- Hindi News
- National
- Ahmedabad Civil Hospital LIVE Photos Update | Air India Plane Crash Video
अहमदाबाद27 मिनट पहलेलेखक: कमल परमार
- कॉपी लिंक
गुरुवार यानी कि 12 जून को अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने के कुछ ही सेकंड में लंदन जा रहा एक विमान मेडिकल हॉस्टल से टकरा गया। हादसे में 250 से ज्यादा लोगों की जान चली गई और 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए। प्लेन के हॉस्टल से टकराते ही इलाके में अफरा-तफरी मच गई।
पहले तो किसी को समझ ही नहीं आया कि क्या हुआ है। कुछ ही मिनटों के बाद घटना की तस्वीरें सामने आईं और पता चला कि विमान क्रैश हो गया है। घटना के एक घंटे बाद विमान क्रैश होने का एक चौंकाने वाला वीडियो वायरल हुआ, जिसने सभी को हिलाकर रख दिया।
पूरी दुनिया में वायरल हुआ यह वीडियो 17 साल के आर्यन असारी ने अपने मोबाइल में कैद किया था। आर्यन का घर अहमदाबाद एयरपोर्ट और हादसे वाली जगह के बीच लक्ष्मीनगर इलाके में है। हादसे के वक्त आर्यन छत पर थे और करीब से गुजरते प्लेन का वीडियो शूट कर रहे थे। लेकिन चंद ही सेकेंड्स में प्लैन क्रैश हो गया और आर्यन चीख पड़े। अहमदाबाद पुलिस भी आर्यन से पूछताछ कर रही है।
यह वीडियो आर्यन ने ही अपने घर की छत से रिकॉर्ड किया था।
इस बारे में भास्कर की टीम ने आर्यन से बात की तो उन्होंने कहा कि मैंने अपने जीवन में पहली बार किसी विमान को इतने करीब से देखा था। मैं गुजरात के अरावली जिले के कंटोल गांव में रहकर 12वीं की पढ़ाई कर रहा हूं। पापा अहमदाबाद में मेट्रो में सुपरवाइजर हैं। स्कूलों की छुट्टी होने के चलते मैं तीन दिन पहले ही अहमदाबाद आया था। मेरे पापा इसी बिल्डिंग में किराए से रहते हैं। मैं दोपहर में छत पर था। तभी मैंने प्लेन के आने की आवाज सुनी और मोबाइल से उसका वीडियो बनाने लगा। प्लेन बिल्कुल मेरे सिर के ऊपर से गुजरा था। प्लेन थोड़ा हिल रहा था, लेकिन मुझे कुछ समझ नहीं आया, क्योंकि मैंने पहली बार ही इतने करीब से कोई प्लेन गुजरते हुए देखा था।
आर्यन ने आगे कहा कि मैंने वीडियो रिकॉर्ड करना जारी रखा। आखिरकार, जब मैंने वीडियो को जूम-इन किया, तो अचानक प्लेन आगे जाकर किसी जगह टकरा गया और जोरदार धमाका हुआ। आग का गोला देखकर मैं बहुत डर गया था। मैं भागकर नीचे आया और लोगों को इसके बारे में बताया। मैं अपने पापा और कुछ रिलेटिव को भी वह वीडियो भेजा। इसके बाद यह वीडियो वायरल हो गया। आर्यन कहते हैं- मुझे अब प्लेन से बहुत डर लगने लगा है और मैं कभी भी प्लेन में नहीं बैठूंगा।
आर्यन के बाद दिव्य भास्कर की टीम ने मकान मालकिन कैलाशबा से भी बात की। कैलासबा भी हादसे के वक्त छत पर ही थीं। कैलासबा पहले एयरपोर्ट पर एक कैजुअल लेबर के तौर पर काम करती थीं। इतना ही नहीं, उन्होंने 1988 में अहमदाबाद में हुए विमान हादसे को भी करीब से देखा था। इस बारे में कैलासबा ने कहा- जब यह प्लेन छत से गुजरात तो मुझे भी कुछ अजीब सा महसूस हुआ था। क्योंकि, आमतौर पर विमान हवाई अड्डे से सटे नीम के पेड़ के बहुत ऊपर से गुजरते हैं। लेकिन, यह प्लेन नीम के पेड़ के बगल से गुजरा था। मैंने रोजाना यहां से गुजरने वाले कई विमानों को देखती हूं।
इंजन की आवाज़ बंद हो गई थी कैलासबा ने आगे कहा- आमतौर पर जब कोई प्लेन हमारी छत के ऊपर से गुजरता है, तो उसमें से बहुत आवाज आती है। लेकिन, यह प्लेन जब हमारी छत के ऊपर से गुजरा तो बिल्कुल भी शोर नहीं हुआ। ऐसा लगा जैसे उड़ान भरने के बाद प्लेन के इंजन बंद हो गए थे। ऐसे लग रहा था जैसे कि प्लेन हवा में रुक सा गया था।
