‘हिमाचल में भी हर भोजनालय और फास्ट फूड रेहड़ी पर ओनर की ID लगाई जाएगी, ताकि लोगों को किसी भी तरीके से परेशानी न हो।’
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हिमाचल प्रदेश के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने ये बात कही, तो राज्य में नई कंट्रोवर्सी शुरू हो गई। हिमाचल के शिमला और मंडी में पहले से मस्जिद विवाद चल रहे थे। विक्रमादित्य इन विवादों में भी मुखर रहे। खुद को प्राउड हिंदू बताया और कहा कि अगर मस्जिद अवैध हैं तो उन्हें गिराया जाएगा।
विक्रमादित्य के बयान के बाद हिमाचल सरकार ने साफ किया कि होटल पर ID लगाने का कोई फैसला नहीं हुआ है। उसी दौरान विक्रमादित्य दिल्ली गए तो खबरें चलीं कि हाईकमान उनसे नाराज है, इसलिए तलब किया है।
दैनिक भास्कर ने इन सभी मुद्दों पर विक्रमादित्य सिंह से बात की। पढ़िए पूरा इंटरव्यू…
सवाल: हिमाचल प्रदेश टूरिज्म की वजह से चर्चा में रहता है। इस बार मस्जिद विवाद की वजह से है। ऐसा क्यों? जवाब: हिमाचल प्रदेश में दुनियाभर से लोग आते हैं। बीते एक महीने में यहां जो हुआ, वो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। सरकार संवेदनशीलता के साथ काम कर रही है। जिस मस्जिद की बात हो रही है, वो शिमला के संजौली में है। ये मामला लंबे समय से चल रहा है। 10-12 साल से उस पर काम हो रहा था, लेकिन कई कारणों से ये आंदोलन में तब्दील हो गया और कुछ अप्रिय घटनाएं देखने को मिलीं।
हमने विधानसभा में भी स्पष्ट कहा है कि सरकार कानून के दायरे में रहकर काम करेगी। म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन एक्ट के तहत कार्रवाई हो रही है। नगर निगम कमिश्नर की जिम्मेदारी तय की गई है। इस मामले में कानून के हिसाब से कार्रवाई होगी।
सवाल: मस्जिद का मामला संजौली से शुरू हुआ, फिर मंडी पहुंचा, और फिर धीरे-धीरे पूरे हिमाचल में फैलता गया। इसे आप कैसे देखते हैं? जवाब: ऐसा नहीं है कि ये स्ट्रक्चर रातों-रात खड़े हो गए हों। ये लंबे वक्त में बने हैं, लेकिन इनका मुद्दा अचानक उठना और पूरे प्रदेश में विरोध होना, हो सकता है कि 90% लोग भावनाओं से जुड़े हों। इससे भी इनकार नहीं किया जा सकता कि इसमें कुछ लोग राजनीतिक एजेंडे के लिए जुड़े हैं। वे इसके जरिए अपना एजेंडा आगे बढ़ा रहे हैं।
सवाल: वे लोग कौन हैं? जवाब: मैं किसी का नाम नहीं लेना चाहूंगा। बहुत से संगठन और लोग हैं, जिन्हें इससे राजनीतिक फायदा मिल सकता है। ये लोग ध्रुवीकरण करना चाहते हैं या कुछ और, मुझे नहीं पता। सवाल यह है कि मुद्दा अचानक क्यों उठा। पिछले 5 साल BJP की सरकार रही। उस समय भी तो ये स्ट्रक्चर थे।
सवाल: मंडी की मस्जिद के शिवालय होने का दावा किया गया, शिमला में अवैध निर्माण बताया गया। मस्जिदें बन रही थीं, तब सरकारों ने क्यों नहीं रोका? जवाब: ये सवाल आपको पिछले मुख्यमंत्रियों से पूछना चाहिए। हालांकि मैं उनकी पूरी गलती नहीं मानूंगा। अवैध निर्माण कई सरकारों के कार्यकाल में होता रहा है। इसे शुरुआत में ही रोकना चाहिए था। इसलिए जो हुआ, उससे हमें सीखना चाहिए। कानून को सख्त करना चाहिए। मैं ये बात पार्टी लाइन पर नहीं कह रहा हूं। BJP हो या कांग्रेस, इस मुद्दे पर सभी का रुख एक होना चाहिए।
सवाल: लोगों की शिकायत है कि बाहरी लोग आकर हिमाचल में बस रहे हैं। क्या ऐसा सच में है? जवाब: देखिए, हिमाचल में कोई भी, किसी भी राज्य से आकर काम कर सकता है। यहां लोग टूरिज्म के लिए भी आ सकते हैं और काम भी कर सकते हैं। बस जो भी आए, उसका रजिस्ट्रेशन होना जरूरी है। बाकी हम किसी को रोक नहीं सकते। हिमाचल के लोगों के हितों की सुरक्षा करना हमारी जिम्मेदारी है। उसके लिए जो करना चाहिए, वो हम करेंगे।
