मंडीदीप के गेल प्लांट से गैस रिसाव पर काबू पाने में करीब 10 घंटे का समय लगा।
भोपाल के नजदीकी मंडीदीप में मंगलवार-बुधवार की दरमियानी रात करीब 12 बजे गेल प्लांट में गैस लीक हो गई। गैस लीक की सूचना मिलते ही फायर सेफ्टी टीम मौके पर पहुंची। काफी मशक्कत के बाद बुधवार सुबह करीब 10 बजे रिसाव को रोका जा सका। इस दौरान प्लांट के अंदर अफ
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एहतियातन एनडीआरएफ और एसडीईआर की टीमें भी मौके पर पहुंची। प्लांट के एक किलोमीटर के दायरे में बैरिकेड्स लगाकर आवाजाही पर रोक लगा दी गई। नगर पालिका मंडीदीप के फायर फाइटर्स को बुला लिया गया। इलाके को खाली करा लिया गया। सतलापुर और मंडीदीप पुलिस, होमगार्ड की टीम भी तैनात रही।
जयपुर से गेल की सेफ्टी टीम प्लांट का सेफ्टी ऑडिट करने पहुंच गई है।
प्रोजेक्ट मैनेजर बोले- स्थिति नियंत्रण में गेल के प्रोजेक्ट मैनेजर डी डोंगरे ने स्थिति को नियंत्रण में बताया है। उन्होंने कहा- रिसाव को नियंत्रित कर लिया गया है। किसी तरह के नुकसान की आशंका नहीं है। स्कूलों की छुट्टी या आसपास के क्षेत्र को खाली कराने जैसी कोई आवश्यकता नहीं है।
कलेक्टर अरुण विश्वकर्मा, एसडीएम चंद्रशेखर श्रीवास्तव, एसडीपीओ शीला सुरणा और नायब तहसीलदार नीलेश सरवटे ने प्लांट का जायजा लिया है।
देखिए, तीन तस्वीरें…
गेल के अधिकारी गैल लीक के कारणों की पड़ताल कर रहे हैं।
गैस लीक की सूचना मिलते ही एनडीआरएफ और एसडीईआर की टीमें मौके पर पहुंची।
मंडीदीप नगर पालिका से फायर फाइटर्स की टीम को भी बुला लिया गया था।
प्लांट में पहुंचे एनडीआरएफ और एसडीईआर जवान मास्क लगाए नजर आए।
कलेक्टर बोले- सेफ्टी ऑडिट करा रहे कलेक्टर अरुण विश्वकर्मा ने कहा- प्लांट में मिड नाइट से गैस रिसाव हो रहा था। हमें इसकी जानकारी सुबह करीब पांच बजे मिली। अब रिसाव रोक दिया गया है। पूरे एरिया को सैनिटाइज कराया गया है। हालत गंभीर नहीं हैं। हम प्लांट का सेफ्टी ऑडिट करा रहे हैं। भविष्य में ऐसी घटना न हो, इसके लिए सेफ्टी एसओपी तैयार करेंगे।
एसपी पंकज पांडे ने कहा- प्लांट की सेफ्टी जांच की जा रही है। इसके बाद गैस लीक के कारणों का पता लगाया जाएगा।
घरों और उद्योगों का पीएनजी सप्लाई होती है मंडीदीप में गेल का प्लांट शासकीय सिविल अस्पताल के पास है। यहां एलएनजी को पीएनजी (पाइप्ड नेचुरल गैस) में कन्वर्ट करके पाइपलाइन से घरों और इंडस्ट्रीज में सप्लाई किया जाता है। यहां से कंपनी डोमेस्टिक, कॉमर्शियल और इंडस्ट्रियल गैस की सप्लाई करती है। प्लांट में घरेलू गैस 750 एससीएम, कॉमर्शियल 1600 एससीएम और इंडस्ट्रियल 7500 एससीएम की स्टोर कैपेसिटी है।
गेल प्लांट के बाहर सुरक्षाकर्मी तैनात हैं। अंदर हादसे के कारणों की पड़ताल की जा रही है।
दो साल पहले भी लीक हुई थी गैस करीब दो साल पहले भी गेल प्लांट से गैस का रिसाव हुआ था। प्लांट में सीएनजी गैस में मरकैप्टन लिक्विड मिलाया जा रहा था। इसी दौरान 6 इंच पाइप में बचे हुए लिक्विड की 10 से 12 बूंदें नीचे गिर गईं। इस केमिकल की गंध इतनी तेजी से फैली कि कुछ ही मिनटों में करीब आधा किलोमीटर दूर सतलापुर में पहुंच गई थी। लोगों को आंखों में जलन, जी मचलाना, उल्टी और चक्कर की समस्या हुई थी।
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