इंदौर में सुबह और रात में ठंड का असर है। दिन में धूप चुभ रही है।
मध्यप्रदेश में सुबह और रात में ठंड का असर है, जबकि दिन में धूप चुभ रही है। इसके साथ अब कोहरा भी छा रहा है। रविवार को ग्वालियर, नीमच, मुरैना, श्योपुर, मंदसौर और भिंड में कोहरा रहा। ऐसा ही मौसम सोमवार सुबह भी है। उज्जैन, ग्वालियर और चंबल संभाग में कोहर
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मौसम विभाग के मुताबिक, तीन दिन बाद प्रदेश में दिन-रात के पारे में 2 से 3 डिग्री की गिरावट हो सकती है, जबकि 12, 13 और 14 फरवरी को बारिश होने का अनुमान भी है।
ग्वालियर-जबलपुर समेत कई शहरों में दिन के पारे में गिरावट रविवार को ग्वालियर-चंबल में कहीं-कहीं बादल भी छाए रहे। वहीं, कई शहरों में दिन के तापमान में गिरावट देखने को मिली। ग्वालियर में 1.9 डिग्री की गिरावट के बाद पारा 27.4 डिग्री रहा। धार में 2.4 डिग्री की गिरावट हुई और तापमान 26.7 डिग्री पर आ गया। बैतूल, गुना, खंडवा, रतलाम, शिवपुरी, दमोह, जबलपुर, नौगांव, रीवा, सागर, सतना, सीधी, टीकमगढ़, उमरिया और मलाजखंड में भी पारा लुढ़क गया। इधर, शनिवार-रविवार की रात में भी कई शहरों में पारे में मामूली गिरावट देखने को मिली।
आज से नया सिस्टम 3 फरवरी से वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) के एक्टिव होने के आसार है। वहीं, 8 फरवरी को भी एक सिस्टम एक्टिव हो सकता है। इस वजह से प्रदेश में मौसम में बदलाव देखने को मिल सकता है। सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. वेदप्रकाश सिंह ने बताया, प्रदेश के कुछ हिस्से में पहले सप्ताह में बादल छाए रहेंगे। 12, 13 और 14 फरवरी को बारिश होने का अनुमान है। 20 फरवरी के बाद ठंड का असर और कम होगा। जिससे दिन-रात दोनों ही तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की जाएगी।
अगले 2 दिन ऐसा मौसम
- 3 फरवरी: मंदसौर, शिवपुरी, दतिया, भिंड में हल्के से मध्यम कोहरा रह सकता है। नीमच, ग्वालियर, मुरैना और श्योपुर में कहीं-कहीं घना कोहरा भी छाया रह सकता है।
- 4 फरवरी: प्रदेश में कहीं-कहीं पारे में हल्की गिरावट हो सकती है। दिन में धूप वाला मौसम रहेगा।
10 साल का ट्रेंड…दिन गर्म, रातें ठंडी और बारिश भी प्रदेश में पिछले 10 साल के आंकड़ों पर नजर डालें, तो फरवरी महीने में रातें ठंडी और दिन गर्म रहते हैं। बारिश का ट्रेंड भी है। इस बार भी ऐसा ही मौसम रहने का अनुमान है। भोपाल, इंदौर और उज्जैन में दिन का अधिकतम तापमान 30 डिग्री के पार रहेगा, जबकि रात में 10 से 14 डिग्री के बीच रह सकता है।
मौसम विभाग के अनुसार, फरवरी में सबसे ज्यादा ग्वालियर ठिठुरता है। पिछले साल यहां न्यूनतम तापमान 6.1 डिग्री तक पहुंचा था, लेकिन इससे पहले 5 डिग्री के नीचे ही रहा है। जबलपुर में दिन में गर्मी और रात में ठंड रहती है। दैनिक भास्कर ने प्रदेश के 5 बड़े शहर- भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन में फरवरी के मौसम के मिजाज के बारे में समझा। जानते हैं, ठंड के लिहाज से कैसा रहता है फरवरी…।
इस बार 2 महीने कड़ाके की ठंड, जनवरी में मिला-जुला असर इस बार शुरुआती दो महीने यानी, नवंबर और दिसंबर में कड़ाके की ठंड पड़ी। ठंड ने कई रिकॉर्ड तोड़ दिए। नवंबर की बात करें तो भोपाल में 36 साल का रिकॉर्ड टूटा। इंदौर, उज्जैन, जबलपुर और ग्वालियर में भी पारा सामान्य से 7 डिग्री तक नीचे रहा।
वहीं, दिसंबर में भी ठंड ने रिकॉर्ड तोड़ा। स्थिति यह रही कि पूरे प्रदेश में जनवरी से भी ठंडा दिसंबर रहा। भोपाल समेत कई शहरों में ठंड ने रिकॉर्ड तोड़ दिए। 9 दिन शीतलहर चली। भोपाल में दिसंबर की सर्दी ने 58 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर समेत कई जिलों में स्कूलों की टाइमिंग बदल दी गई है, जबकि भोपाल के वन विहार नेशनल पार्क में जानवरों को सर्दी से बचाने के लिए हीटर लगाए गए। भगवान को भी ठंड से बचाने के लिए जतन किए गए।