सवाल: आपने कहा था कि रेहड़ी वाले सभी दुकानदारों को नेम प्लेट लगानी होगी, क्या इसीलिए आपको दिल्ली बुलाया गया था? जवाब: मेरा दिल्ली जाने का पहले से प्रोग्राम था। रेल मंत्रालय और शहरी विकास मंत्रालय में कुछ मीटिंग थीं। मैं उन्हीं के लिए गया था। मैं दिल्ली जाता हूं, तो पार्टी के सीनियर लीडर्स से जरूर मिलता हूं। इस बार भी मिला।
सवाल: क्या आपके बयान पर बात हुई? जवाब: हां। मेरा बयान मीडिया में आया और नेशनल न्यूज बन गया। इस पर मुझसे पूछा गया। मैंने उन्हें यही जवाब दिया कि जो मैंने कहा, वह पहले से बने हुए कानूनों पर आधारित है। 2014 का वेंडिंग एक्ट बना हुआ है। सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के कानून हैं।
ये कहते हैं कि वेंडिंग जोन बनने चाहिए, उचित पहचान और सत्यापन होना चाहिए। उसी को लागू करने की बात है। इसमें कोई क्षेत्रवाद नहीं है और न ही कोई धर्म का रंग है। यह सबके लिए है। अगर हमें भी कुछ करना है, तो हमारे ऊपर भी वही कानून लागू होंगे। इसे उसी तरह देखने की जरूरत है। मीडिया ने इसे एक प्रदेश से जोड़ने की कोशिश की, ये दुर्भाग्यपूर्ण है।
सवाल: आपने इस बयान के साथ यूपी मॉडल का उदाहरण दिया था? जवाब: वो इसलिए, क्योंकि उस समय किसी जर्नलिस्ट ने पूछा था कि क्या आप इसे यूपी की तर्ज पर करना चाहते हैं क्योंकि वहां भी ऐसा किया गया था।
सवाल: लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को रोका भी था। जवाब: उस समय मुझे इसकी जानकारी नहीं थी। यूपी का मामला कांवड़ यात्रा के संदर्भ में था। उसे सुप्रीम कोर्ट ने रोका था। हम जो बात कर रहे हैं, वह 2014 का वेंडिंग एक्ट है, रूरल एंड अर्बन लाइवलीहुड एक्ट। इसके तहत इसे लागू करने की बात है।
हाईकोर्ट की रूलिंग भी यही कहती है कि इसे समय-समय पर लागू करना चाहिए। इसकी प्रक्रिया तो शुरू हो चुकी है। ये सिर्फ बाहर से आने वाले लोगों और प्रदेश के लोगों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए है, ताकि अगर कोई कुछ गलत करता है, तो उसकी जवाबदेही तय हो सके।
सवाल: आप कहना चाहते हैं कि आपके बयान को गलत तरीके से लिया गया, आप सिर्फ गाइडलाइन तय करने की बात कह रहे थे? जवाब: ये बात भी मैं नई नहीं कह रहा हूं। ये 2014 का यूपीए सरकार का एक्ट है। 2016 में हिमाचल में कांग्रेस की सरकार थी, तब इसे लागू कर दिया गया था। 2023 में हाईकोर्ट ने भी कहा कि इसे समय पर लागू करें क्योंकि इसका पालन नहीं हो रहा था। यह कानून सबके लिए बराबर है। इसमें जाति, क्षेत्र या धर्म की बात नहीं है।
सवाल: हिमाचल के ही मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा है कि प्रदेश में रोहिंग्या मुसलमान बढ़ रहे हैं। क्या ये सही है? जवाब: मुझे इस बारे में पूरी जानकारी नहीं है। ये जरूर है कि यहां बाहर के राज्यों से लोग आते हैं। इसमें कुछ अवैध नहीं है, लेकिन लोगों की पहचान होना जरूरी है। अगर कोई लॉ एंड ऑर्डर की समस्या होती है या कोई घटना घट जाती है, तो हमारे पास उसकी रिपोर्ट होनी चाहिए।
सवाल: अगर सरकार के पास लोगों का डेटा नहीं है, तो ये सरकार की नाकामी नहीं है? जवाब: मैं कह रहा हूं कि भविष्य में अगर कोई स्थिति बनती है, तो सरकार को इसके लिए तैयार रहना चाहिए। यदि कुछ हो गया, तो हमारे पास उसका रिकॉर्ड होना चाहिए।
सवाल: अनिरुद्ध सिंह ने ये भी कहा है कि राज्य में लव जिहाद के मामले बढ़ रहे हैं। इसे आप कैसे देखते हैं? जवाब: जब तक किसी चीज की सत्यापित जानकारी नहीं होगी, तब तक हम किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकते। किसी भी बात को प्रमाणित करने के लिए आपको डेटा की जरूरत होती है।
इसीलिए मैं बार-बार वेरिफिकेशन की बात करता हूं। इससे कोई भी इस तरह की बात सामने आती है, तो उसे पहचानना आसान हो जाएगा।
सवाल: राजस्थान में CM रहे अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच बयानबाजी होती थी। आप भी अपने बयानों में सरकार से अलग लाइन पर दिखते हैं। क्या आप अपनी सरकार के खिलाफ हैं?
