अक्षय तृतीया पर अबूझ मुहूर्त में सामूहिक विवाह कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। ऐसे में बाल विवाह न हों, इसे लेकर दीपक सक्सेना ने आदेश जारी किए हैं। उन्होंने अनुभाग स्तर पर सात सदस्यीय निगरानी समिति सहित मौके पर जाकर निरीक्षण करने के लिए निगरानी दलों क
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समिति में अनुविभागीय राजस्व अधिकारी अध्यक्ष और जनपद पंचायत सीईओ, तहसीलदार, महिला एवं बाल विकास के परियोजना अधिकारी, खंड चिकित्सा अधिकारी, खंड शिक्षा अधिकारी और पुलिस थाना प्रभारी सदस्य होंगे। अनुभाग स्तरीय समितियां संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान करेंगी। इन क्षेत्रों की सूची वरिष्ठ अधिकारियों को सौंपेंगी।
कलेक्टर ने बताया कि इन क्षेत्रों में जनजागरण कार्यक्रम आयोजित कर लोगों को बाल विवाह की रोकथाम के बारे में जानकारी दी जाएगी और उसके दुष्परिणामों से अवगत कराया जाएगा। ग्राम स्तर पर भी निगरानी समितियां बनेंगी। इनमें सरपंच, पंच, बीडीएस, ग्राम शिक्षक, ग्राम कोटवार, आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल होंगे। ये समितियां बाल विवाह रोकने के लिए प्रचार-प्रसार करेंगी।
अनुभाग स्तर पर गठित समितियों को बाल विवाह की रोकथाम के लिए प्रभावी सूचना तंत्र विकसित करने, कंट्रोल रूम बनाने और कंट्रोल रूम के दूरभाष नंबर का व्यापक प्रचार-प्रसार करने का कहा है। समितियों को ग्राम स्तरीय समितियों के कार्य दायित्व सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
अनुभाग स्तरीय समितियां चिन्हांकित क्षेत्रों में इनके कार्यक्रमों का अनुश्रवण करेंगी और तहसील एवं विकासखंड स्तर पर बाल विवाह रोकथाम के लिए अलग से सेल गठित करेंगी। गठित सेल के प्रभारी अधिकारी का नाम एवं दूरभाष क्रमांक ग्राम स्तरीय समितियों और अन्य जिम्मेदार लोगों को उपलब्ध कराएंगी।
कलेक्टर ने कहा है कि-
अनुभाग स्तरीय समितियां किसी भी स्तर से किसी क्षेत्र या गांव में बाल विवाह होने की जानकारी मिलते ही तत्काल प्रभावी कदम उठाकर ऐसे आयोजनों को रोकेंगी। ये समितियां खण्ड स्तर पर वैवाहिक समारोहों में सेवा देने वाले सेवा प्रदाताओं, जनप्रतिनिधियों एवं अशासकीय संस्थाओं के प्रतिनिधियों का लाडो अभियान के अंतर्गत कार्यशाला का आयोजन कर उनका संवेदीकरण करेंगी। अनुभाग स्तरीय निगरानी समितियों को संबंधित क्षेत्र के प्रिंटिंग प्रेस, हलवाई, केटरर, धर्मगुरू, बैंड पार्टी, ट्रॉसपोर्ट एवं समाज के मुखियाओं को कार्यशालाओं का आयोजन कर बाल विवाह अधिनियम के प्रावधानों से अवगत कराने और वर-वधु की आयु संबंधी प्रमाण पत्र प्राप्त कर परीक्षण उपरांत ही सेवाएं देने का अनुरोध की करेगी।
आदेश के अनुसार अनुविभागीय दण्डाधिकारी इस शर्त पर सामूहिक विवाह समारोह के आयोजन की अनुमति जारी करेंगे कि ऐसे आयोजनों में वर की आयु 21 वर्ष और वधु की आयु 18 वर्ष से कम न हो। सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन करने वाले संयोजक को अनुमति के लिए दिए जाने वाले आवेदन के साथ वर-वधु की सूची छाया चित्र एवं आयु प्रमाण पत्र संलग्न करने होंगे। अन्यथा सामूहिक विवाह आयोजित करने की अनुमति प्रदान नहीं की जाएगी।