भोपाल – प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने स्टेट बैंक ऑफ मैसूर के दो पूर्व बैंक मैनेजरों के खिलाफ तनुश्री होम्स लोन घोटाले में केस दर्ज किया है। इन पर आरोप है कि इन्होंने बिल्डर से मिलकर लोन मंजूर करने की जरूरी शर्तों को दरकिनार कर दिया और करोड़ों रुपए के लो
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कैसे हुआ घोटाला?
सीबीआई की जांच में सामने आया कि तनुश्री होम्स, जिसके संचालक रवि साहू हैं, ने बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से सैकड़ों लोगों को आवास लोन दिलवाया, लेकिन जमीन पर कोई मकान नहीं बने।
वर्ष 2006 से 2009 के बीच एएस हेगड़े (तत्कालीन बैंक मैनेजर) और रविंदर कुमार (तत्कालीन सहायक मैनेजर) ने भोपाल शाखा से ये लोन मंजूर किए। इस दौरान,
- प्लॉट का लेआउट प्लान, कॉलोनाइजर लाइसेंस और जमीन के कागजात तक चेक नहीं किए गए
- उधार लेने वालों के केवाईसी और अन्य जरूरी दस्तावेज अधूरे थे
- बावजूद इसके, लोन पास कर दिए गए और बिल्डर को पैसे मिल गए
ईडी की कार्रवाई
ईडी ने इस मामले में सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की। 11 मार्च 2025 को भोपाल की विशेष अदालत में इन दोनों बैंक अधिकारियों और बिल्डर के खिलाफ केस दर्ज किया गया, जिसे कोर्ट ने संज्ञान में ले लिया है।
इससे पहले, 9 फरवरी 2024 को ईडी ने भोपाल में 12 संपत्तियों को कुर्क किया था, जिनकी कीमत करीब 1.35 करोड़ रुपए थी। इसके बाद, 1 जुलाई 2024 को पीएमएलए, नई दिल्ली की अथॉरिटी ने इस कुर्की को वैध ठहराया।
अब इस मामले में बैंक अधिकारियों और बिल्डर की गहराई से जांच होगी। ईडी की इस कार्रवाई से यह साफ हो गया है कि बैंकिंग सेक्टर में लोन घोटालों पर सरकार अब सख्त नजर रख रही है।