साहित्यकार, चिंतक, कवि और व्यंग्यकार प्रो. अजहर हाशमी (75) को रविवार को श्रद्धांजलि दी गई। विद्यार्थी परिवार और उनके शिष्यों द्वारा साइंस कॉलेज में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में वक्ताओं ने प्रो. हाशमी के व्यक्तित्व और साहित्यिक योगदान को याद किया।
.
विद्यार्थी परिवार अध्यक्ष सतीश त्रिपाठी ने श्रद्धांजलि सभा की शुरुआत करते हुए कहा कि प्रो. हाशमी का व्यक्तित्व और कृतित्व समाज को समर्पित रहा। वे हमेशा जीवन में मार्गदर्शन करते रहेंगे। रतलाम भाजपा जिलाध्यक्ष प्रदीप उपाध्याय ने कहा कि प्रो. हाशमी ने रतलाम को अपनी कर्मभूमि बनाकर इसे गौरवान्वित किया।
‘धर्म और ज्ञान का अद्भुत संगम थे प्रो. हाशमी’ प्रो. मनोहर जैन ने उन्हें आदर्श गुरु बताते हुए कहा कि वे हमेशा शिष्यों के हित में तत्पर रहते थे। समाजसेवी प्रदीप जैन ने कहा कि उनका व्यक्तित्व इतना विराट था कि उनमें सभी धर्म समाहित थे। सुभाष जैन ने कहा कि वे वेद, उपनिषद, कुरान और जैन धर्म के भी ज्ञाता थे। जैन समाज में वे निरंतर व्याख्यान के लिए आमंत्रित किए जाते थे।
श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते समाजसेवी सुभाष जैन।
इन हस्तियों ने भी दी श्रद्धांजलि वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. प्रदीप सिंह राव, प्रो. आरपी पाटीदार, प्रो. बड़गोत्या, सांस्कृतिक मंच से दिनेश कुमार शर्मा, कैप्टन डॉ. एनके शाह, डॉ. प्रवीणा दवेसर, डॉ. अनिला कंवर, चिंतक त्रिभुवनेश भारद्वाज, साहित्यकार आशीष दशोत्तर, इंदु सिन्हा, रश्मि पंडित, पत्रकार हेमंत भट्ट, श्याम सुंदर भाटी, नरेंद्र सिंह पंवार, लेखिका वैदेही कोठारी, नवनीत मेहता, डॉ. हितेश पाठक और गोविंद उपाध्याय सहित कई गणमान्य नागरिकों ने श्रद्धांजलि अर्पित की।
शांति पाठ के साथ हुई शुरुआत श्रद्धांजलि सभा का प्रारंभ महर्षि संजय दवे ने वैदिक मंत्रोच्चार और शांति पाठ के साथ किया। संचालन श्वेता नागर और आभार तुषार कोठारी ने व्यक्त किया।
गौरतलब है कि मंगलवार शाम प्रो. हाशमी का निधन हुआ था। बुधवार सुबह उन्हें राजस्थान के झालावाड़ जिले के पैतृक गांव पिड़वा में सुपुर्द-ए-खाक किया गया।