वॉशिंगटन13 मिनट पहले
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पाकिस्तान का प्रतिनिधिमंडल बिलावल की अगुवाई में UN पहुंचा था।
अमेरिकी सांसद ब्रैड शेरमन ने बिलावल भुट्टो से आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद को पूरी तरह से खत्म करने को कहा है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार को हर संभव प्रयास चाहिए।
इसके साथ ही शेरमन ने पाकिस्तान से ओसामा बिन लादेन का पता लगाने में अमेरिका की मदद करने वाले डॉ. शकील आफरीदी को रिहा करने को कहा है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत की कॉपी करते हुए पाकिस्तान ने भी 5 देशों में अपना डेलिगेशन भेजा है। इसमें एक डेलिगेशन का नेतृत्व बिलावल भुट्टो कर रहे हैं।
शेरमैन ने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद को ‘घिनौना’ बताते हुए कहा कि ये आतंकी संगठन 2002 में हुए वॉल स्ट्रीट जर्नल के पत्रकार डैनियल पर्ल की हत्या समेत कई अपराधों के लिए जिम्मेदार है।
उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा-
मैंने पाकिस्तानी डेलीगेशन को आतंकवाद से लड़ने के महत्व पर जोर दिया। खास तौर पर जैश-ए-मोहम्मद समूह से जिसने 2002 में मेरे निर्वाचन क्षेत्र के निवासी डेनियल पर्ल की हत्या की थी।
अमेरिकी सांसद ब्रैड शेरमन (दाएं से दूसरे) के साथ पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल। बिलावल भुट्टो बाएं से दूसरे हैं।
डॉ. आफरीदी ने बिन लादेन को पकड़ने में मदद की थी
डॉ. शकील आफरीदी पाकिस्तानी डॉक्टर हैं। उन्होंने ओसामा बिन लादेन का पता लगाने में अमेरिका की मदद की थी। अफरीदी ने इसके लिए खैबर पख्तूनख्वा इलाके में एक पोलियो टीकाकरण कार्यक्रम चलाया था।
इससे ओसामा के परिवार के DNA सैम्पल इकट्ठे किए गए और उसकी पहचान की गई। इसके बाद 2 मई 2011 को अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा के आदेश पर एक स्पेशल यूनिट ने लादेन को मार गिराया था।
हालांकि जल्द ही पाकिस्तान को पता चल गया कि इसके पीछे डॉक्टर अफरीदी का हाथ है। उन्होंने अफरीदी को दूसरे देश में जानकारी साझा करने के जुर्म में गिरफ्तार कर लिया था। डॉ. अफरीदी को 2012 में 33 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी।
डॉ. शकील आफरीदी 14 साल से पाकिस्तान की जेल में हैं।
पाकिस्तान में ईसाइयों और हिंदुओं को स्वतंत्रता होनी चाहिए
शेरमन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा –
मैंने पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल से आतंकवाद, खासकर जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ कार्रवाई की जरूरत पर जोर दिया, जिसने 2002 में मेरे ही क्षेत्र के निवासी और पत्रकार डैनियल पर्ल की हत्या की थी।
पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस और सुरक्षा परिषद के राजदूतों से मुलाकात की, और बाद में वाशिंगटन पहुंचा।
शेरमन ने यह भी कहा कि पाकिस्तान में ईसाइयों, हिंदुओं और अहमदिया मुसलमानों जैसे धार्मिक अल्पसंख्यकों को अपनी आस्था का पालन करने और लोकतांत्रिक प्रणाली में भाग लेने की स्वतंत्रता होनी चाहिए, बिना किसी हिंसा, उत्पीड़न या भेदभाव के डर के।
बिलावल ने कहा- मोदी इजराइली पीएम का सस्ता वर्जन
पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने पीएम मोदी को इजराइली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू का सस्ता वर्जन बताया था।
संयुक्त राष्ट्र (UN) में बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भुट्टो ने कहा था- मोदी खुद को इजराइली पीएम जैसा बनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वे उनके आसपास भी नहीं हैं। हम भारत सरकार से अपील करते हैं कि वह खराब उदाहरणों से प्रेरित न हो।
भारत ने बिलावल के बयान की कड़ी निंदा की थी। विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान नए निचले स्तर पर पहुंच चुका है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भुट्टो को अपनी हताशा का गुस्सा पाकिस्तान में आतंकवाद के सरगनाओं पर निकालना चाहिए, जो आतंकवाद को देश की नीति का हिस्सा बनाए हुए हैं।
वहीं, शशि थरूर के नेतृत्व वाले भारतीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल शिवसेना सांसद मिलिंद देवड़ा ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि एक युवा पाकिस्तानी नेता अमेरिका में उन लोगों का बचाव कर रहा है जो उसकी मां की हत्या के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं।
पाकिस्तान ने भारत की तरह विदेशों में डेलिगेशन टीम भेजा है। इस प्रतिनिधिमंडल में कुल 9 सदस्य शामिल हैं।
भारत की तरह पाकिस्तान ने भी विदेश में डेलिगेशन भेजा
पाकिस्तान ने भी भारत की तरह विदेशों में अपनी बात रखने के लिए डेलिगेशन भेजा है। इस प्रतिनिधिमंडल में कुल 9 सदस्य शामिल हैं।
इसकी अध्यक्षता पूर्व विदेश मंत्री और पीपुल्स पार्टी के नेता बिलावल भुट्टो जरदारी कर रहे हैं।यह प्रतिनिधिमंडल न्यूयॉर्क, वाशिंगटन डीसी, लंदन और ब्रुसेल्स का दौरा करेगा।
इस डेलिगेशन में जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. मुसद्दिक मलिक, पूर्व सूचना मंत्री शेरी रहमान, विदेश मामलों की संसदीय समिति की अध्यक्ष हिना रब्बानी खार, पूर्व रक्षा मंत्री खुर्रम दस्तगीर खान शामिल हैं।
इनके अलावा समुद्री मामलों के पूर्व मंत्री सैयद फैसल अली सबजवारी, सीनेटर बुशरा अंजुम बट पूर्व विदेश सचिव जलील अब्बास जिलानी और तहमीना जंजुआ को भी इस प्रतिनिधिमंडल में रखा गया है।
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के विशेष सहायक सैयद तारिक फातिमी की अगुवाई में एक अलग प्रतिनिधिमंडल रूस पहुंचा है।
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