इंदौर में दो पार्षदों के बीच चल रहे विवाद में इंदौर के एमआईसी सदस्य और पार्षद जीतू यादव ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और एमआईसी पद से इस्तीफा दे दिया है। इसका मैसेज उन्होंने खुद सोशल मीडिया पर वायरल कर किया है।
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इस मामले को लेकर मानव अधिकार आयोग ने पुलिस कमिश्नर इंदौर से घटना की जांच कराकर की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन तीन सप्ताह में मांगा है। वहीं इस मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय ने भी विस्तृत रिपोर्ट तलब की है।
जीतू यादव ने सोशल मीडिया पर वायरल मैसेज में लिखा है कि मैं भाजपा का समर्पित और अनुशासित सिपाही हूं। मेरा, मेरे परिवार और अनुसूचित जाति के मेरे जाटव समाज का पार्टी से अटूट रिश्ता है। कुछ दिनों पहले इंदौर में पार्टी के एक साथी पार्षद के परिजनों के साथ हुई दुखद घटना में मेरा नाम घसीटकर पार्टी को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। मैंने मामले में अपना पक्ष सभी तथ्यों के साथ माननीय शहर अध्यक्ष के समक्ष रखकर खुद आरोपियों पर कार्रवाई की मांग की थी।
मान्यवर मैं ये नहीं चाहता कि मेरे कारण पार्टी को किसी असहज स्थिति का सामना करना पड़े। अतः इस पूरे प्रकरण में निर्दोष साबित होने तक मै पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और MIC से त्याग पत्र देता हूं। मुझे विश्वास है पार्टी मेरे साथ अन्याय नहीं होने देगी।
यादव ने खुद ही अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स से इस्तीफे का मैसेज वायरल किया है।
पीएमओ के दखल के बाद आया इस्तीफा
बीजेपी सूत्रों की मानें तो पार्षद पुत्र काण्ड में पीएमओ की दखलअंदाजी के बाद विवादास्पद पार्षद जीतू जाटव उर्फ यादव ने सभी पदों से इस्तीफा दिया है। जानकारी के मुताबिक मामले में अब पुलिस भी जल्द जीतू यादव पर मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तारी की तैयारी कर रही है। वहीं बीजेपी नेताओं का कहना है कि यह तो बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष और नगराध्यक्ष को मुंह दिखाई है। जो हिम्मत पुलिस नहीं कर सकी वो खुद बदमाश ने सरेंडर करके दिखाई है। जीतू यादव द्वारा यह गलत परंपरा शुरू की जा रही है।
यह था मामला
बीते शुक्रवार को 50 से ज्यादा बदमाशों ने पार्षद कालरा के घर पर हमला किया था। कालरा ने जीतू यादव पर हमला कराने के आरोप लगाए। 8 दिन के अंतराल में जूनी इंदौर पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज देखकर 12 बदमाशों की पहचान कर ली। इनमें से 6 को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस का कहना है कि अभी तक जीतू यादव के नाम से कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई है, वहीं किसी भी आरोपी ने जीतू यादव का नाम भी नहीं लिया है।
इस कारण पुलिस जीतू के इस मामले में शामिल होने या न होने को लेकर कोई बयान नहीं दे रही है। हालांकि पुलिस जीतू यादव पर कालरा के आरोपों की पड़ताल कर रही है। इस बीच पुलिस ने जीतू की पूरी क्राइम कुंडली खंगाल ली है। पुलिस का कहना है कि जीतू यादव ने 1999 में अपराध की दुनिया में कदम रखा था। तब से 2019 तक जीतू पर 11 केस दर्ज हो चुके हैं। इनमें से 10 केस परदेशीपुरा और 1 संयोगितागंज थाने में ही दर्ज हुआ है।
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36 साल के भाजपा पार्षद जीतू यादव ने पहला अपराध 1999 में किया था। तब नाबालिग जीतू ने परदेशीपुरा इलाके में दोस्त के साथ घर में घुसकर चाकूबाजी की थी। यहां जीतू और उसके दोस्तों ने मिलकर जान से मारने की धमकी भी दी थी। जीतू के क्राइम का सिलसिला यहीं से शुरू हुआ।
इंदौर के वार्ड 24 के पार्षद हैं जीतू यादव।
अब तक तीन बार गिरफ्तार भी हो चुके हैं। इसी साल उनको परदेशीपुरा पुलिस ने जुआ खेलते हुए पकड़ा था। पुलिस का कहना है कि 2019 से जीतू यादव पर कोई केस दर्ज नहीं किया गया है। हालांकि कई लिखित शिकायतें थाने जरूर पहुंची हैं। पुलिस इन शिकायतों की जांच भी कर रही है।पढ़ें पूरी खबर