वैशाली में पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने पारिवारिक संपत्ति विवाद पर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि पहले पार्टी टूटी, फिर दिल टूटा और अब घर को तोड़ने की सुनियोजित तैयारी चल रही है।
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पारस ने कहा कि उनकी बड़ी भाभी, जिन्हें वे बड़ी मां मानते हैं, 50 सालों से खगड़िया के घर में रह रही हैं। यह पैतृक संपत्ति है, जहां तीनों भाई के परिवार रहते हैं। हम राम, लक्ष्मण, भरत के तरह रहते थे। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह राजनीतिक मन भेद का मामला है।
पारस ने पासवान की पत्नी के बारे में कहा कि वह पढ़ी-लिखी नहीं हैं और थाने में जो शिकायत दर्ज हुई है, उसमें उनका अंगूठा लगवाया गया है। उन्होंने कहा कि यह जांच का विषय है।
संपत्ति का होना चाहिए बंटवारा
बंटवारे के संबंध में पारस ने कहा कि दिल्ली, पटना, खगड़िया और शहरबनी में जहां भी संपत्ति है, उसका बंटवारा होना चाहिए। तीनों भाइयों को उनका हिस्सा मिलना चाहिए। पासवान के परिवार को भी उनका हक मिलना चाहिए।
पशुपति पारस ने संपत्ति को लेकर बयान दिया है।
पशुपति कुमार पारस ने भावुक होते हुए कहा कि जब डाल बंट गया तो दिल भी बंट गया। डाल तो कभी जुड़ सकता है, लेकिन दिल कभी नहीं जुड़ सकता। पारस ने बताया कि 10-15 दिनों में सारी सच्चाई सामने आ जाएगी। चिराग पासवान को उनका अधिकार मिलना चाहिए। टूटा हुआ दल जूट सकता है, लेकिन टूटा हुआ दिल नहीं जूट सकता है।
पारस ने कहा है कि जल्द सब सामने आएगा कि कौन सही है और कौन गलत है।