दरभंगा के नगर परिषद जाले में लगभग एक करोड़ की लागत से 8 साल पहले बनाए गए बीएमएसआईसीएल योजना के तहत एएनएम प्रशिक्षण संस्थान बुरी तरह जर्जर हो चुकी है। भवन को बाहर से देखकर ही उसकी मजबूती और मेंटेनेंस का अंदाजा लगाया जा सकता है।
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नव निर्मित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के पास ए.एन.एम ट्रेनिंग सेंटर है। इसे आज से लगभग 8 वर्ष पूर्व बनाया गया था। 4 जून 2018 से इस भवन में वर्ग संचालन की शुरुआत की गई थी। भवन की गुणवत्ता इतनी बेकार थी कि एक ही साल में छत से पानी का रिसाव होना शुरू हो गया। भवन के प्लास्टर झरने लगे। अब यह जर्जर नुमा स्वरूप ले चुका है।
स्थानीय धीरेंद्र कपूर ने बताया कि मेंटेनेंस के अभाव में इस ट्रेनिंग सेंटर के भवन की हालत काफी जर्जर हो चुकी है। भवन की दीवार पर पर जहां-तहां पेड़-पौधे व जंगल उग आए हैं। हर जगह टूटा-फूटा नजर आ रहा है जिसको लेकर विभाग के लोगों व जनप्रतिनिधि का ध्यान नहीं है। मुकेश कुमार पाठक और कृष्ण मोहन झा ने बताया कि यह तो इस ट्रेनिंग सेंटर के बाहर का दृश्य है, अंदर का दृश्य क्या है, कहना मुश्किल है।
लक्ष्मण नायक ने बताया कि अगर स्थिति ऐसी रही तो करोड़ों के लागत से निर्मित भवन एक दिन धराशायी हो जाएगा। स्थानीय मुकुल कुमार ने बताया कि जाले विधायक जीवेश कुमार द्वारा बीते चार-पांच महीने पूर्व ही स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव से जाले एएनएम कॉलेज के मेंटेनेंस को लेकर अनुशंसा की गई है। जल्द ही पहल होने की उम्मीद है।
जर्जर एएनएम प्रशिक्षण संस्थान जाले, दरभंगा।
एएनएम प्रशिक्षण संस्थान जाले में बिहार के विभिन्न जिलों की कुल 92 छात्राएं दो वर्षीय एएनएम की कोर्स कर रही है। यह एक आवासीय प्रशिक्षण केंद्र है। इसी भवन में 92 छात्राओं के साथ दो शिक्षक खुशबू कुमारी और शकुंतला कुमारी के अलावा प्रधानाध्यापिका पूनम कुमारी पदस्थापित है। एक बड़ा बाबू राजीव कुमार पोद्दार और चतुर्थ वर्गीय कर्मी अमित कुमार यहां कार्यरत है।
कहा- अभी व्यस्त है बाद में बात करते हैं
प्रशिक्षण संस्थान की जर्जर स्थिति और स्थानीय लोगों की शिकायत पर जब दैनिक भास्कर ने प्रशिक्षण संस्थान की प्रभारी अनुपमा कुमारी से फोन पर बातचीत करने का प्रयास किया। तो उन्होंने बताया कि वह इंटरनल एग्जाम करवा रही है, उसमें अभी व्यस्त हैं। कुछ समय बाद बात करेंगी। इसके बाद उनसे संपर्क नहीं हो सकी।