कोटरपुर प्लेन हादसे को भी मैंने अपनी आंखों से देखा था कैलासबा ने 1988 की कोटरपुर प्लने हादसे को याद करते हुए कहा- मैंने इससे पहले भी अहमदाबाद में हुई विमान दुर्घटना को अपनी आंखों से देखा है। यह घर मेरी ससुरा है। मेरा मायका भी यहां से केवल 300 मीटर की दूरी कोटरपुर इलाके में है। कोटरपुर में प्लेन हादसा 19 अक्टूबर 1988 को हुआ था। उस समय मैं छोटी थी। प्लेन हादसे के बाद हम वहां गए थे। उस हादसे में लोग लोग ही बचे थे।
उस हादसे में 133 लोग मारे गए थे गौरतलब है कि 19 अक्टूबर 1988 को बॉम्बे से अहमदाबाद जाने वाली इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट 113 दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। यह देश की सबसे घातक विमानन दुर्घटनाओं में से एक थी। इस हादसे में प्लेन में सवार 135 में से क्रू मेंबर्स समेत 133 लोगों की मौत हो गई थी। खराब विजिविलिटी के चलते सुबह 06:53 बजे प्लेन पेड़ों और बिजली ट्रांसमिशन खंभे से टकराकर कोटरपुर के पास एक धान के खेत में गिर गया था। यह हादसा भी अहमदाबाद एयरपोर्ट से करीब ढाई किमी दूर हुआ था।
जीवन में पहली बार इतना भयानक हादसा देखा: दशरथभाई इसके बाद भास्कर की टीम ने दशरथभाई से बात की। प्लेन में धमाका होते ही दशरथभाई घायलों की मदद के लिए दौड़ पड़े थे। दशरथ भाई ने कहा- हादसा मेरे घर से करीब 300 मीटर दूर ही हुआ था। प्लेन में धमाके की आवाज से पूरा इलाका दहल गया था। हम दौड़कर वहां पहुंचे तो देखा कि यह प्लेन हादसा था। चारों तरफ सब कुछ जल रहा था। मेरे साथ हमारी सोसायटी के तीन लड़के भी थे। हमने कई शव निकाले थे। जल्दी ही इलाके के काफी लोग पुलिस और एम्बुलेंस भी आ गई थी। हमने शवों को 108 में रखने में मदद की। मैंने अपने जीवन में पहली बार इतना भयानक हादसा देखा था। चारों तरफ आग लगी हुई थी और लाशें बुरी तरह जल गई थीं।
लाशें देखकर बच्चियां-महिलाएं रोने लगीं थीं वहीं, लक्ष्मीनगर के एक और निवासी सुरेश सिंधी ने बताया कि हम लोग मौके पर पहुंचे तो देखा कि चारों तरफ जली लाशें ही लाशें पड़ी हुई थीं। हादसा देखकर बच्चियां और महिलाएं रोने लगी थीं। हम लोगों तीन-चार घायलों को निकाला। इसी बीच कई लोगों ने 108 पर कॉल करके एंबुलेंस को सूचना दे दी थी। पांच-छह मिनट में ही दो-तीन एंबलेंस यहां आ गई थीं। उसके बाद पुलिस और सेना के जवान भी यहां पहुंचने लगे थे। हम लोगों ने 30 से 40 शवों को एंबुलेंस में रखवाया।
सोसायटी में रहने वाले भरत सोलंकी ने बताया कि मैं खाना खाने बैठा ही था कि मेरी बेटी रोते हुए चिल्लाई- पापा वो प्लेन देखिए। मैं दौड़कर मौके पर पहुंचा, तभी वहां दूसरा धमाका हुआ था। साल 1988 में पास ही में ऐसा ही एक प्लेन क्रैश हुआ था। मेरे माता-पिता ने वह घटना अपनी आंखों से देखी थी।
ज्यादातर लोगों के शव ही दिखाई दे रहे थे: जितेशभाई न्यू लक्ष्मीनगर सोसाइटी के एक अन्य निवासी जितेशभाई ने बताया कि मैं पार्किंग में बैठा था। तभी धमाके की आवाज सुनाई दी। हम सभी उस दिशा में भागे। मौके पर देखा कि चारों तरफ आग ही आग थी। वहां घायल कम ही थी, ज्यादातर लोगों के शव ही दिखाई दे रहे थे। हम कई लोगों ने ज्यादातर शवों ही 108 एंबुलेंस में रखे थे। मेरे इलाके के चाय की दुकान वाले का बेटा और उसकी मां भी घायलों की मदद करने के दौरान घायल हुए हैं। उन्होंने भी बताया है प्लेन ने अचानक अपना रास्ता बदल लिया था। प्लेन अचानक बिल्कुल नीचे झुक गया था।
