पुणे से पटना पहुंचे स्क्रैप कारोबारी 55 वर्षीय लक्ष्मण साधु शिंदे का अपहरण कर उनकी हत्या कर दी गई। शिंदे, 11 अप्रैल को इंडिगो की फ्लाइट से रात आठ बजे पहुंचे थे। एयरपोर्ट से ही उन्हें कार से साइबर अपराधियों ने अगवा कर लिया। अपराधियों ने उन्हें झारखंड
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पुलिस ने पटना, नवादा और नालंदा में छापेमारी कर इस मामले में तीन को गिरफ्तार किया है और 15 को हिरासत में लिया है। पूछताछ कर रही है। मंगलवार को पुलिस इस मामले का खुलासा कर देगी। शिंदे, पुणे के इंद्रयाणी कोऑपरेटिव हाउसिंग सोसाइटी में रहते थे। परिजनों ने पुणे के कोथुड थाने में उनकी गुमशुदगी का सनहा भी दर्ज कराया था। एयरपोर्ट थानेदार संतोष कुमार ने बताया कि शिंदे के शव की पहचान हो गई है।
जानें कब क्या हुआ : 11 अप्रैल को शिंदे पुणे से विमान से पटना आए, 13 अप्रैल को पुणे पुलिस के साथ परिवार पहुंचा….जहानाबाद में मिले अज्ञात शव की शिनाख्त से हत्या की पुष्टि हुई
डेढ़ घंटे बाद शिंदे का मोबाइल बंद हो गया
शिंदे के साढू विशाल के अनुसार, वे पत्नी राप्रभा लक्ष्मण शिंदे से 11 अप्रैल को यह कहकर निकले थे कि पटना जा रहा हूं। शिंदे जब रात 8 बजे पटना एयरपोर्ट पहुंचे तो उन्होंने प|ी को बताया कि शिवराज सागी ने गाड़ी भेजी है। झारखंड जा रहा हूं। 11 अप्रैल की रात 9:30 बजे र|प्रभा ने फोन किया तो शिंदे ने मोबाइल नहीं उठाया। उसके बाद र|प्रभा का शिंदे से संपर्क नहीं हुआ। विशाल के बयान पर एयरपोर्ट थाना में केस दर्ज हुआ। एफआईआर में शिवराज सागी का नंबर 9093559569 दिया गया है।
अपराधियों ने मराठी बन चंगुल में फंसाया
जिस शिवराज सागी की गाड़ी पर चढ़कर शिंदे ने पत्नी से एयरपोर्ट से झारखंड जाने की बात कही थी, वह शिवराज सागी फर्जी है। उसका फोन दूसरे के नाम पर है। शिंदे, शिवराज को जानते थे। इसलिए अपराधियों ने उनकी गाड़ी से ले जाने की बात कही। अपराधियों ने मराठी बनकर शिंदे का अपहरण किया और फिर हत्या कर शव को फेंक दिया।
साढ़ू ने एयरपोर्ट थाने को सूचना दी, तो खुला मामला
11 से 13 अप्रैल तक जब परिवार के सदस्यों की शिंदे से बात नहीं हुई तो उनके साढ़ू विशाल लवाजी लोखांडे, पुणे पुलिस के साथ 13 अप्रैल को पटना एयरपोर्ट थाना पहुंचे और पुलिस को सूचना दी। पटना पुलिस ने आसपास जिलों में मैसेज फ्लैश किया तब जहानाबाद पुलिस ने एक अज्ञात शव बरामद होने की सूचना पटना पुलिस को दी। एयरपोर्ट थाने की पुलिस उनके साढ़ू और अन्य परिजनों के अलावा पुणे पुलिस को लेकर घोसी गई। परिवार वालों ने शव की पहचान कर ली। शिंदे के शरीर पर मारपीट और काले धब्बे के निशान थे।
भास्कर इनसाइट
नालंदा और नवादा का गिरोह, सोशल मीडिया पर हुई थी डील
अपराधियों ने स्क्रैप खरीदवाने के नाम पर शिंदे को बुलाया था। सोशल मीडिया पर ही बिजनेस का डील हुई थी। पहले, झारखंड में कोल इंडिया से सस्ते दाम में स्क्रैप खरीदवाने का शिंदे को झांसा दिया। उन्हें भरोसे में लिया कि करोड़ों का मुनाफा होगा। शिंदे झांसे में आ गए और पटना पहुंच गए। वारदात के पीछे नालंदा और नवादा का गिरोह है। इसी गिरोह ने अपहरण किया और फिर बंधक बनाकर मारपीट की। फिरौती भी मांगी। मोबाइल से ऑनलाइन ट्रांसफर करने को कहा। शिंदे ने कुछ रकम भी की पर अपराधी मोटी रकम ऐंठना चाहते थे। शिंदे के इनकार करने व पुलिस से बचने के लिए अपराधियों उन्हें मार डाला। हत्या को सड़क हादसे का रूप देने के लिए शव को सड़क किनारे फेंक दिया।