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प्राइवेट कॉलेज ने छात्राओं के आरोपों को निराधार बताया: भोपाल में संचालक बोले- कम अटेंडेंस से शुरू हुआ था विवाद, आरोप सिर्फ दबाव बनाने का प्रयास – Bhopal News



भोपाल के रायसेन रोड स्थित प्राइवेट कॉलेज के डायरेक्टर अरुण पांडे पर छात्राओं ने बैड टच, अश्लील बातें करने और अकेले में मिलने का दबाव बनाने के आरोप लगाए थे। इसे लेकर पिपलानी थाने में शिकायत भी दर्ज कराई गई थी।

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आरोपों पर स्पष्टीकरण देने के लिए शनिवार को कॉलेज ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया। जिसमें कॉलेज के ग्रुप संचालक डॉ. अनुराग चौबे, संचालक डॉ. अरुण कुमार पांडे, इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ की विभागाध्यक्ष डॉ. नीरा शुक्ला और जनसंपर्क संचालक प्रो. आरएस मुखर्जी शामिल हुए। इन्होंने छात्रों द्वारा लगाए गए आरोपों को निराधार बताया।

डॉ. पांडे ने कहा कि इस प्रेसवार्ता की बात सुनते ही आरोप लगाने वाली 4 में से 3 छात्राओं ने शिकायत वापस ले ली है। वहीं चौथी स्टूडेंट भी हमसे संपर्क करने का प्रयास कर रही है। डॉ. पांडे ने आगे कहा कि इस कॉन्फ्रेंस का मुख्य उद्देश्य यह स्पष्ट करना था कि छात्राओं द्वारा की गई शिकायतें उनकी अत्यधिक कम उपस्थिति (अटेंडेंस) से जुड़ी हैं। जिसके कारण उनके परीक्षा फॉर्म आगे नहीं बढ़ पा रहे थे। इन छात्राओं ने डॉ. अरुण पांडे पर दबाव बनाकर नियम विरुद्ध तरीके से अपने फॉर्म फॉरवर्ड कराने की कोशिश की। इससे जुड़े दस्तावेज भी मौजूद हैं।

छात्राओं की उपस्थिति केवल 4%

डॉ. अरुण कुमार पांडे के अनुसार, संबंधित छात्राओं की पिछले सेमेस्टर में भी उपस्थिति कम थी। तब उन्होंने एक अंडरटेकिंग दी थी कि वे अगले सेमेस्टर में नियमानुसार 75% अटेंडेंस पूरी करेंगी। इसके बावजूद, इस सेमेस्टर में दो छात्राओं की उपस्थिति केवल 4% और अन्य दो की 40% से भी कम पाई गई। संस्थान ने इसे नियमों के खिलाफ बताते हुए कहा कि छात्राएं दबाव बनाकर परीक्षा और छात्रवृत्ति फॉर्म आगे बढ़ाना चाहती हैं, जो एक आर्थिक अपराध है।

संस्थान ने डॉ. पांडे के 25 सालों के अकादमिक रिकॉर्ड, उनकी लोकप्रिय पुस्तकों और अंतर्राष्ट्रीय शोध पत्रों का भी उल्लेख किया, जो छात्रों के बीच काफी सराहे जाते हैं। इसके साथ ही, सीसीटीवी फुटेज में भी किसी आपत्तिजनक घटना का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला है।

पीड़िता के थाने में हुए बयान दर्ज एक पीड़ित का दवा है कि बुधवार को उसके बयान दर्ज किए गए हैं। पुलिस को दिए बयान में पीड़ित छात्रा ने कई खुलासे किए। बयान में उसने बताया कि कॉलेज के डायरेक्टर गलत नीयत से छेड़छाड़ कर गंदे-गंदे इशारे करते हैं। कई बार हम लोगों को काम से डायरेक्टर से मिलने जाना पड़ता है। वह हमसे कहते हैं तुम लोगों की पढ़ने की औकात नहीं। साथ ही अपशब्द भी कहते हैं। 22 मई को हम लोग एग्जाम फार्म फॉरवर्ड के लिए बैठे थे। उस समय डायरेक्टर भी आ गए। वह कहने लगे तुम्हें पता है मुझे खुश करो और जो भी परेशानी है वो अब नहीं होगी।



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