जिले के पीएमश्री जेएच कॉलेज में गांव की बेटी योजना में करोड़ों के संदिग्ध भुगतान का मामले ने तूल पकड़ लिया है। सोमवार को इस मामले में कॉलेज की जन जागीदारी समिति अध्यक्ष ने उच्च शिक्षा मंत्री से मिलकर इस घोटाले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवा
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सोमवार को जनभागीदारी अध्यक्ष घनश्याम मदान ने मंत्री इंदरसिंह परमार से मुलाकात कर इस घोटाले की वस्तुस्थिति से उन्हें अवगत कराया। मंत्री ने उन्हें इस प्रकरण में लिप्त कथित कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई और एफआईआर का भरोसा दिया है। इस बीच कलेक्टर के निर्देश पर यहां ट्रैजरी ऑफिसर के नेतृत्व में 5 सदस्यों का दल और भोपाल से पहुंची टीम एडीओ की अगुवाई में जांच कर रही है। देर रात तक जांच की प्रक्रिया जारी थी। कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी ने बताया कि जांच के कल मंगलवार तक पूरे होने की सम्भावना है। जिसके बाद टीओ उन्हें प्रतिवेदन सौंपेंगे।
जेएच स्वशासी महाविद्यालय।
यह है मामला
एजी एमपी ग्वालियर की ओर से नर्मदापुरम सम्भाग आयुक्त, बैतूल कलेक्टर और प्रिंसिपल जयवंती हक्सर कॉलेज को लिखे पत्र के बाद शुक्रवार को कॉलेज प्रबंधन को इस पूरे फर्जीवाड़े की भनक लगी। तब प्रिंसिपल ने उन 2 कमरों को सील करवा दिया जिसमें गांव के बेटी योजना संचालित होती है। इन कमरों में योजना से जुड़े दस्तावेज रखे हुए थे। आज सोमवार को कलेक्टर ने जिला ट्रेजरी ऑफिसर के नतृत्व में 5 सदस्यीय दल को जांच के लिए कॉलेज भेजा। कॉलेज प्राचार्य के मुताबिक इस मामले में 1 करोड़ 44 लाख 65 हजार रु का संदिग्ध भुगतान का मामला सामने आया है। जिसमें 95 खातों की जांच की जा रही है। इस जांच को एक सप्ताह में आयुक्त को सौंपा जाना है। पत्र प्राप्त होते ही उन्होंने उन कक्षों को सील करवा दिया था। जिनमें दस्तावेज रखे गए थे।
यह है गांव की बेटी योजना
सरकार गांव की बेटी योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र की बालिकाओं को 12वीं कक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने पर प्रतिमाह 500 रुपए की आर्थिक सहायता छात्रवृत्ति के रूप देती है। एक छात्रा को दस माह तक लगभग 5 हजार की राशि दी जाती है। आरोप है कि इस राशि में पीएम श्री जेएच कॉलेज में हेरफेर किया गया है। कॉलेज में जुलाई 2019 से सितंबर 2024 तक ऑडिट किया गया था। इस ऑडिट के दौरान गड़बड़ी सामने आई। इसके बाद आडिटर ने उच्च शिक्षा विभाग के कमिश्नर और महा लेखाकार को गड़बड़ी के संबंध में पत्र लिखा था। महालेखाकार ने कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी को भी गड़बड़ी की जांच करने के लिए पत्र लिखा। जिस पर कलेक्टर ने ट्रैजरी अफसर अरुण वर्मा सहित पांच सदस्यीय टीम को जांच का जिम्मा सौंपा है।
डेटा शीट में की गई गड़बड़ी आरोप है कि यहां 98 संदिग्ध खातों में डेढ़ करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया गया। एक ही खाते में कई बार राशि डाली गई। आडिट में पकड़ी गड़बड़ी में यह सामने आया है कि 2019 से लेकर 2024 तक कई संदिग्ध खातों में योजना की राशि डाली गई। इसके आडिटर ने प्रुफ भी दिए गए है। पांच सालों में 1 करोड़ 44 लाख 65 हजार की गड़बड़ी की गई है। जेएच कॉलेज में ग्रामीण क्षेत्र की बड़ी संख्या में छात्राएं पढ़ने के लिए आती है। इन छात्राओं को मिलने वाली योजना की राशि में फर्जीवाड़ा सामने आने पर हड़कंप मच गया है। सूत्र बता रहे है कि यहां साल 2022 से 24 के डेटा शीट में जांच टीम को बड़ी गड़बड़ी मिली है। कॉलेज के एक अस्थाई कर्मचारी के खाते में भी योजना के रूपयों का ट्रांजैक्शन किया गया है, लेकिन फिलहाल इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है। जांच अधिकारी से विवरण के लिए संपर्क किया गया लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया।