गर्मी और भीड़ के बीच महिला मरीजों को निजता तक नहीं मिल रही।
मुरैना जिला अस्पताल में अव्यवस्थाएं इस कदर हावी हैं कि मरीजों को इलाज के लिए बुनियादी सुविधाएं तक नहीं मिल पा रहीं। सोमवार को भास्कर टीम ने जब अस्पताल का जायजा लिया तो यहां एक-एक बेड पर दो-दो मरीज लेटे मिले। कई मरीजों को तो पलंग तक नसीब नहीं हुआ। मजब
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बता दें कि मुरैना जिला अस्पताल में पुरानी बिल्डिंग में 600 और नई बिल्डिंग में 300 पलंग हैं, बावजूद हालात इतने खराब हैं। गर्मी में भी भीड़ इतनी अधिक कि वार्ड में घुसना मुश्किल हो गया है।
मरीजों की आपबीती
- राजेंद्र, मुरैना निवासी: सोमवार को भर्ती हुए राजेंद्र को डॉक्टरों ने भर्ती का पर्चा तो दे दिया, लेकिन यह नहीं बताया कि कहां लेटना है। ड्रिप लगाई गई लेकिन बेड नहीं मिला। मजबूरन हाथ में बोतल लेकर पूरे अस्पताल में घूमते रहे।
- भोलू, जीगनी गांव निवासी: भोलू को भी सोमवार को भर्ती किया गया। उसे भी ड्रिप लगाई गई लेकिन पलंग नहीं मिला। आखिरकार वह अटेंडर वार्ड में गया और वहां खंभे से बोतल बांधकर खड़े-खड़े ड्रिप चढ़ाई।
महिलाओं की हालत और खराब सबसे ज्यादा खराब स्थिति महिला वार्ड की है। एक-एक पलंग पर एक महिला मरीज के साथ दो-दो अटेंडर भी बैठे नजर आए। गर्मी और भीड़ के बीच महिला मरीजों को निजता तक नहीं मिल रही।
देखिए बदहाल व्यवस्था की तस्वीरें…
हाथ में ड्रिप लिए घूम रहे मरीज व उनके परिजन।
अटेंडर वार्ड में ड्रिप चढ़वाता मरीज।
महिला वार्ड।