अब बात जनवरी की। शुरुआत 10 से 15 दिन तक कड़ाके की ठंड का दौर रहा, लेकिन फिर तेवर ठंडे हो गए। ठंड के दो दौर आए, जबकि तीन बार मावठा गिरा। मौसम वैज्ञानिक डॉ. सिंह ने बताया, जनवरी में ठंड का असर जरूर रहा, लेकिन पिछले 10 साल के ट्रेंड के अनुसार तेज सर्दी नहीं पड़ी। पश्चिमी विक्षोभ की स्ट्रॉन्ग एक्टिविटी नहीं होने से तेज बारिश का दौर नहीं रहा। न ही ओले गिरे, जबकि जनवरी में ओला-बारिश का दौर भी रहता है।
MP के 5 बड़े शहरों में फरवरी में ऐसा रहा सर्दी का ट्रेंड…
भोपाल में रातें ठंडी रहती है, दिन गर्म राजधानी भोपाल में रातें ठंडी रहती हैं, जबकि दिन गर्म। वर्ष 2015 से 2024 के बीच 4 साल दिन का अधिकतम तापमान 35 डिग्री के पार पहुंच गया। रात में 7 साल पारा 10 डिग्री से कम दर्ज किया गया। इस महीने बारिश होने का भी ट्रेंड है। हालांकि, 10 साल में सिर्फ 3 बार ही पानी गिरा है। रिकॉर्ड की बात करें तो 11 फरवरी 1950 को रात का पारा 1.7 डिग्री रहा था, जो ओवरऑल रिकॉर्ड है। 22 फरवरी 2006 को अधिकतम तापमान 37.6 डिग्री रहा था। साल 1986 को एक महीने में 2 इंच से ज्यादा पानी गिरा था।
इंदौर में बारिश का ट्रेंड नहीं फरवरी के महीने में इंदौर में बारिश होने का ट्रेंड नहीं है। 2015 में बूंदाबांदी जरूर हुई थी। दूसरी ओर, दिन में अधिकतम तापमान 32 डिग्री के पार ही रहता है। 2019 में तापमान 35 डिग्री दर्ज किया गया था। यहां रात में पारा 10 डिग्री के नीचे रहता है। हालांकि, पिछले साल यह 12 डिग्री रहा था। यहां 1 फरवरी 1929 को रात का पारा रिकॉर्ड 2.8 डिग्री पहुंच चुका है। दिन में 37.9 डिग्री रहा था, जो 22 फरवरी 2006 को दर्ज हुआ था। इंदौर में साल 2001 में पूरे महीने करीब दो इंच बारिश भी हो चुकी है।
ग्वालियर में कड़ाके की ठंड ग्वालियर में तेज ठंड का ट्रेंड रहता है। इसकी वजह यहां सीधे उत्तरी हवाएं आना है। वर्ष 2018 में 1.9 डिग्री, 2019 में 2.4 डिग्री, 2022 में 2.9 डिग्री और 2023 में पारा 2.3 डिग्री तक पहुंच चुका है। 10 साल में एक बार भी पारा 7 डिग्री से ज्यादा नहीं रहा। दूसरी ओर, 7 फरवरी 1974 को रात में पारा 0.3 डिग्री रहा था, जो ओवरऑल रिकॉर्ड है। 27 फरवरी 2014 को दिन का तापमान रिकॉर्ड 37.2 डिग्री पहुंच चुका है। वहीं, वर्ष 1898 में इस महीने में करीब 4 इंच बारिश हुई थी।
जबलपुर में भी बदला रहता है मौसम जबलपुर में भी मौसम बदला रहता है। फरवरी के दूसरे सप्ताह के बाद दिन का अधिकतम तापमान 30 डिग्री से अधिक रहता है, जबकि रात में तापमान न्यूनतम 11 डिग्री के आसपास रहता है। पिछले साल बारिश नहीं हुई थी, लेकिन इससे पहले फरवरी में बारिश होने का ट्रेंड रहा है। रिकॉर्ड की बात करें तो 2 फरवरी 1905 को न्यूनतम तापमान 0 डिग्री रहा था, जो ओवरऑल रिकॉर्ड है। वहीं, 27 फरवरी 1966 को दिन का तापमान 37.6 डिग्री रहा था। साल 1942 को पूरे महीने करीब 6 इंच बारिश हुई थी। 24 घंटे में सर्वाधिक बारिश होने का रिकॉर्ड 27 फरवरी 1987 को दर्ज हुआ था। इस दिन 131.7 मिमी यानी, 5 इंच से ज्यादा बारिश हो गई थी।
उज्जैन में गर्मी, बारिश और ठंड का दौर उज्जैन में गर्मी और ठंड के साथ बारिश भी होती है। दिन में अधिकतम तापमान 30 डिग्री के पार ही रहता है, जबकि रात में न्यूनतम पारा 10 डिग्री से कम दर्ज किया जाता है। हालांकि, इस बार फरवरी की शुरुआत में रात का पारा 10 डिग्री से अधिक ही है। पिछले 4 साल से फरवरी में बारिश भी नहीं हुई है। 1 फरवरी 2008 की रात में पारा रिकॉर्ड 1 डिग्री रहा था। वहीं, दिन का तापमान 39 डिग्री पहुंच चुका है। 2002 में पूरे महीने 2 इंच से ज्यादा पानी गिर चुका है।