं आतंकवादियों के सामने खड़े हो गए।
सुशील कुमार नथानियल की बेटी आकांक्षा के पैर में गोली लगने की खबर है। सुशील आलीराजपुर स्थित एलआईसी की सैटेलाइट शाखा में पदस्थ थे। वे चार दिन पहले ही 21 वर्षीय बेटे ऑस्टन, 30 वर्षीय बेटी आकांक्षा और पत्नी जेनिफर के साथ कश्मीर गए थे। जेनिफर खातीपुरा के एक सरकारी स्कूल में शिक्षिका हैं। घायल आकांक्षा सूरत में बैंक ऑफ बड़ौदा में कार्यरत हैं। परिवार मूल रूप से जोबट का निवासी है। पारिवारिक सूत्रों के अनुसार, बेटा और पत्नी सुरक्षित हैं।
घायलों का चल रहा उपचार
आतंकी हमले में घायल हुई इंदौर की दोनों महिलाओं का उपचार जारी है। सेना ने इंदौर पुलिस को सूची साझा करते हुए बताया कि महिलाओं के नाम जेनिफर और आकांक्षा हैं। बताया जा रहा है कि आतंकवादियों ने इन महिलाओं के सामने ही अंधाधुंध फायरिंग की। फायरिंग के बाद महिलाएं वहां से भागीं।
भागते समय एक महिला गिरकर घायल हो गई, जबकि दूसरी महिला के पास से गोलियां निकल गईं। वह गहरे सदमे में है। एडिशनल पुलिस कमिश्नर (कानून एवं व्यवस्था) अमित सिंह ने इस घटना की पुष्टि की है।
सीएम ने की निंदा मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले की निंदा की है। उन्होंने दिवंगत नागरिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि पहलगाम में हुआ आतंकी हमला एक कायरतापूर्ण और अमानवीय कृत्य है। इस हमले में कई निर्दोष लोगों की जान चली गई है।