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प.बंगाल में राष्ट्रपति शासन की मांग, आज SC में सुनवाई: याचिकाकर्ता की मांग- हिंसा के चलते कितने हिंदू पलायन किए, इसकी रिपोर्ट मांगी जाए


नई दिल्ली9 मिनट पहले

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प. बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ कानून के विरोध में 11-12 अप्रैल को हिंसा हुई थी। इसमें 3 लोग मारे गए थे।

पश्चिम बंगाल में हिंसा के बाद राष्ट्रपति शासन की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई होगी। याचिका वकील विष्णु शंकर जैन ने लगाई है।

उनकी मांग है कि हिंसा की गहन जांच के लिए तीन रिटायर्ड जजों की अगुआई में जांच कमेटी बनाई जाए। साथ ही डर के चलते कितने हिंदू परिवारों ने पलायन किया, इसकी रिपोर्ट मंगाई जाए।

वक्फ संशोधन कानून लागू होने के बाद पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद समेत कई जिलों में हिंसा हुई थी। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया ळाा कि धुलियान से करीब 500 लोगों ने पलायन किया था।

याचिकाकर्ता का 2021 से जुड़ा मामला, ताजा हिंसा को भी जोड़ा याचिकाकर्ता विष्णु शंकर जैन सोमवार को भी जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस एजी मसीह की बेंच के समक्ष एक अन्य याचिका को लेकर पहुंचे थे। तब जैन ने बेंच से मंगलवार को सुनवाई के लिए नई याचिका लेने का आग्रह किया था।

जैन ने कहा था कि, उनकी 2021 की याचिका सुनवाई के लिए मंगलवार को लिस्टेड है। ये याचिका विधानसभा चुनावों के बाद हुई हिंसा के मद्देनजर दायर की गई थी। लेकिन अब पश्चिम बंगाल में हिंसा की नई घटनाएं भी सामने आईं हैं।

ऐसे में उन्हें ताजा हिंसा से जुड़े और दस्तावेज पेश करने हैं। ताकि राज्य में राष्ट्रपति शासन की मांग की जा सके। इस पर जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि आप चाहते हैं कि हम इसे लागू करने के लिए राष्ट्रपति को आदेश जारी करें? वैसे भी हम पर कार्यपालिका में अतिक्रमण करने का आरोप लग रहा है।

मुर्शिदाबाद हिंसा की 2 तस्वीरें…

11 अप्रैल की तस्वीर जब मुर्शिदाबाद में भीड़ बेकाबू हो गई थी।

मुर्शिदाबाद में 11-12 अप्रैल को हुई हिंसा के दौरान गाड़ियां जलाई गईं थीं।

हाईकोर्ट का सुझाव- हिंसा प्रभावित इलाके का दौरा हो कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल के हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद जिले में केंद्रीय बलों की तैनाती जारी रखने पर 17 अप्रैल को आदेश सुरक्षित रख लिया था। जस्टिस सौमेन सेन और जस्टिस राजा बसु चौधरी की बेंच नेता विपक्ष सुवेंदु अधिकारी की याचिका पर सुनवाई कर रही है।

जिले के संवेदनशील इलाकों में केंद्रीय बलों की 17 कंपनियां तैनात हैं। सुवेंदु अधिकारी ने अपील की है कि विस्थापित लोगों की उनके घरों में वापसी के लिए राज्य सरकार की तरफ से कदम उठाए जाने के निर्देश दिए जाएं।

इससे पहले हाईकोर्ट ने सुझाव दिया था कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, पश्चिम बंगाल राज्य मानवाधिकार आयोग और राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण से एक-एक सदस्य वाला पैनल हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा करे।

NCW की टीम मुर्शिदाबाद का जायजा ले चुकी राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने रविवार को पश्चिम बंगाल सरकार से मुर्शिदाबाद जिले के दंगा प्रभावित इलाकों का दौरा किया। आयोग एक रिपोर्ट तैयार कर रहा है, जिसे जल्द ही केंद्र को सौंपा जाएगा। इसकी कॉपियां राज्य के शीर्ष अधिकारियों को भेजी जाएंगी।

AIMPLB ने 87 दिन प्रदर्शन का ऐलान

AIMPLB ने नए वक्फ कानून के खिलाफ वक्फ बचाव अभियान शुरू किया है।

नए वक्फ कानून के खिलाफ ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ‘वक्फ बचाव अभियान’ चला रहा है। इसका पहला फेज 11 अप्रैल से शुरू हो गया है। यह विरोध 7 जुलाई तक यानी 87 दिन चलेगा। वक्फ कानून के विरोध में 1 करोड़ हस्ताक्षर कराए जाएंगे, जो PM मोदी को भेजे जाएंगे। इसके बाद अगले फेज की रणनीति तय की जाएगी।

सुप्रीम कोर्ट में वक्फ कानून पर सुनवाई जारी

सुप्रीम कोर्ट में पिछले हफ्ते लगातार 2 दिन सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने केंद्र सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए 7 दिन का वक्त दिया है। सरकार के जवाब के बाद याचिकाकर्ताओं को 5 दिन में जवाब देना होगा। अगली सुनवाई 5 मई को दोपहर 2 बजे होगी।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कानून के खिलाफ दायर 70 से ज्यादा याचिकाओं की जगह सिर्फ 5 याचिकाएं ही दायर की जाएं। उन्हीं पर सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र का जवाब आने तक वक्फ घोषित संपत्ति पर यथास्थिति बनाए रखने को कहा। तब तक सरकार को तीन निर्देश मानने होंगे।

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