सुल्तान बुलबुल या दूधराज एक फ्लाई कैचर परिवार का अनोखा पक्षी है। जिसकी सुंदरता बर्ड ऑफ पैराडाइस से मेल खाती है। इसके भोजन में कई तरह के किट-पतंगे जैसे तितली, ड्रैगनफ्लाई, शलभ आदि शामिल हैं। इस पक्षी में लिंगीय विभेदन देखने को मिलती है। जिसमे इसके दो
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नर का उदर भाग सफेद होता है। नर की फीते के सामान लंबी पूंछ होती है, यह उड़ान भरते वक्त हवा में लहराती है जो इसे आकर्षक रूप प्रदान करता है। इस कारण से यह बर्ड वॉचर्स के बीच काफ़ी प्रसिद्ध है। मादा बदामी रंग की होती है जिसकी पूँछ काफी छोटी होती है और इसके आँखों के छल्ले सुस्पष्ट नही होते हैं।
शिकार की अद्भुत कला,रंग और सौंदर्य का संगम, राजगीर के जंगलों की बनी शोभा।
गर्मी के मौसम में बढ़ाती है आबादी
यह गर्मियों के मौसम मई से जून माह में अपनी संख्या बढ़ाने के लिए प्रजनन और घोसलें बनाते हैं। सुल्तान बुलबुल कपनुमा घोंसला बनाते हैं । माता-पिता दोनो घोसलें की रक्षा करते हैं। और बच्चों को पालन-पोषण भी साथ मिलकर करते हैं।
वन्य जीव सरंक्षण अभियान से जुड़े राहुल कुमार बताते हैं कि गर्मियों में इन्हें नालन्दा के राजगीर वन्यजीव अभ्यारण्य में देखना बहुत ही सामान्य है। जंगली क्षेत्र जो झाड़ियों और बाँस से आच्छादित हों ऐसे क्षेत्र में इसे आसानी से देखा जा सकता है। यह ख़ास तरह की आवाजें निकालती जिसे सुनकर भी इसकी मौजूदगी का पता लगाया जा सकता है।
उड़ कर हवा में करती है शिकार
यह पक्षी उड़ कर हवा में ही किट-पतंगे को पकड़ कर अपना आहार बनाने में माहिर होते हैं। इस खूबसूरत पक्षी की एक खासियत है जो अन्य सभी फ्लाई कैचर पक्षियों में भी देखने को मिलते हैं जिस से वन्यजीव छाया चित्रकार इसकी एक अच्छी छवि कैमरे से उतारने में मददगार साबित होती है।
सुल्तान बुलबुल अपने शिकार को हवा में ही उड़कर पकड़ लेते हैं, और फिर उसी स्थान पर आकर बैठते हैं जहां से यह अपने शिकार पर नज़र गड़ाए रखता है, इस तरह से इसकी अच्छी छवि को अपने कैमरे में कैद करना आसान हो जाता है। इसके लिए बर्ड वॉचर को धैर्य, शांति और थोड़ी दूरी बनाकर पक्षी को उसी जगह पर वापस बैठने तक तक इंतजार करना चाहिए !