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प्रधान जिला न्यायाधीश और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अध्यक्ष अनिल कुमार सोहाने के मार्गदर्शन में 17 अप्रैल को विधिक सहायता एवं जागरूकता शिविर रखा गय। शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में न्यायाधीश महेश कुमार माली द्वितीय जिला न्यायाधीश रायसेन द्वारा माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण और कल्याण अधिनियम, 2007 के संबंध में जानकारी दी। इस दौरान बताया गया कि माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण पोषण तथा कल्याण अधिनियम 2007 के अंतर्गत माता-पिता को सुरक्षा प्रदान की गई है।
इस अधिनियम के अंतर्गत माता-पिता को कानूनी अधिकार मिलते हैं जिससे वृद्ध व माता-पिता को कम खर्चीली और तेज गति से न्याय मिलने लगेगा। बुढ़ापे में नागरिकों की सेवा और सुरक्षा पर ध्यान देने की आवश्यकता है। ऐसे में बुजुर्ग और माता-पिता भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 144 के अंतर्गत भरण पोषण खर्च प्राप्त करने के अधिकारी हैं। लेकिन यह कानून सामान्य कानूनी प्रक्रिया की तरह बहुत ही खर्चीला और लंबा है इसलिए संसद में ‘माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण पोषण तथा कल्याण अधिनियम 2007’ पारित किया गया है। जो बहुत ही सरल, कम खर्चीली और तेज गति से कार्य करने वाली प्रक्रिया है।