जवाब: विधानसभा में कोई ऐसी बात नहीं हुई है। मैं सरकार से सहमति जताता हूं। मैंने जो भी मुद्दे उठाए हैं, वे हमेशा सरकार के समर्थन में रहे हैं। मस्जिद वाला मामला आया था, तो मैंने बतौर मंत्री उस पर जवाब दिया था। वहां भी कहा था कि सब कानून के दायरे में होगा। अवैध और वैध का निर्णय सरकार लेगी। इसके बाद ही कार्रवाई होगी।
सवाल: प्रदेश की आर्थिक स्थिति खराब होने की खबरें आई थीं, अभी क्या स्थिति है? जवाब: मैं ये नहीं कहूंगा कि कोई बड़ा संकट है, लेकिन राज्य में अस्थिरता जरूर है। हमारा राजस्व घाटा बढ़ता जा रहा है। कर्ज 80 हजार करोड़ से बढ़कर 85 हजार करोड़ हो गया है। ऐसा नहीं है कि दूसरे राज्यों पर कर्ज नहीं है। पंजाब पर 5 लाख करोड़ का कर्ज है। सिर्फ एक दिल्ली का रेवेन्यू सरप्लस है। बाकी सभी राज्यों पर कर्ज है।
हिमाचल छोटा राज्य है। हम उतना रेवेन्यू जनरेट नहीं कर पा रहे हैं, जितना हमारा कमिटेड एक्सपेंडिचर है, जैसे सैलरी और पेंशन देना। 70 लाख आबादी में 6 लाख लोग सरकारी नौकरी वाले हैं। उनका बोझ बहुत बड़ा है क्योंकि उन्हें पेंशन देनी है, DA देना है।
सवाल: यूनिफॉर्म सिविल कोड पर आपकी क्या राय है? जवाब: पार्टी का जो रुख है, वही मेरा रुख है।
सवाल: बताया जाता है कि आप BJP के संपर्क में हैं। क्या यह सच है? जवाब: निश्चित तौर पर मेरे संपर्क BJP के लोगों से हैं। राजनीति में सभी के साथ उठना-बैठना होता है, चाहे BJP विधायक हों, पूर्व मुख्यमंत्री हों, या हमारे अपने विधायक हों। इसका यह मतलब नहीं है कि हम उनकी विचारधारा में कूद जाएं। हमारे विचारों में मतभेद हो सकते हैं, लेकिन मनभेद नहीं होने चाहिए।
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हिमाचल के मस्जिद विवाद से जुड़ी ये खबरें भी पढ़िए 1. हिमाचल में मस्जिद के शिवालय होने का दावा, सबूत नहीं
हिमाचल के मंडी में जेल रोड पर बनी मस्जिद के बाहर एक दिन अचानक भीड़ जुट गई। तारीख थी 13 सितंबर। भीड़ का कहना था कि मस्जिद की आड़ में अवैध कंस्ट्रक्शन किया गया है। इसे तोड़ा जाए। बातचीत के बाद सहमति बनी कि मस्जिद का अवैध हिस्सा गिराया जाएगा। इसके बाद नया विवाद शुरू हुआ। कुछ लोग मस्जिद को शिवालय बताने लगे। पढ़िए पूरी खबर…
2. मंडी मस्जिद विवाद, लोग बोले- हमारा कल्चर बिगाड़ रहे बाहरी
हिमाचल प्रदेश के मंडी में मस्जिद में अवैध निर्माण पर हंगामा हुआ। यहां रहने वाले गोपाल कपूर इस अवैध निर्माण को साजिश का हिस्सा मानते हैं। वे कहते हैं कि जब से बाहर से लोग आकर हिमाचल में बस रहे हैं, तब से ऐसी दिक्कतें सामने आ रही हैं। मंडी में रहने वाले पेशे से व्यापारी जीवनलाल की भी यही राय है। पढ़िए पूरी खबर…