पहले काम की तलाश में महाराष्ट्र, गुजरात और कर्नाटक जैसे दूसरे राज्यों में जाते थे मजदूर।
बुरहानपुर में जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत एक नई पहल शुरू की गई है। जिला पंचायत मनरेगा योजना के माध्यम से फॉर्म पौंड का निर्माण करवा रही है। ये काम स्थानीय मजदूरों को रोजगार देने और पलायन रोकने में मददगार साबित हो रहा है।
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ग्राम पंचायत बाकड़ी में सुपड़ी बाई, नजर सिंग और किशन के खेतों सहित 5 जगह पर फॉर्म पौंड बन रहा है। सुरेश जमरा और इंदर जमरा के अनुसार इस काम से हर रोज 100 मजदूरों को रोजगार मिल रहा है। मजदूरों को प्रतिदिन 261 रुपए की मजदूरी दी जा रही है।
बारिश से पहले काम शुरू करा दिया गया है।
एक साल में 100 दिन का रोजगार देने की गारंटी राज्य सरकार ने मनरेगा योजना के तहत हर व्यक्ति को एक साल में 100 दिन का रोजगार देने की गारंटी दी है। पंचायत रोजगार सहायक देवीलाल निंगवाल के अनुसार, फॉर्म पौंड का निर्माण दोहरा लाभ दे रहा है। ये न केवल बेरोजगार युवाओं को रोजगार दे रहा है, बल्कि खेतों में मिट्टी का कटाव भी रोक रहा है।
बारिश से पहले शुरू हुआ काम कुछ समय पहले बाकड़ी, मांडवा और सीवल में जिला प्रशासन के अधिकारियों की चौपाल लगी थी। जिला पंचायत सीईओ लता शरणागत ने विकास कार्यों की सूची तैयार करवाई। बारिश से पहले काम शुरू करा दिया गया है। इस पहल से मजदूरों को रोजगार मिल रहा है और साथ ही जल संरक्षण भी हो रहा है।
पहले जिले के अधिकांश मजदूर परिवार काम की तलाश में महाराष्ट्र, गुजरात और कर्नाटक जैसे दूसरे राज्यों में जाते थे। अब स्थानीय स्तर पर रोजगार मिलने से यह स्थिति बदल रही है।