बेगूसराय में रविवार की सुबह सड़क हादसे में चार युवकों की मौके पर ही मौत हो गई। इसमें दो संगे भाई हैं, जिनके माता-पिता दिव्यांग है। दिव्यांग माता-पिता की अब कोई संतान नहीं है। एक अन्य मृतक अपने घर में इकलौता था।
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मुफस्सिल थाना क्षेत्र के नगर निगम वार्ड नंबर- 27 पहाड़चक के रहने वाले चारों युवक दोस्त थे, जो शनिवार की रात बारात गए थे। बारात से लौटते समय स्कॉर्पियो डिवाइडर से टकरा गई। इस हादसे में 5 अन्य बाराती गंभीर रूप से घायल हैं।
मृतकों में मनोज कुमार सिन्हा के बेटे अंकित कुमार (19), अभिषेक कुमार (17), रूदल पासवान के बेटे सौरभ कुमार (19) और जगदीश पंडित के बेटे कृष्ण कुमार (18) शामिल हैं। चारों मृतक 10वीं के स्टूडेंट थे।
हादसे के बाद सड़क पर पड़े लड़कों के शव।
दो परिवार में अब कोई संतान नहीं
इस हादसे में तीन परिवार उजड़ गए। तीन परिवार में से दो परिवार में अब कोई संतान नहीं बचा है। अंकित-अभिषेक के दिव्यांग माता-पिता ने कहा कि ‘अब हमें मुखाग्नि देने वाला भी नहीं बचा।’
अंकित-अभिषेक की मां बेबी ने बताया कि ‘दोनों मैट्रिक पास करने के बाद और आगे पढ़ना चाहता था। पढ़ लिखकर नौकरी करता और चदरा के घर पर छत बनाता। लेकिन हमारी ये इच्छा पूरी नहीं हो सकी।’
बता दें कि पिता मनोज मानसिक रूप और मां बेबी शारीरिक रूप से दिव्यांग हैं। दोनों बच्चे ही छोटे-छोटे काम कर घर चलाते थे। दोनों बच्चे पहाड़चक के बगल के भर्रा गांव में उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय के छात्र थे और इसी साल दोनों ने मैट्रिक की परीक्षा दी थी।
अभिषेक और अंकित के पिता मानसिक दिव्यांग हैं और बोल नहीं सकते हैं।
बुढ़ापे का साया खत्म हो गया
अंकित, अभिषेक, सौरभ की लाश को उनके चचेरे भाई और पड़ोसी ने अंतिम संस्कार के लिए सिमरिया गंगा घाट ले गए।
दिव्यांग दंपती के घर की तरह ही रूदल पासवान और विभा देवी के भी हालात हैं। इनके इकलौते बेटे सौरभ कुमार की भी हादसे में मौत हो गई। रूदल पासवान मजदूरी कर सौरभ को पढ़ा-लिखा रहे थे। मैट्रिक का स्टूडेंट सौरभ पढ़ने में तेज था। माता-पिता को आशा थी कि मेरा इकलौता बेटा सौरभ पढ़-लिखकर कुछ बनेगा तो हमारे परिवार की स्थिति सुधर जाएगी। हम भी बुढ़ापे में चैन से जीवन जिएंगे।
चौथे लड़के कृष्ण कुमार के पिता जगदीश पंडित अखबार बेचकर परिवार का भरण-पोषण करते हैं। उनके छोटे बेटे कृष्ण कुमार ने इसी साल मैट्रिक की परीक्षा दी थी। पिता जगदीश पंडित रिजल्ट का इंतजार कर रहे थे।
चारों लड़कों की मौत के बाद गांव में दुकानें बंद
चारों युवकों की मौत की सूचना मिली तो गांव में सन्नाटा पसर गया। इस दौरान गांव के सभी दुकानें बंद रहीं। लोगों ने बताया कि ‘अंकित, अभिषेक और कृष्ण तीनों काफी अच्छे दोस्त थे। तीनों स्कूल और खेलने-कूदने साथ-साथ ही जाते थे।’
चार में से तीन लड़कों के सगे संबंधियों में से किसी सदस्य ने मुखाग्नि दी।
घटना की सूचना मिलने पर पहुंचे विधायक
बेगूसराय विधायक कुंदन कुमार को घटना की सूचना मिली। इसके बाद वो पहाड़चक पहुंचे और परिजनों से मिलकर हर संभव मदद करने का भरोसा दिया। कुंदन कुमार ने बताया कि ‘बारात से लौट के दौरान खातोपुर में भयावह हादसा हुआ। जिसमें चार लड़कों की मौत हो गई। अधिकारियों से बात की है, एक्सीडेंट के कारण की जांच-पड़ताल चल रही है।’
ज्योतिष बोले- खरमास में शादी बन गई काल
घटनास्थल और गांव में मृतक के घरों के बाहर मौजूद कुछ लोगों ने हादसे को धार्मिक पहलू से भी जोड़कर देख रहे थे। कह रहे थे कि खरमास में कोई भी शुभ काम नहीं करना चाहिए था, लेकिन यहां तो शादी हो रही थी। दरअसल, हिंदू धर्म शास्त्रों के मुताबिक, खरमास में शादी-विवाह समेत सभी प्रकार के मांगलिक कार्य पर रोक है।
ज्योतिष अनुसंधान केंद्र गढ़पुरा के संस्थापक पंडित आशुतोष झा कहते हैं कि ’13 मार्च से चैत खरमास चल रहा है। इस महीने में कोई शुभ कार्य नहीं होता है। सूर्य के धनु और मीन राशि में प्रवेश कर कमजोर पर जाने से शादी विवाह नहीं होता है। धर्म ग्रंथ कहता है कि इस दौरान शादी से बहुत तरह का उपद्रव होता है। हिंदू धर्म में शनिवार को भी शादी नहीं होती है।’
बारात से लौट रही स्कॉर्पियो कब और कैसे हादसे की शिकार हुई?
बेगूसराय में 9 लोग स्कॉर्पियो से साहेबपुर कमाल बारात गए थे। लौटने के दौरान खातोपुर के पास NH-31 पर तेज रफ्तार स्कॉर्पियो डिवाइडर से टकराकर पलट गई। इस दौरान गाड़ी की स्पीड 80-90 रही होगी।
पहाड़चक गांव से बारात न्यू जाफर नगर गई थी।
सदर DSP सुबोध कुमार ने बताया- सभी लोग पहाड़चक के रहने वाले थे। ऐसा लग रहा है कि गाड़ी की रफ्तार तेज थी। टायर पंचर होने की वजह से बैलेंस बिगड़ा और गाड़ी डिवाइडर से टकरा गई।
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