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मां भद्रकाली की रविवार अहले सुबह नित्य दिन की तरह भक्तिभाव से श्रंगार पूजन हुई। मां की श्रंगार पूजन के बाद मंदिर के पुरोहितों ने माता रानी की भक्तिभाव के साथ आरती उतारी। फिर सुबह से लेकर 12 दिन तक मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की भीड़ मां की पूजा-अर्चना के लिए जुटी रही। 12 बजे दिन में मंदिर का पट्ट मां के भोग के लिए बंद कर दिया गया। भोग के बाद 1 बजे दिन श्रद्धालुओं के पूजा पाठ के लिए मंदिर का पट्ट खोला गया। इस बीच मंदिर आए श्रद्धालुओं के बीच भोग का प्रसाद खीर का वितरण किया गया। फिर संध्या में मां की श्रद्धा और भक्ति के साथ आरत की गई। संध्या प्रहर में मां के लगाए गए भोग का खीर और फल प्रसाद मंदिर आए श्रद्धालुओं के बीच वितरण किया गया। रविवार के कारण मंदिर परिसर में माता रानी की पूजा-पाठ के लिए श्रद्धालुओं की अच्छी खासी भीड़ जुटी रही। इससे मंदिर परिसर में दिनभर चहल-पहल का माहौल बना रहा। मंदिर आए भक्तों द्वारा लगाए गए जय मां भद्रकाली, जय भोलेनाथ, वीर बजरंगबली एवं जय शनिदेव की जयघोष से पूरा मंदिर परिसर भक्तिमय हुआ।