23 नवंबर को विधानसभा चुनाव में जीत के बाद माता-पिता से हेमंत सोरेन ने लिया आशीर्वाद। उनके साथ पूरा परिवार था।
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झारखंड गठन के बाद पहले विधानसभा चुनाव का रिजल्ट निकला। इसमें दुमका सीट से निर्दलीय स्टीफन मरांडी से हेमंत सोरेन हार गए। इस हार से उनका मॉरल डाउन हो गया। वे वापस अपनी फोटोग्राफी और स्केचिंग में लग गए। उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए रांची के मेसरा स्थित बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में सरकारी कोटे से एडमिशन लिया।
22 मई 2009 को सुबह-सुबह पता चला कि उनके बड़े भाई की किडनी फेल होने से अचानक मौत हो गई। उस समय दुर्गा सोरेन JMM के कार्यकारी अध्यक्ष थे। उन्होंने राज्य में JMM की कमान संभाल रखी थी। बढ़ती उम्र और खराब सेहत के कारण पिता शिबू सोरेन केवल केंद्र की राजनीति तक सीमित थे।
ऐसे में हेमंत ने अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी और फुल टाइम पॉलिटिक्स जॉइन की। फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। आज झारखंड के अब तक के इतिहास में पहली बार सरकार रिपीट करने का रिकार्ड बनाया है और इस जीत के साथ आदिवासियों के सबसे बड़े लीडर हो गए हैं।
आगे सिलसिलेवार तरीके से जानिए हेमंत सोरेन की कहानी
जिस मरांडी से हारे थे, उसे तीसरे स्थान पर पहुंचाया
नवंबर 2009 में हुए झारखंड विधानसभा चुनाव को हेमंत ने अपने पिता के साथ मिलकर लड़ा। उन्होंने राज्यसभा से इस्तीफा दिया और दूसरी बार वे फिर चुनावी मैदान में दुमका से ही लड़ रहे थे। उनके सामने पुराने प्रतिद्वंद्वी के रूप में स्टीफन मरांडी ही थे, लेकिन इस बार वे कांग्रेस के टिकट पर भाग्य आजमा रहे थे। मुकाबला इस बार भी त्रिकोणीय ही था।
इस बार हेमंत ने मरांडी को हराकर 2005 की हार का हिसाब चुकता कर दिया। पिता शिबू सोरेन 30 दिसम्बर 2009 को झारखंड के CM बने। सब ठीक चल रहा था। केंद्र में UPA की सरकार थी।
अप्रैल 2010 में विपक्ष में बैठी BJP मनमोहन सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई। JMM ने UPA के समर्थन में वोट किया। इससे BJP परेशान हो गई। उसने JMM के इस कदम को विश्वा्सघात की तरह देखा। तब हेमंत सोरेन ने पॉलिटिकल मेच्योरिटी दिखाते हुए BJP से कहा कि मैं अपनी पिता की गलती के लिए माफी मांगता हूं। वो इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं।
BJP नहीं मानी और सरकार गिर गई। राष्ट्रपति शासन के बाद BJP-JMM ने फिर सरकार बनाई। अर्जुन मुंडा CM और हेमंत सोरेन ने 11 सितंबर 2010 डिप्टी CM पद की शपथ ली। हालांकि ये सरकार ज्यादा दिन नहीं चली और गठबंधन में डोमिसाइल नीति में मतभेद के चलते 8 जनवरी 2013 को सरकार गिर गई। राष्ट्रपति शासन के बाद JMM ने आजसू के साथ मिलकर सरकार बनाई।
2024 विधानसभा चुनाव में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में INDIA गठबंधन की हुई है शानदार जीत।
2013 में पहली बार सीएम बने हेमंत सोरेन
पहली बार हेमंत 13 जुलाई 2013 को CM बने। डेढ़ साल सरकार चलाने के बाद 23 दिसंबर 2014 को विधानसभा चुनाव हारने के लिए इस्तीफा देना पड़ा। पांच साल सत्ता से बाहर रहने के बाद हेमंत ने फिर वापसी की और दूसरी बार 29 दिसम्बर 2019 को CM बने। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तारी के बाद 31 जनवरी 2024 को इस्तीफा देना पड़ा। जमानत मिलने के बाद जेल से बाहर आए और तीसरी बार 4 जुलाई 2024 को CM बने। अब 28 नवंबर को चौथी बार सीएम पद की शपथ ले रहे हैं।
फोटोग्रॉफी और स्केचिंग के शौकीन, विदेश जाना चाहते थे
10 अगस्त 1975 को हेमंत सोरेन का जन्म हुआ। जन्म के महीनेभर बाद उनके पिता शिबू सोरेन ने सरेंडर कर दिया। दरअसल, आदिवासियों के हक और सूदखोरों के खिलाफ आंदोलन चलाने की वजह से उन पर कई केस दर्ज हो चुके थे। इधर बड़े हो रहे हेमंत ने अपनी स्कूलिंग पटना हाई स्कूल से की।
स्केचिंग में स्किल बढ़ाने के लिए हेमंत ने विदेश के कॉलेजों की जानकारी जुटानी शुरू कर दी। एक-दो कॉलेजों को आइडेंटिफाई भी किया, लेकिन माता-पिता ने उन्हें कहा कि जो भी पढ़ना है, देश में रहकर पढ़ो।
कल्पना को देखकर शिबू सोरेन ने कहा- यही बनेगी मेरी बहू
हेमंत की बड़ी बहन अंजली की शादी ओडिशा में हुई है। कल्पना के पिता कैप्टन अम्पा मुर्मू ने दैनिक भास्कर को बताया कि हमारे पास वाले मकान में एक अफसर रहते थे जो अस्पताल में नौकरी करते थे। वे शिबू सोरेन की बड़ी बेटी अंजली के जेठ थे।
उन्होंने मेरी बेटी को देखा और कहा कि शिबू सोरेन अपने मझले बेटे हेमंत के लिए लड़की देख रहे हैं। अगर आप तैयार हो तो मैं बात चलाऊं। इसके बाद जेठ ने ये बात अंजली को बताई। अंजली ने कल्पना को देखा और लगा कि ये लड़की मेरी भाभी बन सकती है।
पारंपरिक संथाली रीति-रिवाज से दुल्हन के रूप में कल्पना सोरेन की हुई थी विदाई। (फाइल फोटो)
इस दौरान शिबू सोरेन का इसी इलाके में एक शादी समारोह में आना तय हुआ। उनके साथ हेमंत और उनके बड़े बेटे दुर्गा भी थे। कैप्टन अम्पा मुर्मू परिवार सहित शादी में आए थे। वहां कल्पना को देखा और पहली नजर में ही शिबू सोरेन ने कल्पना को अपनी बहू के रूप में चुन लिया। हेमंत सोरेन और बाकी लोगों को भी लड़की पसंद आ गई। इसके बाद दोनों परिवार के बीच बात हुई और 7 फरवरी 2006 को कल्पना और हेमंत की शादी हो गई।
क्या है जमीन घोटाला जिसमें हेमंत को गिरफ्तार किया गया
हेमंत सोरेन पर ED का आरोप है कि उन्होंने अपने पद का गलत उपयोग कर जमीन पर कब्जा किया है। ED दो मामलों में जांच कर रही है। पहला रांची के बड़गाई में सेना की 4.55 एकड़ जमीन की अवैध खरीद-फरोख्त का है। दूसरा आदिवासी जमीन पर कब्जे का है।
ED का आरोप है कि फर्जी कागजातों से सेना की जमीन को बेचा गया। इसमें रांची नगर निगम ने एफआईआर दर्ज कराई थी। ED ने इसी FIR के आधार पर अपनी जांच शुरू की थी। इसके बाद ED ने सोरेन को पूछताछ के लिए PMLA की धारा 50 के तहत 10 समन भेजे, लेकिन वे एक बार भी पेश नहीं हुए। इसके बाद 31 जनवरी 2024 को रांची में पूछताछ के बाद हेमंत को गिरफ्तार कर लिया गया था। अभी जमानत पर है।