पेपर मिल कॉलोनी में पहुंची पुलिस।
यमुनानगर के पेपर मिल कॉलोनी में मंगलवार को तनावपूर्ण माहौल बन गया। जिला प्रशासन की टीम 200 क्वार्टर में बने मकानों को तोड़ने पहुंची, लेकिन स्थानीय लोगों के विरोध के कारण वापस लौटना पड़ा।
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जानकारी के अनुसार कॉलोनी में लगभग 40-50 घरों में करीब 250-300 लोग रहते हैं। ये सभी पेपर मिल के पूर्व कर्मचारी हैं। पेपर मिल के बेहतर दिनों में कंपनी ने अपने कर्मचारियों को यहां रहने के लिए क्वार्टर दिए थे।
कई कर्मचारियों के बकाया अभी भी बाकी
निवासी रजनी शर्मा, कौशल्य शर्मा, रामस्वरूप और निश्चल सिंह ने बताया कि वे पिछले 25-30 सालों से यहां रह रहे हैं। पहले पेपर मिल की स्थिति अच्छी थी। कर्मचारियों को अच्छी सुविधाएं और वेतन मिलता था। बाद में मिल घाटे में चली गई और बंद हो गई।
कुछ कर्मचारी दूसरी जगहों पर चले गए। कुछ को रिटायरमेंट के पैसे मिल गए। लेकिन कई कर्मचारियों के बकाया अभी भी बाकी हैं।
कॉलोनी के बाहर खड़ी पुलिस की गाड़ी और वेन।
पुलिस बल और अन्य कर्मचारी मकान तोड़ने पहुंचे
तहसीलदार अमित कुमार और सिटी थाना प्रभारी सतीश कुमार के नेतृत्व में प्रशासनिक टीम जेसीबी, पुलिस बल और अन्य कर्मचारियों के साथ मकान तोड़ने पहुंची थी। अधिकारियों ने बताया कि उनके पास कोर्ट का आदेश है। लेकिन स्थानीय लोगों के विरोध के चलते कार्रवाई नहीं हो सकी।
कर्मचारियों से बात करते हुए पुलिस कर्मचारी।
प्रशासन ने एक सप्ताह का समय दिया
जिला प्रशासन की टीम की ओर से 200 क्वार्टर में रह रहे लोगों को एक सप्ताह का समय दिया गया है। पुलिस ने उन्हें 30 अप्रैल तक 200 क्वार्टर से सामान को समेटने का समय दिया है। पुलिस ने कहा कि शांतिपूर्वक चले जाएं क्योंकि यहां पर मकान को तोड़ने का उनके पास नोटिस है।
अगर कोई व्यक्ति मकान को तोड़ने में बाधा पहुंचाएगा या मकान खाली नहीं करेगा तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।