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मिल्कीपुर में दोनों दल एक दूसरे को घेरने में जुटे: भाजपा विकास के मुद्दे पर घेर रही है, सपा खेत-खलिहान और रोजगार के मुद्दों पर आक्रामक – Ayodhya News



अयोध्या जिले के मिल्कीपुर में विधानसभा चुनाव मतदान को केवल दो दिन बचे हुए हैं।

मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र के उप चुनाव में पक्ष विपक्ष के नेताओं का जमावड़ा और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दौरे दर दौरे ने माहौल को गरमा रखा है। भाजपा और सपा दोनों ही प्रमुख प्रतिद्वंदी राजनीतिक एक दूसरे को घेरने में जुटे हैं। भारतीय जनता पार्टी ने

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मिल्कीपुर को तारनहार की आवश्यकता

भदरसा कांड पर कई दिन बाद चुप्पी तोड़ने वाले सांसद अवधेश प्रसाद अयोध्या के सहनवां में दलित युवती नृशंस हत्या के मामले पर एक प्रेस वार्ता में रोते दिखे। इस घटना को लेकर भी वह भाजपा पर हमलावर हैं। फिलहाल क्षेत्र की जनता को एक तारनहार की आवश्यकता है, जो इस अति पिछड़े क्षेत्र की तकदीर और तस्वीर बदल सके।

सर्वाधिक पांच बार समाजवादी पार्टी चुनाव जीती आरोप-प्रत्यारोप के इस सिलसिले के बीच सच्चाई यह है कि मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र ऐसा है, जहां से सर्वाधिक पांच बार समाजवादी पार्टी चुनाव जीती या उनके बागी उम्मीदवार बसपा से चुनाव लड़ें आनंदसेन यादव को यहां पर सफलता मिली। इस क्षेत्र के विकास की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है।

भाजपा को भी इस बीच एक मौका यहां की जनता ने दिया

यह क्षेत्र जिले के सबसे पिछड़े क्षेत्रों में गिना जाता है। भाजपा को भी इस बीच एक मौका यहां की जनता ने दिया। भाजपा के नेता, पदाधिकारी और मंत्री विकास के मुद्दे पर समाजवादी पार्टी को घेर रहे हैं। मित्रसेन यादव ने इस क्षेत्र को वामपंथ के गढ़ में तो तब्दील कर दिया था लेकिन एक कृषि विश्वविद्यालय के अलावा इस क्षेत्र को कुछ हासिल नहीं हुआ।

एक्सप्रेस वे गुजरने और रायबरेली रोड के फोरलेन होने से बदलाव

अब थोड़ा बदलाव इस क्षेत्र से एक्सप्रेस वे गुजरने और रायबरेली रोड के फोरलेन होने से बीते दस साल में हुआ। कम उपजाऊ कृषि भूमि और असिंचित क्षेत्र होने से यह इलाका वर्षाश्रित कृषि पर निर्भर है और भूमिगत जल की स्थिति के अनुसार डार्क जोन में आता है‌।

आज अखिलेश यादव की चुनावी सभा चुनाव की दौड़ में आज योगी आदित्यनाथ ने यहां अपनी सभा में क्षेत्र की स्थिति को ध्यान में रखकर विकास की दुहाई दी। और सांसद अवधेश प्रसाद के रुदन को भी आड़े हाथों लिया। सोमवार को सपा अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सभाएं होनी हैं। उनकी सभाओं से चुनावी नतीजों पर क्या असर पड़ेगा यह तो परिणाम ही बताएगा फिलहाल मतदाता के सामने तीनों विकल्प खुले हैं‌।



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