शुक्रवार को मस्जिद मौलसिरी में कुरान मुकम्मल होने पर रमजान और कुरान की फजीलत बयान की गई। इस मौके पर मुल्क में अमन और तरक्की की दुआ करने के साथ इंसानियत अपनाने और मुल्क की तरक्की में मदद करने की अपील की गई।
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हाफिज अशरफ सिद्दीकी ने कहा कि इस्लाम में मुल्क से मुहब्बत करने और देश के कानून को मानने की हिदायत दी गई है। उन्होंने कहा कि कुरान एक मुकम्मल किताब है जो इंसाफ और इंसानियत का संदेश देता है।
इस्लाम में छोटे-बड़े और ऊंच-नीच का कोई भेद नहीं है। उन्होंने कहा कि गरीबों की मदद करें और किसी से इसका जिक्र भी नहीं करें। पैगंबर ए इस्लाम ने हमें अपनी रिश्तेदारी में कमजोर लोगों को हर तरह से सहयोग करने का हुक्म दिया है।
जकात सही से और समय से अदा करना चाहिए, ताकि गरीब के घर भी ईद की खुशियां आएं। इस मौके पर इमाम गुलाम रब्बानी ने कहा कि वक्त का तकाजा है कि एकता और मुहब्बत को और मजबूत करें। किसी के बहकावे में आकर कानून को अपने हाथ में नहीं लेना है।
हमें अपने पैगंबर की सीरत पर जुल्म करने वाले को भी माफ करने की नियत रखनी चाहिए, हमारा इमान है कि जो भी करता है अल्लाह है और अल्लाह अपने नेक बंदों का मददगार है। कुरान मुकम्मल होने की खुशी में नात-ओ-सलाम का नजराना पेश किया। नमाजियों को तबरूर्क भी तकसीम किया गया।