एक महिला का धड़ पड़ा हुआ था विजयभाई ने बताया कि मैं पीछे वाले ब्लॉक नंबर 77 में रहता हूं। सामने से एक विमान क्रैश हो रहा था और वह यहां की बिल्डिंग से टकराया। जैसे ही विमान क्रैश हुआ, बहुत तेज आवाज हुई। मैं अपनी बाइक छोड़कर भागकर यहां आया। जब मैं आया तो देखा कि मेडिकल हॉस्टल का सिक्युरिटी गार्ड जल रहा था।
उसके चारों तरफ आग ही आग थी। हम गार्ड के पास पहुंचने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन नाकाम रहे। दो-तीन मिटन में हम पास पुहंचे तो वहीं किसी महिला का धड़ पड़ा हुआ था। यहां रहने वाले मेडिकल स्टाफ बचाओ-बचाओ चिल्ला रहे थे। स्थानीय लोगों तो मदद में लगे ही हुए थे। तुरंत ही पास के पुलिस थाने से पुलिस और फायर की टीमें भी आ गई थीं। यहां हुए धमाके की आवाज 10 किलोमीटर दूर तक सुनी गई थी।
अहमदाबाद में हुए प्लेन हादसे की ये खबरें भी पढ़ें…
1. देखिए अहमदाबाद प्लेन क्रैश PHOTOS में, सड़कों पर लाशें बिखरीं, शरीर जले-पहचानना मुश्किल गुजरात के अहमदाबाद में एयर इंडिया प्लेन क्रैश में 100 से ज्यादा यात्री मारे गए हैं। अहमदाबाद से लंदन जा रहे विमान में 242 यात्री सवार थे। हादसे के बाद पूरे इलाके में धुएं का गुबार दिखाई दिया। (पूरा हादसा देखने के लिए क्लिक करें)
2. अहमदाबाद सिविल अस्पताल में स्ट्रेचर कम पड़े तो हाथ ठेले से लेकर पहुंचे शव, अस्पताल में ओ निगेटिव ब्लड की कमी अहमदाबाद प्लेन क्रैश होने के बाद हादसे के शिकार लोगों को इलाज के लिए सिविल अस्पताल लाया जा रहा है। अस्पताल में स्ट्रेचर कम पड़े तो हाथ ठेले से शवों को ले जाया जा रहा है। अस्पताल में ओ निगेटिव ब्लड की कमी होने के बाद ब्लड डोनेशन की अपील की है। (पल-पल की जानकारी के लिए क्लिक करें)
3. अहमदाबाद में प्लेन डॉक्टर हॉस्टल की 4 बिल्डिंग से टकराया:लंच के समय अतुल्य हॉस्टल में 50-60 इंटर्न डॉक्टर मौजूद थे, अब तक 6 शव मिले
अहमदाबाद में एअर इंडिया का बोइंग 787 ड्रीमलाइनर प्लेन सिविल हॉस्पिटल के हॉस्टल की 4 बिल्डिंग से टकराया था। जिनमें रेजिडेंट डॉक्टर रहते थे। घटना के दौरान हॉस्टल में 50 से 60 इंटर्न डॉक्टर्स मौजूद थे। ज्यादातर मेस में लंच कर रहे थे। धमाके का असर इतना था कि अंदर मौजूद डॉक्टरों के शव भी टुकड़ों में बिखर गए। (पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें)
4. भारत के 5 बड़े प्लेन हादसे: हरियाणा में दो प्लेन टकराए, 349 मौतें, कर्नाटक में खाई में गिरा अहमदाबाद प्लेन हादसे में अब तक 100 शव बरामद हुए हैं। हम आपको देश के 5 बड़े हादसों के बारे में बता रहे हैं। (पढ़ने के लिए क्लिक करें)
5. विजय रूपाणी 3 दिन पहले लुधियाना से लौटे थे:उपचुनाव में प्रचार किया, तीन साल से पंजाब-चंडीगढ़ BJP के प्रभारी थे
अहमदाबाद में क्रैश हुए एअर इंडिया का बोइंग 787 ड्रीमलाइनर प्लेन में पंजाब BJP के प्रभारी एवं गुजरात के पूर्व CM विजय रूपाणी का निधन हो गया। वह 3 साल से पंजाब और चंडीगढ़ BJP के प्रभारी थे। उन्होंने 3 दिन पहले लुधियाना में वेस्ट हलका के उपचुनाव में पार्टी उम्मीदवार जीवन गुप्ता के लिए प्रचार किया था। (पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें)