सिंगरौली के मोरवा में नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड की जयंत परियोजना के विस्तार के लिए एशिया का सबसे बड़ा शहरी विस्थापन होने जा रहा है। इस संबंध में बुधवार को जिला कलेक्टोरेट में एक बैठक हुई।
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कलेक्टर चंद्रशेखर शुक्ला की अध्यक्षता में हुई बैठक में एनसीएल के सीएमडी बी साईं राम और उनका पूरा स्टाफ मौजूद था। एनसीएल के कार्मिक निदेशक मनीष कुमार ने बताया कि विस्थापित होने वाले सभी नागरिकों के हितों का पूरा ध्यान रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश भू-अधिग्रहण और सीबी एक्ट के सभी प्रावधानों का पालन किया जाएगा।
कलेक्टर शुक्ला ने प्रभावित परिवारों को आश्वस्त किया कि उन्हें पात्रता के अनुसार सभी लाभ दिए जाएंगे। कोई भी पात्र परिवार लाभों से वंचित नहीं रहेगा। एनसीएल के सीएमडी ने भी जनप्रतिनिधियों को बताया कि परियोजना के हर पहलू की गहन जांच की गई है।
सर्वेक्षण के बाद निष्पक्ष रूप से लाभ देने का प्रयास किया गया है। यदि कोई बिंदु छूट गया है तो उसे भी चर्चा में शामिल किया जाएगा। बैठक में उपस्थित जनप्रतिनिधियों ने अपने सुझाव रखे, जिन्हें कलेक्टर ने गंभीरता से सुना।
मोरवा सिंगरौली का सबसे पुराना शहर है। इस विस्थापन में लगभग 50 हजार की शहरी आबादी प्रभावित होगी। यह अपने आप में एशिया का सबसे बड़ा शहरी विस्थापन कार्यक्रम है।